वाराणसी से सूचना है कि अमर उजाला के संपादक राजेंद्र त्रिपाठी, समाचार संपादक प्रदीप कुमार मिश्रा एवं क्राइम रिपोर्टर पुष्पेंद्र कुमार त्रिपाठी के खिलाफ सेवापुरी इलाके के संवाददाता घनश्याम पाठक ने वसूली, ब्लैकमेलिंग, धमकी, गाली-गलौज जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. घनश्याम पाठक का कहना है कि वे लगभग 15 वर्षों से अमर उजाला वाराणसी में …
Tag: amar ujala,
घपले की खबर छपने से बौखलाए रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक ने अमर उजाला पर दर्ज कराया मुकदमा
अमर उजाला के सम्पादक, मुद्रक और ब्यूरो चीफ के खिलाफ कराया केस… सहारनपुर के रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक(आरएम) ने घपले की खबर छपने के बाद बौखलाहट में अखबार के संपादक, मैनेजर और ब्यूरो चीफ के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है. रोडवेज के आरएम मनोज कुमार की ओर से अदालत के आदेश पर मेरठ यूनिट …
दैनिक जागरण और अमर उजाला ने अटलजी की मौत पर भी कारोबार कर लिया!
अगर नीचता और बेशर्मी की पराकाष्ठा देखनी है तो खुद को ब्रह्मांड का नंम्बर एक अखबार कहने वाले दैनिक जागरण का अटल जी की मौत के अगले दिन का अंक और “जोश सच का” यानी अमर उजाला का भी अटजी के मौत के अगले दिन का अंक उठा कर देखिये. हिंदी के दोनों प्रमुख अख़बारों …
अमर उजाला पढ़ना, ”मेरे लिए ‘टॉरपिडो’ की तरह है”
Sanjaya Kumar Singh : अमर उजाला पढ़ना, ”मेरे लिए ‘टॉरपिडो’ की तरह है”. अमर उजाला हिन्दी के अच्छे, बड़े और पुराने अखबारों में है। आज शर्मिष्ठा (और राष्ट्रपति प्रणब) मुखर्जी की खबर दिलचस्प है। देख रहा था कि हिन्दी के अखबारों में कहां कैसे छपी है तो पता चला अमर उजाला में भी छपी है।
मीडिया अवॉर्ड में ‘अमर उजाला काव्य’ ने हासिल किए दो सम्मान
हिंदी के प्रतिष्ठित समाचार समूह अमर उजाला की वेबसाइट काव्य ने इनमा ग्लोबल मीडिया अवार्ड में दो कैटेगरी के तहत कांस्य पदक हासिल किया है। अमेरिका के वाशिंगटन स्थित अमेरिकन थिएटर मीड सेंटर में 4 जून को इनमा ग्लोबल मीडिया अवॉर्ड समारोह का शानदार आयोजन किया गया।
अमर उजाला के संपादक के खिलाफ बुलंदशहर में एफआईआर दर्ज
बुलंदशहर नगर कोतवाली में अमर उजाला के संपादक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता की तहरीर पर जिला प्रशासन की तरफ से यह एफआईआर दर्ज कराई गई। संपादक के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर यह एफआईआर दर्ज कराई गई है।
अखंड गहमरी ने अमर उजाला के स्थानीय संवाददाता से दुखी होकर प्रधान संपादक को भेजा लीगल नोटिस
हमारे गहमर में एक समाचार पत्र है अमर उजाला जिसके स्थानीय संवाददाता को कार्यक्रम में बुलाने के लिए जो मानक है वह मानक मैं पूरा नहीं कर पाता। इस लिए वह न तो हमारे कार्यक्रम की अग्रिम सूचना छापते हैं और न तो दो दिनो तक कार्यक्रम के समाचार। तीसरे दिन न जाने उनको क्या मिल जाता है जो आनन फानन में मुझसे बात कर न करके अन्य लोगो से व्यक्ति विशेष के बारे में सूचना मॉंगते है और मनगढ़त खबर बना कर प्रकाशित कर देते है।
अमर उजाला अखबार में छप गई दैनिक जागरण के रिपोर्टर से बातचीत वाली खबर!
