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मध्य प्रदेश

द सूत्र का मध्य प्रदेश सर्वे : बहुमत के आंकड़े से दूर BJP को 20 सीटों का नुकसान, कांग्रेस को 23 का फायदा

भोपाल. द सूत्र के मध्यावधि-2021 (madhyawadhi 2021) के नतीजों के मुताबिक यदि अभी मध्यप्रदेश (mp) में विधानसभा चुनाव (assembly election) होते हैं तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े 115 सीटों से 8 सीटें दूर रह सकती है। यानि बीजेपी को 107 सीटें मिल सकती हैं।

उसे विधानसभा (vidhansabha) में मौजूदा 127 सीटों की तुलना में 20 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस (congress) बहुमत के आंकड़े यानि 115 सीटों से केवल चार सीटें ज्यादा जीत सकती है। उसे मौजूदा 119 सीटों की तुलना में 23 सीटों का फायदा हो सकता है। कुल मिलाकर आप यह मान सकते हैं कि प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस में 2018 की तरह ही कांटे का सीधा मुकाबला है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) को मौजूदा 2 सीटों की तुलना में 1 सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है। समाजवादी पार्टी (SP) को 1 और निर्दलीय के खातों में 2 सीटें आ सकती हैं।

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जानिए द सूत्र ने क्यों और कैसे किया मध्यावधि-2021
द सूत्र के मध्यावधि-2021 के पूरे नतीजों (Madhyawadhi Election Result) का खुलासा करने से पहले आपको बताते हैं कि यह क्यों, कैसे और कितनी गोपनीय प्रक्रिया के साथ किया गया। बता दें कि मौजूदा 15 वीं विधानसभा के लिए चुने गए विधायकों के 12 सितंबर को एक हजार दिन पूरे हुए हैं। इस मौके पर एक जिम्मेदार मीडिया हाउस के नाते द सूत्र की मंशा थी कि आपका कीमती वोट हासिल कर विधायक बने सभी।

जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इसके साथ यदि मप्र में अभी विधासनसभा चुनाव हों तो कितने लोग चाहेंगे कि मौजूदा बीजेपी सरकार बनी रहे या सरकार बदलना चाहिए। इस समय जनता की नजर में प्रमुख मुद्दे क्या हैं। इन सभी मसलों को लेकर द सूत्र ने मध्यावधि चुनाव 2021 की वोटिंग कराई। हमारी दृढ़ मान्यता है कि मजबूत लोकतंत्र (Democracy) की पहली और सबसे बड़ी आवश्यकता है इन जनप्रतिनिधियों की कड़ी निगरानी।

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इसी बात को ध्यान में रखते हुए द सूत्र ने बहुत पहले से ही मध्यावधि चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थीं। ताकि विधायकों के कामकाज की समीक्षा (Performance Review of MLA) की जा सके और सभी विधायकों को अहसास कराया जा सके कि अब द सूत्र प्रदेश की जागरूक जनता के साथ मिलकर उनके कामकाज की कड़ी निगरानी करेगा।

पारदर्शिता और गोपनीयता के लिए OTP के जरिए ऑनलाइन वोटिंग

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इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर द सूत्र की टीम ने कई दौर की बैठक के बाद 10 सवाल तैयार किए। चुनाव पूरी पारदर्शी प्रक्रिया से हो इसकी भी पूरी चाक चौबंद व्यवस्था की गई। चूंकि मध्यावधि चुनाव के लिए द सूत्र ने अपनी वेबसाइट और ऐप के जरिए ऑनलाइन वोटिंग (online voting) कराने का फैसला लिया था इसलिए गोपनीयता और सुरक्षा बरतना और भी ज्यादा जरूरी था क्योंकि ऑनलाइन वोटिंग में फर्जी वोटिंग की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसीलिए द सूत्र ने तय किया कि एक व्यक्ति एक वोट ही कर सके ऐसी तकनीकी व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। इसके लिए मैक एड्रेस से वेबसाइट और मोबाइल ऐप को सिक्योर किया गया। इसके बाद सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए ओटीपी का भी सहारा लिया गया।

मध्यावधि-2021 के लिए 19 लाख लोगों तक पहुंचा द सूत्र
ज्यादा से ज्यादा लोग मध्यावधि चुनाव 2021 (Mid Term Election 2021) में हिस्सा लें इसके लिए निर्भीक पत्रकारिता और मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध द सूत्र ने चौतरफा प्रयास किए। प्रचार रथ बनवाए, अखबारों के जरिए पैम्फ्लेट बांटे। प्रदेश के कई शहरों में होर्डिंग्स लगाए और खुद जनप्रतिनिधियों से मध्यावधि चुनाव में हिस्सा लेने की अपील भी करवाई गई। मकसद सिर्फ एक था। जनता को जागरूक करके ज्यादा से ज्यादा वोट डलवाना। तमाम ग्राउंड एक्टिविटीज के अलावा द सूत्र ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म के जरिए भी लोगों तक वोटिंग की लिंक पहुंचाई। कई शहरों में एक्शन ग्रुप भी बनवाए गए। 18 सितंबर की रात 12 बजे से 25 सितंबर की रात 12 बजे तक लोगों ने सरकार और अपने विधायक के कामकाज का आंकलन कर मध्यावधि चुनाव में वोटिंग की। इस दौरान द सूत्र मध्यप्रदेश के करीब 19 लाख से ज्यादा वोटरों तक तक पहुंचा।

