सुजीत सिंह प्रिंस-
बेल्थरा रोड, बलिया : फर्जी मुकदमें और 69 दिन जेल के बाद भी तोड़ नहीं पाई पुलिस तो अब 110G का नोटिस जारी करके सरकारी आतंक फ़ैलाने की कोशिश…
ये मामला उत्तर प्रदेश के पूर्वी व अंतिम छोर पर बसे बागी बलिया का है जिसमें सरकार/पुलिस ने एक ईमानदार और गरीबों/आम आदमी के हक़ की लड़ाई लड़ने वाले , पुलिस के रिश्वतखोरी व गलत कार्यों विरोध करने वाले सिंहासन चौहान को पुलिस के 2019 में बलात्कार का फर्जी केस लगाकर 69 दिन जेल में रहने के बाद भी नहीं तोड़ पाई तो अब उनके खिलाफ धारा – 110G लगाकर तोड़ना चाहती है।
इस संबंध में सिंहासन चौहान का कहना है पुलिस चाहे कुछ भी कर ले मगर मुझे मेरे रास्ते (सच्चाई) से नहीं हटा पायेगी। अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। सिंहासन का कहना है 30/01/2023 को मैं SDM न्यायालय में नोटिस का जवाब दूंगा , इसमें मेरा कोई वकील नहीं है, अपनी बात मैं खुद रखूंगा। मेरे द्वारा रखे गए फैक्ट्स और सवालों का पुलिस के पास कोई जवाब नहीं होगा। पहले तो मैं इस लड़ाई में अकेला था मगर अब पूर्व आईपीएस श्री अमिताभ ठाकुर की अधिकार सेना का कर्मठ सिपाही हूँ, व मीडिया का सहयोग सच के साथ है ही। पुलिस को जो भी जाल बिछाना है बिछा ले मगर मैं अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनवरत लड़ता रहूँगा।
थाने के दलालों और भ्रष्टाचारियों की नजर में क्यों चुभने लगे सिंहासन चौहान :
थाने में पासपोर्ट सत्यापन के लिए पुलिस 1500/ रूपये लेती है , सिंहासन चौहान ने इसका विरोध किया। खुद जब 2014 में थाना भीमपुरा में सिंहासन चौहान से पासपोर्ट सत्यापन के लिए 1500/ रूपये मांगे तो सिंहासन चौहान ने इसका विरोध किया और इन पैसों की रसीद मांगी। पुलिस ने रसीद देने से मना कर दिया तो सिंहासन चौहान ने ये कहा कि जब रसीद नहीं तो किस बात के पैसे ? पुलिस ने कहा ठीक है जाइये , और बिना पैसे के पासपोर्ट का सत्यापन हो गया।
उसके बाद अधिकतर गाँव के लड़के पासपोर्ट सत्यापन के समय सिंहासन चौहान को थाने ले गए और उनका बिना पैसे के पासपोर्ट का सत्यापन होने लग गया । सिंहासन चौहान पुलिस की आँखों में खटकने लग गए। एक वाकया सिंहासन चौहान बताते हैं। पासपोर्ट के LIU बलिया ने पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर वसूले गए 1500/ रूपये बलिया से भीमपुरा आकर वापस कर दिया। सिंहासन चौहान का कहना है ये मेरे जिंदगी का पहला मामला है जो पुलिस पैसे खाकर उसे वापस कर गयी हो। ये कहानी थोड़ी इंटरेस्टिंग है। शाहपुर टिटिहा का एक लड़का सुरेंद्र है जिसकी पासपोर्ट की इन्क्वारी आई। वो सिंहासन चौहान के पास आया और साथ में चलने के लिए कहा । सिंहासन चौहान को कहीं जाना था इसलिए जा नहीं पाए और सुरेंद्र को कहा कि तुम अपनी गरीबी की मज़बूरी बताकर पैसे मत देना अगर फिर भी नहीं माने तो उनको बोल देना की सर इन पैसों की रसीद दे दीजिये जिसे मैं घर पर दिखा सकूँ। उस लड़के ने वैसे ही किया और मूर्ख LIU अफसर ने सादे पेपर पर ‘1500/ रूपये प्राप्त किये’ लिखकर दे दिए।
सिंहासन चौहान ने वो रसीद SP BALLIA व अन्य उच्च अधिकारियों को मेल कर दिया । दो दिन बाद DIG ऑफिस से जांच के आदेश आ गए और LIU के चार अधिकारी बोलेरो से भीमपुरा आए और सुरेंद्र चौहान को 1500/ रूपये वापस कर गए। बोले- चौहान साहब उसकी नौकरी चली जाएगी। इस संबंध में सिंहासन ने सोशल मीडिया फेसबुक व्हाट्सअप पर पोस्ट भी डाली थी कि अगर पुलिस किसी से पासपोर्ट सत्यापन के लिए पैसे मांगती है तो वो मेरे पास आएं, मैं थाने में साथ चलूँगा, किसी का एक पैसा नहीं लगेगा। लोग आते भी हैं।
बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका सिर्फ सिंहासन चौहान के ट्वीट द्वारा ही समस्या का समाधान हो गया। नोएडा की महिला प्रमिला सिंह को पति के बाद ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया गया, घर से निकाल दिया गया । पुलिस ने ससुराल वालों से पैसे लेकर उसको फरीदाबाद थाने से भगा दिया। इस महिला की सिंहासन से मुलाकात ट्विटर पर हुई और सिंहासन को ट्विटर पर ही मदद की रिक्वेस्ट की। सिंहासन ने महिला की पूरी बात सुनकर DGP हरियाणा व उच्च अधिकारीयों को शिकायत की। शिकायत के बाद उक्त महिला को फरीदाबाद पुलिस ने बुलाया। पुलिस ने सहयोग की बात कही। एक महिला का पति जमशेदपुर में CISF में हैं। किसी दूसरी लड़की के चक्कर में पत्नी को मारता पीटता था और 2 बच्चों को छीन लिया है। महिला की सुनने वाला कोई नहीं था। महिला मऊ जिले की है। किसी माध्यम से सिंहासन के पास आयी। सिंहासन की शिकायत पर उस महिला को मऊ पुलिस ने बुलाया। उसकी बात सुनी। मगर उसके बच्चों को नहीं दिलवाया। अब सिंहासन उस महिला को उसके बच्चे दिलाने के लिए मऊ कलेक्ट्रेट में अधिकार सेना की मऊ टीम के साथ धरने पर बैठने का विचार कर रहे हैं ।
2020 के कोरोना काल में एक पति अपनी पत्नी को घर में रखने के लिए तैयार नहीं था वो महिला रोते हुए सिंहासन के पास आई और सिंहासन ने सिर्फ शिकायत ट्वीट के द्वारा ही हल करवाई और पुलिस उस महिला को उसके पति के घर में रखवा कर गयी। इस तरह के बहुत से मामले हैं।
एक मामला इंदिरा आवास में घोटाले को लेकर है जिसमें सिंहासन 2014 से लगे हुए हैं मगर भ्रष्ट सिस्टम लगातार दोषियों को बचाने में लगा रहा। अंत में सिंहासन अपनी पत्नी के साथ 7 दिन तक जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठे तब जाकर मुकदमा दर्ज हुआ । पैसे पर बिकी हुई व राजनैतिक दबाव से पुलिस ने मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान पंकज सिंह को बचा लिया व सचिव, तीन मुर्दे , 6 अज्ञात कुल 12 आदमियों के खिलाफ FIR नं 136/2020 थाना उभांव में मुकदमा दर्ज किया । मगर अभी भी सिंहासन ने हार नहीं मानी है। वो कहते हैं कि मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान को जेल की सीखचों के पीछे पहुंचवा कर ही दम लूंगा ।
एक बहुत ही दिलचस्प मामला करीब 15 साल पहले एक नाबालिग लड़की को भगा ले जाने व जान से मार कर बिजली के टावर में दफ़न कर दिये जाने का है । 156 (3) के तहत आखिर सितम्बर 2019 में मुकदमा 108 19 में दर्ज हो गया। 2020 में पुलिस ने इस पर फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया था । जब सिंहासन को जानकारी हुई तो सिंहासन ने DGP को एक तल्ख़ लेटर लिखा जिसका सारांश ये था कि अगर पुलिस का पेट सरकार की दी हुई तनख्वाह से नहीं भरता तो हाथ में कटोरा लेकर चौराहे पर बैठ जाएँ, इससे ज्यादा पैसे कमा लेंगे । इसका DGP ने संज्ञान लिया और दुबारा विवेचना के आदेश दे दिए । इसकी विवेचना CO रसड़ा श्री शिव नारायण वैश कर रहे हैं । 16 गवाह नोटरी देने के बाद भी पुलिस खामोश बैठी है । इस संबंध में सिंहासन चौहान ने लगातार 107 अनुस्मारक ट्वीट किये तब अभी पुलिस थोड़ा हरकत में आई है और इसी महीने में दो बार सीओ जांच के लिए आ चुके हैं । अभी 10 दिन पहले सिंहासन की सीओ से मुलाकात हुई थी जिसमें सीओ ने बताया की सिंहासन जी, मैं पहले थोड़ा ढीला पद गया था मगर एक डेढ़ महीने में केस को फाइनल कर दूंगा।
सिंहासन की आवाज़ को दबाने के लिए भ्रष्टाचारियों ने पुलिस को मोटे पैसे देकर फर्जी छेड़खानी का मुकदमा उस समय दर्ज करवाया जब सिंहासन चौहान ट्रेन में थे, जिसका कन्फर्म इ टिकट उनके पास है। इसमें पूर्व भ्रष्ट ग्राम प्रधान पंकज सिंह की मुख्य भूमिका थी । बाद में महिला का बयान बदलवाकर रेप की धारा 376 बढा दी। इसमें सिहांसन को 69 दिन जेल में काटने पड़े। इस केस में आरोप लगाने वाली वही महिला है जिसका पति लड़की को भगाकर लाया था और जान से मार दिया। पंकज सिंह व लड़की को भागने वाले सुग्रीव का ये विचार था कि जेल जाने के बाद सिंहासन इस दोनों मामले से पीछे हट जाएगा और उससे मनचाहा समझौता कर लेंगे, मगर इससे सिंहासन ज़रा भी भयभीत नहीं हैं। उनका कहना है कि मैं बाइज्जत बरी हो जाऊंगा और पुलिस को माननीय न्यायालय में मेरे सवालों का जवाब देना भारी पड़ जायेगा।