अमर उजाला अखबार में गुरुग्राम डेटलाइन से छपी एक खबर में रिपोर्टर लिखता है- ”यह जानकारी प्रदेश के पुलिस महानिदेश बीएस संधू ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी.” इस लाइन के छपने से हंगामा मच गया है. लोग कह रहे हैं कि अमर उजाला वालों ने दैनिक जागरण की खबर नेट से चुराई और उसे बिना पढ़े बिना एडिट किए ही अखबार में चेंप दिया. फिलहाल अमर उजाला अखबार में दैनिक जागरण से बातचीत वाली खबर की न्यूज कटिंग ह्वाट्सअप और सोशल मीडिया पर जोरशोर से घूम रही है.
अमर उजाला में संपादक लेवल पर फेरबदल : दिनेश जुयाल होंगे रिटायर… विनीत सक्सेना, रवींद्र श्रीवास्तव और राकेश भट्ट को नई जिम्मेदारियां
दिनेश जुयाल
अमर उजाला में कई बदलाव हुए हैं. बरेली के संपादक दिनेश जुयाल कल यानि 30 जून को रिटायर हो जाएंगे. उनकी जगह नया संपादक विनीत सक्सेना को बनाया गया है. विनीत अभी तक अमर उजाला मुरादाबाद के संपादक हुआ करते थे. मुरादाबाद का प्रभार रवींद्र श्रीवास्तव को दिया जा रहा है जो जम्मू के संपादक थे. जम्मू में संपादक पद पर राकेश भट्ट आसीन होंगे जो अभी तक अमर उजाला दिल्ली मेट्रो के संपादक हुआ करते थे.
सात दशकों की ‘निर्भीक पत्रकारिता’ वाले अमर उजाला को अब डर लगता है!
एक खलनायक संत से ब्रेकिंग न्यूज़ में 7 दशकों की ‘निर्भीक पत्रकारिता’ वाले अमर उजाला को डर लगता है… कहते हैं मीडिया ना सच दिखाता है ना झूठ दिखाता है.. वो जो हो, वो ही दिखाता है. पर आज स्थिति बहुत ही भयावह है। जो कुछ मुझे लगा और मैने देखा, शायद आपने भी वही देखा हो. रामपाल पर आरोप लगे. बरवाला आश्रम में हुडदंग को हमने देखा. आपने भी. पर क्या आपने देखा की अगले ही दिन लगातार बिना रुके न्यूज़ आती रही.
यूपी-उत्तराखंड में अमर उजाला ने फिर दैनिक जागरण को पीटा, नंबर वन की कुर्सी बरकरार
एबीसी यानि ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशंस की जुलाई-दिसंबर 2016 की रिपोर्ट आ गई है. इसके अनुसार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अमर उजाला अखबार फिर नंबर वन हो गया है. उसने दैनिक जागरण को पीटकर यह कुर्सी हासिल की है.
मजीठिया वेज बोर्ड से डरे अमर उजाला प्रबंधन ने भी डंडा चलाना शुरू किया
मजीठिया वेज बोर्ड का खौफ अखबार मालिकों पर इस कदर है कि वह सारे नियम कानून इमान धर्म भूल चुके हैं और पैसा बचाने की खातिर अपने ही कर्मचारियों को खून के आंसू रुलाने के लिए तत्पर हो चुके हैं. इस काम में भरपूर मदद कर रहे हैं इनके चमचे मैनेजर और संपादक लोग. खबर है कि अमर उजाला प्रबंधन ने मजीठिया वेज बोर्ड से बचने की खातिर कर्मचारियों का तबादला करना शुरू कर दिया है. साथ ही इंप्लाइज की पोस्ट खत्म की जा रही है.
