Sanjaya Kumar Singh : अमर उजाला पढ़ना, ”मेरे लिए ‘टॉरपिडो’ की तरह है”. अमर उजाला हिन्दी के अच्छे, बड़े और पुराने अखबारों में है। आज शर्मिष्ठा (और राष्ट्रपति प्रणब) मुखर्जी की खबर दिलचस्प है। देख रहा था कि हिन्दी के अखबारों में कहां कैसे छपी है तो पता चला अमर उजाला में भी छपी है।
शर्मिष्ठा के ट्वीट में अंग्रेजी का एक शब्द है ‘torpedo’। हिन्दी तो छोड़िए, अंग्रेजी में भी इसका उपयोग कम होता है और अंग्रेजी के उन शब्दों की तरह नहीं है कि बाकी के पूरे वाक्य को हिन्दी में लिखकर इसे अंग्रेजी में ही रहने दिया जाए तो अर्थ समझ में आ जाएगा। पर अमर उजाला ने वही किया है।
अखबार ने लिखा है, “कांग्रेस छोड़ने की अफवाह को बकवास बताते हुए शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया है, ‘पहाड़ों में खूबसूरत सूर्यास्त का आनंद लेने के बीच भाजपा में मेरे शामिल होने की अटकलें मेरे लिए ‘टॉरपिडो’ की तरह हैं। इस दुनिया में कहीं भी सुकून और शांति नहीं मिल सकती है क्या?’” कहने की जरूरत नहीं है कि इस वाक्य से ‘टॉरपिडो’ का अर्थ समझ में नहीं आता है पर अमर उजाला ने हिन्दी के पाठकों के लिए यूं ही परोस दिया है।
अंग्रेजी के कुछ शब्द तो मांसाहारी को आलू परोसने की तरह होते हैं जिसमें कोई खास दिक्कत नहीं है। पर कुछ शब्द ऐसे होते हैं जैसे किसी लहसुन-प्याज भी न खाने वाले को मुर्गे की टांग परोस दी जाए।
लंबे समय तक जनसत्ता में काम करके मैं समझ सकता हूं कि यह किसी एक आदमी की लापरवाही या जल्दबाजी है पर साख तो पूरे अखबार की खराब होती है। आजकल अखबारों या मीडिया का जो हाल है उसमें पाठक उपभोक्ता की तरह अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ता है और इसका असर यह है कि अखबार लोकतंत्र के कथित चौथे स्तंभ की भूमिका में तो नहीं ही हैं एक उत्पाद के रूप में भी परफेक्ट नहीं हैं। पाठकों को आधा-अधूरा घटिया माल टिकाए जा रहे हैं। बस कमाने में लगे हैं।
अंग्रेजी में खबर का संबंधित अंश इस प्रकार है, She responded with a sharp tweet: “In the mountains enjoying a beautiful sunset, & suddenly this news that I’m supposedly joining BJP hits like a torpedo! Can’t there be some peace & sanity in this world? I joined politics because I believe in @INCIndia Wud rather leave politics than leave Congress.”
इस लिहाज से Torpedo (उच्चारण टॉःपिडो होगा। आर सायलेंट है) का अर्थ है, बर्बाद या व्यर्थ कर देना। यहां शर्मिष्ठा का संदर्भ छुट्टी बर्बाद कर देने से है। और यह मीडिया से परेशानी भी बयान करता है। हालांकि इसके लिए उन्होंने अपने पिता को जिम्मेदार ठहराया है। कहने की जरूरत नहीं है कि शर्मिष्ठा के भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के दावे या अफवाह को खबर बनाने से पहले संबंधित अखबार या चैनल को शर्मिष्ठा से बात करनी चाहिए थी (हालांकि छुट्टी तब भी खराब होती) पर ऐसा नहीं किया गया। क्योंकि आजकल क्या अफवाह है वह भी खबर है।
अंग्रेजी में Torpedo लंबा पतला बम होता है जो पानी के अंदर चलकर जाता है और सामने जिस जहाज पर लक्ष्य किया जाता है को नष्ट कर देता है।
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह की एफबी वॉल से. इस पर आए ढेर सारे कमेंट्स में से कुछ प्रमुख यूं हैं….
Ravindra Bhatnagar पनडुब्बी या युद्धक जलपोत उडाने के काम आता है टारपीडो
Rajneesh Kumar Chaturvedi किसी अखबार में इसका अनुवाद तूफान किया गया है।
Piyush Tiwari टॉरपिडो एक मछलियो होती है सर।शार्क ग्रुप कीऔर करेंटभी मारती है
Mohanraj Purohit Known as electric ray fish.. Just like water missile in deep water guided by laser or any other technology, to target enemies object.
Shyam Singh Rawat ऐसा शब्द-प्रयोग भूलवश हो सकता है या किसी ‘कुपढ़’ की मासूम नादानी। ऐसे प्रयोग इधर बहुत आम हो गये हैं। अब रघुवीर सहाय जैसे संपादक कहां रहे जो दुनियाभर में मास्को कहे जाने वाले शहर को ‘दिनमान’ में मस्क्वा लिखवाते थे। इसके पीछे उनका सिद्धांत था कि स्थानिक तौर पर जो शब्द जैसे उच्चारित और भाव-प्रकाश करता है उसको उसी तरह लिखा-बोला जाना चाहिये।
शब्दों के शुद्धिकरण के प्रबल समर्थक तथा हिंदी के आधुनिक पाणिनि कहे जाने वाले और ‘हिंदी शब्दानुशासन’ जैसा अनमोल ग्रंथ के रचयिता आचार्य किशोरी दास बाजपेयी पाश्चात्य विचारधारा के पृष्ठपोषक और दुराग्रही तमाम हिंदी समाचार पत्रों के संपादकों, विश्वविद्यालयों के विभागाध्यक्षों और हिंदी से जीविकार्जन करने वालों को कुपढ़ कहा करते थे। वे सदैव पढ़ने से अधिक गुनने पर जोर देते रहे।
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