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वोटिंग के लिए एक्सपर्ट पैनल ने तय किए 10 सवाल
जागरूक नागरिकों से ऑनलाइन वोटिंग कराने के लिए दस सवालों का चयन कई दौर के विचार मंथन के बाद किया गया। इस प्रक्रिया के लिए एक्सपर्ट्स का खास पैनल शामिल किया गया। चुनिंदा दस सवालों के लिए लोगों को मल्टीपल ऑप्शन दिए गए जिन्हें केवल टिकमार्क करना था। कुछ सवाल थे जिन पर प्रतिक्रिया देना थी। अब आपको बताते हैं कि द सूत्र ने प्रदेश के आम वोटर से जो दस सवाल किए उन्हें लेकर जनता ने किस तरह से अपनी राय रखी है।

कांग्रेस 56 फीसदी, बीजेपी 38 फीसदी लोगों की पसंद

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AAP- 3 प्रतिशत
कांग्रेस- 56 प्रतिशत
जयस- 2 प्रतिशत
BSP- 1 प्रतिशत
BJP- 38 प्रतिशत

74 फीसदी वोटर मौजूदा विधायक को चुनेंगे

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वर्तमान विधायक -74 प्रतिशत
रनर अप – 23 प्रतिशत
नया चेहरा – 3 प्रतिशत

53 फीसदी वोटर बदलना चाहते हैं मुख्यमंत्री का चेहरा

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हां- 53 प्रतिशत
नहीं- 42 प्रतिशत
कह नहीं सकते- 5 प्रतिशत

43 फीसदी वोटर विधायकों के कामकाज से संतुष्ट

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हां पूरी तरह से- 43 प्रतिशत
नहीं, बिल्कुल नहीं- 52 प्रतिशत
कह नहीं सकते- 5 प्रतिशत

56 फीसदी वोटर कोरोना संकट में विधायकों की भूमिका से नाखुश

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हां, पूरी तरह से- 35 प्रतिशत
नहीं, बिल्कुल नहीं- 56 प्रतिशत
काम औसत रहा- 9 प्रतिशत

43 फीसदी वोटर विधायकों को मानते हैं भ्रष्ट

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ईमानदार- 36 प्रतिशत
भ्रष्ट- 43 प्रतिशत
कह नहीं सकते- 21 प्रतिशत

59 फीसदी वोटर कोरोना संकट में शिवराज सरकार के प्रयासों से असंतुष्ट

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हां, पूरी तरह से- 34 प्रतिशत
नहीं, बिल्कुल नहीं- 59 प्रतिशत
कह नहीं सकते- 7 प्रतिशत

62 फीसदी वोटर मानते हैं बीजेपी को कांग्रेस सरकार नहीं गिरानी चाहिए थी

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हां, बीजेपी ने बहुत अच्छा किया था- 30 प्रतिशत
नहीं, बीजेपी को ऐसा नहीं करना था- 62 प्रतिशत
कह नहीं सकते- 8 प्रतिशत

52 फीसदी वोटर की राय में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या

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कानून व्यवस्था- 4 प्रतिशत
बेरोजगारी- 52 प्रतिशत
भ्रष्टाचार- 18 प्रतिशत
महंगाई- 21 प्रतिशत
सड़क- 3 प्रतिशत
सांप्रदायिकता- 2 प्रतिशत

45 फीसदी वोटर की राय में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने में कांग्रेस के प्रयास ज्यादा गंभीर

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कांग्रेस- 45 प्रतिशत
बीजेपी- 29 प्रतिशत
दोनों ही पार्टियां राजनीति कर रही हैं- 26 प्रतिशत।

आपको प्रजा नहीं, नागरिक बनाना है मकसद
मध्यावधि चुनाव-2021 (Thesootr Mid term Election Result) की इस पूरी कवायद के माध्यम से द सूत्र का असल मकसद आपको प्रजा नहीं, नागरिक बनाना है। इसके लिए सभी पाठकों से विनम्र आग्रह है कि आप चुनाव में वोट देकर पांच साल भूलिए मत बल्कि आपका कीमती वोट लेकर जनसेवा (public service) के नाम पर विधानसभा में पहुंचने वाले अपने नुमाइंदों (public representative) के कामकाज का निरंतर मूल्यांकन करिए। उम्मीद है आप लोकतंत्र (democracy) को स्वस्थ और जीवित बनाए रखने के लिए एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक (responsible citizen) के रूप में यह जरूर करेंगे।

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