अमर उजाला मुरादाबाद में भारी चूक, एक खबर को दो बार अलग-अलग हेडिंग से लगाया गया
ऐसा लग रहा है कि अमर उजाला मुरादाबाद संस्करण को खबर की कमी हो रही है. तभी तो एक ही खबर को अलग अलग हेडिंग से और अलग फोटो के साथ प्रकशित किया गया है. 15 दिसम्बर के पेज नंबर दो पर अमर उजाला ने एक ही खबर को कॉपी कर के अलग अलग हेडिंग “पुलिस ने पकडे जुआरी, 3 को छुड़ा ले गए नेता जी” और “30-50 रूपये में आपका कूड़ा कूड़ा उठायगी हरी भरी” से लगा दिया है.
कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़क रहा है अमर उजाला!
नोएडा से एक साथी ने सूचना दी है कि अमर उजाला प्रबंधन अपने कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी व बकाया तो दे नहीं रहा है ऊपर से जले पर नमक छिड़क रहा है। इस साथी ने सूचना दी है कि यहाँ अमर उजाला के नंबर वन होने का जश्न मनाया गया लेकिन अमर उजाला के नंबर 1 होने का जश्न सिर्फ बड़े लोगों ने ही जोर शोर से मनाया। संपादक, जनरल मैनेजर, मैनेजर जैसे खास लोग 10-12 दिन के विदेश टूर पर भेजे गए और वहां से मौज मस्ती करके लौट आए हैं।
अमर उजाला के संपादकों ने यूपी में नंबर एक अखबार बनने के बाद सोशल मीडिया पर शेयर किया विजय विज्ञापन
आज फेसबुक पर दिनेश जुयाल, विजय त्रिपठी समेत अमर उजाला के कई यूनिटों के संपादकों ने उपर दिए गए अमर उजाला के यूपी में नंबर वन हो जाने संबंधी विजय विज्ञापन को अपने-अपने एकाउंट से अपलोड कर शेयर किया है और इशारों इशारों में दैनिक जागरण को जता बता दिया है कि अब यूपी में आने वाले और आगे वाले दिन तो अमर उजाला के ही हैं.
यूपी और उत्तराखंड में खुद के नंबर वन होने के बारे में अमर उजाला ने किया ऐलान, पढ़ें पूरी खबर
अमर उजाला की वेबसाइट अमर उजाला डाट काम पर यूपी और उत्तराखंड में अमर उजाला अखबार के नंबर वन होने के बारे में खबर छापी गई है. ये खबर नई दिल्ली डेटलाइन से है और अमर उजाला ब्यूरो की है. इससे साफ है कि यूपी उत्तराखंड में नंबर वन अखबार अमर उजाला हो चुका है. अमर उजाला डाट काम पर इस बारे में प्रकाशित पूरी खबर पढ़िए…
धन्यवाद अमर उजाला, आपने लखपत के दुनिया छोड़ देने के बाद उसे पत्रकार तो माना
रुदप्रयाग में अमर उजाला के युवा पत्रकार लखपत की 11 अप्रैल को हार्टअटैक से असमय मृत्यु हो गई। मौत की खबर में अमर उजाला ने लखपत को पत्रकार तो लिखा लेकिन अपना पत्रकार नहीं बताया। मौत के बाद पत्रकार से संस्थान के पल्ला झाड़ने और उनके परिवार की पीड़ा को श्रीनगर की वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती गंगा असनोड़ा (Ganga Asnora) ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है। उनका पूरा लेख आप नीचे देख सकते हैं। उनकी फेसबुक वॉल से साभार।
अमर उजाला में कई बड़ी यूनिटों के संपादक इधर-उधर, राजेश श्रीनेत की फिर हुई इंट्री
खबर है कि राजेश श्रीनेत फिर से अमर उजाला के हिस्से बन गए हैं और उन्हें अच्छी खासी जिम्मेदारी देते हुए गोरखपुर यूनिट का स्थानीय संपादक बना दिया गया है. राजेश श्रीनेत अमर उजाला के मालिक राजुल माहेश्वरी के करीबी माने जाते हैं. अभी तक राजेश श्रीनेत्र सतना से प्रकाशित मध्य प्रदेश जनसंदेश नामक अखबार के संपादक हुआ करते थे. राजेश श्रीनेत की अमर उजाला में वापसी को आश्चर्य की नजर से देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि राजुल माहेश्वरी अपने पुराने भरोसेमंद लोगों पर दांव लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
अमर उजाला वाले पत्रकार को न्यूज एजेंसी बना खूब कर रहे शोषण, सुनिए एक पीड़ित कर्मी की दास्तान
मीडिया संस्थान अमर उजाला में फुल टाइम कर्मचारियों को जबरन न्यूज़ एजेंसी का कर्मी बना कर उन्हें न्यूनतम वेतन लेने के दबाव बनाया जाता है. इसके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत समय-सीमा निर्धारित करके दबावपूर्वक लिखवाया जाता है कि वे (कर्मचारी) संस्थान के स्थाई कर्मचारी न होकर एक न्यूज़ एजेंसी कर्मी के तौर पर कार्य करेंगे. लेकिन असलियत ये है कि न्यूज़ एजेंसी संचालक से एक स्थाई कर्मचारी वाला काम लिया जा रहा है. उसे न्यूनतम वेतन पर सुबह 10 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक यानि 12 घंटे संस्थान के लिए कार्य करने को बाध्य किया जाता है.