शाहपुर टिटिहा गाँव में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों ने पैसे के चक्कर में लोगों के चक में काफी गड़बड़ी की। मगर इन अधिकारियों के खिलाफ कोई बोलने को तैयार नहीं था । सिंहासन ने उच्च अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखे, जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तब सिंहासन ने कुछ आदमियों के साथ अधिकार सेना के बैनर तले तहसील बेल्थरा रोड में धरना प्रदर्शन किया और भ्रष्ट अधिकारियों के लिए भीख मांगी। भीख द्वारा कुल 202/ रूपये इकट्ठे हुए और सिंहासन उसका ड्राफ्ट बनवा कर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को एक कवरिंग लेटर के साथ भेज दिया कि जिनका पेट सरकार की दी हुई तनख्वाह से नहीं भरा है उन्हें दान कर दिया जाए । इसका असर ये हुआ कि चकबंदी अधिकारी ने अपनी अदालत शाहपुर टिटिहा में ही लगानी शुरू कर दी। गाँव आकर मौका देखकर फरियादियों के मुकदमें का निस्तारण किया जायेगा।
8 जनवरी 2023 को एक मनबढ़ ने विधवा महिला का घर तोड़कर सामान में आग लगा दी । थाने के दलालों ने थाने पैसे देकर मुकदमा नहीं दर्ज होने दिया। बाद में वो महिला सिंहासन के पास आई और सिंहासन के पैरवी से उस महिला का मुकदमा दर्ज हुआ । पुलिस इसमें भी खेला कर गयी और गंभीर धारा नहीं लगाई । सिंहासन उस महिला लेकर सीओ गए घटना की वीडियो दिखाई । विडिओ देखने के बाद सीओ ने थानाध्यक्ष को धारा बढ़ाने व मुजरिम को गिरफ्तार करने के लिए निर्देशित किया। मुजरिम अभी भी फरार है, पुलिस ने धारा बढाई है या नहीं, इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है । हाँ पुलिस ने महिला को लकड़ी की चौकी (तख़्त) जरूर अपने पास से दिया है ।
पुलिस का 110G जारी करवाना सिर्फ और सिर्फ सिंहासन की आवाज़ को दबाना है । मगर पुलिस ने गलत व्यक्ति पर हाथ डाल दिया है । सिंहासन चौहान का कहना है कि 30/01/2023 को तो मैं 110G नोटिस का जवाब दूंगा ही, दूसरी तरफ इस नोटिस को भी चैलेन्ज करूंगा । थानाध्यक्ष श्री अखिलेश कुमार व क्षेत्राधिकारी शिवनारायण वैश के खिलाफ भी मुकदमा करूंगा। सबसे मजेदार बात पुलिस द्वारा अपनी चालानी रिपोर्ट में पॉइंट 4 में ये लिखा है कि बीट सूचना रपट नं 43 दिनांक 29/12/2022… मगर उस समय सिंहासन यहाँ पर थे ही नहीं । 27/12/2022 को सिंहासन अपनी पत्नी लीलावती व लड़के अखिलेश के साथ दिल्ली से उज्जैन गए थे… 28/12/2022 को उज्जैन पहुंचे । 28/12/2022 को वापसी का टिकट था और 29/12/2022 को उज्जैन से वापस फरीदाबाद पहुंचे थे। सिंहासन 20 दिसंबर 2022 को अपनी पत्नी के साथ फरीदाबाद गए थे और 7 जनवरी 2023 को फरीदाबाद से वापस बलिया आये थे।
इस सारे मामले में सिंहासन चौहान का कहना है कि अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार के खिलफ मेरी जंग जारी रहेगी। पुलिस की ये तानाशाही, चंगेजी कारनामें मेरे रास्ते को नहीं रोक पाएंगे। मैं सत्य और ईमानदारी के रास्ते पर हूँ बेशक मुझे व्यक्ति परेशानी हो सकती है मगर जीत मेरी ही होगी । आगे सिंहासन चौहान का ये मानना है कि भ्रष्टाचार को रोकना कोई नामुमकिन नहीं है मुश्किल है मगर नामुमकिन नहीं । जब मेरे जैसा एक अदना सा आदमी इतना सब कुछ कर सकता है तो जहां पूरी टीम काम करेगी वहाँ से भ्रष्टाचारियों को भागते देर नहीं लगेगी । पुलिस के ये कारनामे सिंहासन को गीधड भभकी से ज्यादा कुछ नहीं लगते।
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