मजीठिया वेज बोर्ड : अमर उजाला के साथी इसे जरूर पढ़े (आखिरी पार्ट)
गतांक से आगे…
इससे पहले हम एक्स और वाई श्रेणी के शहरों में कार्यरत अमर उजाला के साथियों को अपने वेतन के तुलनात्मक अध्ययन के लिए जानकारी दे चुके हैं। अब हम उमर उजाला के जेड सिटी यानि धर्मशाला, जम्मू आदि में कार्यरत सभी साथियों को तुलनात्मक अध्ययन के लिए वेतनमान उपलब्ध करवा रहे हैं। यह वेतनमान (ग्रेड बी का) जुलाई 2015 से दिसंबर 2015 तक के बीच भर्ती नए साथियों पर लागू होते हैं। जिससे आसानी से जाना जा सकता है आप को बी ग्रेड के अनुसार वेतनमान मिल रहा हैं या नहीं है। (अपना शहर देखने के लिए देखें मजीठिया वेजबोर्ड की रिपोर्ट में पेज नंबर 37-38 या 55-56)
अमर उजाला पर विज्ञापन न मिलने से डीजीपी के खिलाफ खबर छापने का आरोप
अमर उजाला को विज्ञापन न देने पर डीजीपी के खिलाफ 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रकाशित खबरों के मामले ने तूल पकड लिया है। पुलिस अधिकारियों ने अमर उजाला न पढ़ने की चेतावनी जारी कर दी है। साथ ही अमर उजाला के विज्ञापन कर्मी के खिलाफ नगर कोतवाली देहरादून में मुकदमा दर्ज कर लिया है। सूत्रों की मानें तो अब अमर उजाला के पदाधिकारी मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलकर मामले में समझौता कराने के प्रयास में लगे हैं।
अमर उजाला की डिजिटल टीम के पास मुद्दों का टोटा, देखिए क्या क्या छाप रहे हैं
Ayush Shukla : लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ. धन्य हो तुम्हारा हिंदी अखबार. धन्य हो इस अखबार की डिजिटल टीम के रिपोर्टर. धन्य हो डिजिटल के संपादक जी और धन्य हो इस ग्रुप के ओवरआल मालिक जी. आप लोग भी इसे देखिए और सोचिए कि अमर उजाला की टीम के पास क्या मुद्दों का टोटा पड़ गया है जो पैंट में पेशाब कर देने जैसी चीजों को खबर बनाने पर तुले हुए हैं.
धन्य है अमर उजाला का ज्ञान : हाथापाई का अंग्रेजी अनुवाद ‘ब्लो जॉब’!
अमर उजाला ने इंग्लिश में लिखा- हिमाचल विधानसभा में ‘मुख मैथुन’. सोशल मीडिया पर उस वक्त हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ की जमकर फजीहत हुई, जब उसकी एक रिपोर्ट का इंग्लिश टाइटल अनर्थ करता दिखा। अंग्रेजी में टाइटल था- ‘Blow job in Himachal Vidhansabha’. लोग इस बात को लेकर मजे लेते नजर आए। गौरतलब है कि blow job का अर्थ ‘मुख मैथुन’ होता है। तो इस हिसाब से इस टाइटल का मतलब बना- हिमाचल विधानसभा में मुख मैथुन. shabdkosh.com पर blow job का अर्थ कोई भी देख सकता है।
यूपी में जंगलराज : अमर उजाला के पत्रकार की मां से दारोगा बलात्कार नहीं कर पाया तो पेट्रोल डालकर जला दिया
लखनऊ। अभी शाहजहांपुर के पत्रकार जागेन्द्र को जलाकर मारने की घटना ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि बाराबंकी में अमर उजाला अखबार के पत्रकार संतोष त्रिवेदी की मां से थाने के भीतर बलात्कार की कोशिश की गई और कामयाबी नहीं मिली तो उहें पेट्रोल डालकर जला दिया गया। गंभीर हालत में लखनऊ में जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं। वह थाने में अपने पति को छुड़ाने के लिए गयी थी जिन्हें पूछताछ के नाम पर पुलिस ने बेवजह बैठा रखा था। छोडऩे के एवज में पहले उनसे एक लाख रुपये मांगे गये और फिर थानाध्यक्ष के कमरे में ले जाकर उनसे बलात्कार की कोशिश की गयी।
विजय त्रिपाठी के वक्त में टेंशन के लिए तरसता रहा न्यूज रूम
Vivek Singh : देहरादून से विजय त्रिपाठी कानपुर चले गए और उनकी जगह कानपुर से हरीशचंद्र सिंह आ गए। विजय त्रिपाठी मेन स्ट्रीम मीडिया में मेरे पहले बॉस रहे पर मैं इंतजार ही करता रह गया कि कभी मुझसे बॉस की तरह पेश आएंगे। मुझसे क्या, वह किसी से भी कभी बॉस (जैसी बॉस की पारंपरिक छवि है) की तरह पेश आएं हों, याद नहीं आता।
अमर उजाला हल्द्वानी के संपादक सुनील शाह का दिल्ली में निधन
अमर उजाला हल्द्वानी (उत्तरांचल) के संपादक सुनील शाह अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह 59 वर्ष के थे। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में बीती रात 3:10 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा। डाक्टरों ने प्रयास कर उनकी धडकन वापस लाई। 3:45 बजे फिर दौरा पड़ा और धड़कन वापस नहीं आई। 3:50 बजे उनका निधन हो गया।
Newspapers readership IRS 2014 Download
Download Topline Newspapers Readership numbers… देश के बड़े अखबारों, मैग्जीनों आदि की लैटेस्ट या बीते वर्षों की प्रसार संख्या जानने के लिए नीचे दिए गए शीर्षकों या लिंक्स पर क्लिक करें…
दस-दस हजार रुपये लेकर अमर उजाला और दैनिक जागरण के रिपोर्टरों ने छपवाई झूठी खबर!
एटा (उ.प्र.) : जिले के मिरहची थाना क्षेत्र के गाँव जिन्हैरा में 70 वर्षीय एक व्यक्ति की बीमारी के चलते स्वाभाविक मौत हो गई, लेकिन अमर उजाला और दैनिक जागरण ने तो कमाल ही कर दिया। स्वाभाविक मौत को मौसम के पलटवार से फसल बर्बाद होने के सदमे से किसान की मौत होना दर्शा दिया। ऐसा करना उनकी कोई मजबूरी नहीं थी बल्कि इस तरह से खबर प्रकाशित करने के एवज में दस-दस हज़ार रुपये मिले थे। धिक्कार है, ऐसी पत्रकारिता पर! मीडिया पर कलंक हैं ऐसे पत्रकार!
अमर उजाला के पीटीएस विभाग पर वज्रपात, दूर तबादला करके मशीन विभाग में काम करने को मजबूर किया
अमर उजाला के पीटीएस विभाग के कर्मचारियों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं लेती। अगर एक खत्म हो तो दूसरी मुश्किल सामने ही खड़ी होती है। कुछ महीने पहले ही अमर उजाला में पीटीएस विभाग खत्म करने का निर्देश जारी किया गया था। उसके बाद से ही अमर उजाला के हर यूनिट से पीटीएस में कांट्रैक्ट पर रखे सभी कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कुछ पीटीएस कर्मचारियों को बिना कारण नोएडा ऑफिस बुलाकर इस्तीफा मांग लिया गया। जब किसी कर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया तो उन सभी कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया गया। बात यहीं खत्म नहीं होती। कुछ पीटीएस कर्मचारियों का ट्रांसफर बरेली से रोहतक यूनिट के मशीन में कर दिया गया।
महिला अफसर के यौन शोषण का प्रयास, आरोपी अधिकारी का तरफदार बना अमर उजाला
बुलंदशहर (उ.प्र.) : ‘अमर उजाला’ एक ओर जहां बेटियों को बचाने की आवाज उठा रहा है, वहीं बुलंदशहर में उसने यौन उत्पीड़न की शिकार एक महिला को दोषी ठहराते हुए अफसर को क्लीन चिट दे दी है. इस वाकये से अखबार की पूरे जिले में खूब किरकिरी हो रही है.
अमर उजाला को चाहिए ब्राह्मण पत्रकार
उत्तर प्रदेश : सुलतानपुर में अमर उजाला लांच होने पर रमाकांत तिवारी को ब्यूरो चीफ बनाया गया था। इनके कार्यकाल के दौरान से रिपोर्टर व कैमरामैन पदों पर ब्राह्मण बिरादरी के लोग तलाशे जा रहे हैं। इधर बीच कानाफूसी कर ब्यूरो चीफ ने होनहार कैमरामैन पंकज गुप्ता की छुट्टी करवा दी। इसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। अमर उजाला लांच के समय यानि सात साल पहले पंकज गुप्ता को सुलतानपुर में कैमरामैन पद पर नियुक्त किया गया था। अपने अच्छे काम के चलते पंकज ने चंद दिनों में ही अमर उजाला को एक नया मुकाम दिला दिया, लेकिन यहां के ब्यूरो चीफ शायद ब्राह्मण को ही ज्यादा पसंद करते हैं।
मजीठिया वेज बोर्ड संघर्ष : अमर उजाला को जवाब दायर करने का अब आखिरी मौका, भारत सरकार भी पार्टी
अमर उजाला हिमाचल से खबर है कि यहां से मजीठिया वेज बोर्ड के लिए लड़ाई लड़ रहे प्रदेश के एकमात्र पत्रकार को सब्र का फल मिलता दिख रहा है। अमर उजाला के पत्रकार रविंद्र अग्रवाल की अगस्त 2014 की याचिका पर सात माह से जवाब के लिए समय मांग रहे अमर उजाला प्रबंधन को इस बार 25 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आखिरी बार दस दिन में जवाब देने का समय दिया है। अबकी बार कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस बार जवाब न मिला तो अमर उजाला प्रबंधन जवाब दायर करने का हक खो देगा और कोर्ट एकतरफा कार्रवाई करेगा।
अमर उजाला ने बनाई नई कंपनी, डिजिटल वाले होंगे शिफ्ट, प्रिंट का भी नंबर
मजीठिया में अपने कर्मचारियों को लॉलीपाप देने के बाद अमर उजाला एक बार फिर धूर्तता पर उतर आया है। खबर है कि अमर उजाला ने ऑनलाइन के लिए अलग कंपनी बना ली है। अमर उजाला डॉट कॉम के सभी कर्मचारियों को अब इस कंपनी में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। गौरतलब है कि अभी तक अमर उजाला अखबार और बेबसाइट दोनों एक ही कंपनी के अंतर्गत चलाए जा रहे थे लेकिन अब आनलाइन के लिए अलग कंपनी बन गई है। नई कंपनी की पूरी जिम्मेदारी तन्मय माहेश्वरी संभालेंगे। खबर यह भी है कि अमर उजाला डॉट कॉम को अलग बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
मैंने पहली बार अमर उजाला का कंपनी रूप देखा था (किस्से अखबारों के : पार्ट-तीन)
(सुशील उपाध्याय)
भुवनेश जखमोला एक सामान्य परिवार से आया हुआ आम लड़का था। वैसा ही, जैसे कि हम बाकी लोग थे। वो भी उन्हीं सपनों के साथ मीडिया में आया था, जिनके पूरा होने पर सारी दुनिया बदल जाती। कहीं कोई शोषण, उत्पीड़न, गैरबराबरी न रहती। लेकिन, न ऐसा हुआ और न होना था। भुवनेश ने नोएडा में अमर उजाला ज्वाइन किया था। 2005 में उसे देहरादून भेज दिया गया, कुछ महीने बाद भुवनेश को ऋषिकेश जाकर काम करने को कहा गया। उस वक्त भुवनेश की शादी हो चुकी थी। अमर उजाला में काम करते हुए उसे लगभग पांच साल हो गए थे, उसे तब तक पे-रोल पर नहीं लिया गया था। पांच हजार रुपये के मानदेय में वो अपनी नई गृहस्थी को जमाने और चलाने की कोशिश कर रहा था। उसे उम्मीद थी कि एक दिन वह अपने संघर्षाें से पार पा लेगा और जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आ जाएगा, लेकिन होना कुछ और था।
कुमार विश्वास के खिलाफ झूठ का ज़हर उगलते अमर उजाला के पत्रकार!
Dr Kumar Vishwas Passport Issue Wrongly reported by Amar Ujala
पत्रकारिता की गिरती साख के कई भागीदार हैं। लेकिन इस पेशे से जुड़े कई ऐसे लोग हैं, जो पत्रकारिता की अर्थी को कन्धा देने के लिए बहुत जल्दी में नज़र आते हैं। पिछले दिनों ‘अमर उजाला’ ने खबर छापी, कि कवि और आप नेता डा कुमार विश्वास का पासपोर्ट किसी विवाद के कारण गाज़ियाबाद स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जमा करवा लिया गया है। अगले ही दिन पासपोर्ट अधिकारी श्री यादव के हवाले से निर्देश आया, कि पूरा मामला साफ़ है। इसलिए पासपोर्ट वापस निर्गत कर दिया जाएगा। दिनांक 14 नवम्बर को डा कुमार विश्वास को पासपोर्ट निर्गत कर दिया गया।
हिन्दुस्तान की उदारता, अमर उजाला के विज्ञापन को ख़बर बना के छापा
हिन्दुस्तान में छपी ख़बर
गलाकाट व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के बीच क्या एक अखबार किसी दूसरे अखबार की विज्ञापन योजना को प्रोत्साहित कर सकता है? कतई नहीं। लेकिन 9 अक्टूबर को हिन्दुस्तान में छपी एक खबर को इस का उदाहरण कहा जा सकता है।
अमर उजाला डॉट कॉम में लिखी जाती है घटिया खबर की इतनी घटिया कॉपी!
हिंदी न्यूज वेबसाइट्स में पहले नवभारत टाइम्स और उसके बाद भास्कर डॉट कॉम ने अश्लील और बेहूदे कंटेट्स की सारी हदें पार कर जिस तरह पेजव्यूज के कारोबार में सफलता के झंडे गाड़ दिए, उसने अन्य न्यूज वेबसाइट्स को तेजी से आगे बढ़ने का आसान रास्ता दिखाया और इसे फॉलो करने में सबसे आगे रहा है, अमर उजाला डॉट कॉम। सबसे ज्यादा दुखद बात यह है कि अमर उजाला डॉट कॉम में पेजव्यूज के चक्कर में मां-बेटे या भाई-बहन से जुड़े रेप या सेक्स की खबरों को भी चटखारेदार हेडलाइन से लगाया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़ें। ताजा उदाहरण अमर उजाला डॉट कॉम के एक खबर का है जो भाई-बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन के मौके पर पब्लिश की गई।