ताजा टीआरपी आ गई है। टैम के 30वें सप्ताह के आंकड़ों में यूपी उत्तराखंड के रीजनल चैनलों में जी संगम फिर से नंबर वन रहा है। उसे पिछले सप्ताह के मुकाबले 356 अंकों का फायदा हुआ है। पिछले कई दिनों से लगातार अपनी पोजिशन सुधार रहे ईटीवी न्यूज18 ने एक स्थान की छलांग लगाई है और वो दूसरे नंबर पर आ गया है। सबसे बुरा प्रदर्शन NN न्यूज स्टेट चैनल का रहा है जिसने पिछले सप्ताह के मुकाबले 363 प्वाइंट्स का नुकसान झेला है।
चौथे नंबर पर रजनीगंधा गुटखे वालों का चैनल समाचार प्लस रहा है। ये चैनल पिछले पांच सप्ताह से चौथे नंबर पर ही पिछड़ गया है। तीसरे और चौथे नंबर के बीच 307 अंकों का गैप है जो ये बताने के लिए काफी है कि कभी दमदार चैनल कहा जाने वाला ‘समाचार प्लस’ अब दोयम दर्जे के चैनलों की श्रेणी मे शुमार हो चुका है। पांचवे और छठवे नंबर पर इंडिया न्यूज यूपी और सहारा समय यूपी हैं। आजकल अलग अलग वजहों से इन दोनों ही चैनलों के सितारे गर्दिश में हैं।
मगर असली खबर ये है कि चौथे नंबर के चैनल को नाजायज तरीके से पहले नंबर का बता कर भ्रम फैलाया जा रहा है। समाचार प्लस के कुछ चापलूस कर्मचारी सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं जिसमें वो खुद के नंबर वन होने का दावा तो कर रहे हैं लेकिन दावे का आधार नहीं बता रहे हैं। अगर 30वें सप्ताह में समाचार प्लस चैनल वाकई नंबर वन बन गया है तो आंकड़ों का सोर्स बताया जाना चाहिए। किस एजेंसी (टैम या बार्क) ने समाचार प्लस के नंबर वन होने वाले आंकड़े जारी किए हैं? हमारे पास जो टीआरपी के आंकड़े है वो टैम द्वारा जारी किए गए साप्ताहिक आंकड़े हैं और हमने ये साफ-साफ लिखा भी है। तो क्या ये माना जाना चाहिए कि समाचार प्लस मैनेजमेंट अपनी गिरती हुई टीआरपी तथा साख से हड़बड़ा गया है इसीलिए प्योर फर्जीवाड़ा करने पर उतारू हो गया है।
काबिले गौर ये भी है कि पिछले काफी वक्त से लगातार पांचवे नंबर पर लुढ़क चुके समाचार प्लस चैनल को मामा भांजे का चैनल भी कहा जाता है। इसके सीईओ उमेश कुमार शर्मा है जो सेटिंग-गेटिंग-लाइजनिंग और इसकी टोपी उसके सर करने का धंधा करते है। चैनल की कमान उन्होंने अपने भांजे प्रवीण साहनी को दे रखी है। आरोप लगते रहे हैं कि दोनों मामा भांजे मिल कर चैनल की आड़ में अपनी निजी दुकानें चला रहे हैं और रजनीगंधा गुटका वालों (धर्मपाल सत्यपाल कंपनी) को अंधेरे में रखे हुए हैं। पिछले दिनों इसी चैनल के महिला बाथरूम में खुफिया कैमरे से MMS बनाए जाने की खबर भी चर्चा में रही थी। तब आरोप लगे थे कि चैनल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने एक महिला एंकर का MMS बनवाने की मंशा से ये घृणित काम करवाया था। मगर एक लड़की के द्वारा कैमरा पकड़ लिए जाने के बाद सारा दोष एक ड्राईवर के सर मढ दिया गया था। भड़ास4मीडिया ने जब इस खबर को प्रकाशित किया था तब समाचार प्लस में काम करने वाले उमेश कुमार के चमचों ने भड़ास के संपादक यशवंत सिंह के खिलाफ जमकर अपशब्दों का प्रयोग किया था और खबर हटवाने के लिए FIR करवाने की धमकी भी दिलवाई थी।
कहने वाले तो ये भी कहते है कि इस चैनल पर सरकार और प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ पहले तो खूब निगेटिव खबरें चलवाई जाती हैं और फिर अचानक खबरों को रोक दिया जाता है। इस चलाने रोकने के ‘खेल’ को समझदार लोग ठीक से समझते हैं। एक वक्त में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार को पानी पी पी कर गरियाने वाला ये चैनल अब मुख्यमंत्री और नवनीत सहगल जैसे अफसरों की गोद मे बैठा नजर आता है। इसके सीईओ उमेश कुमार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ सेल्फी खीचते हुए मोक्ष प्राप्ति का अनुभव करते हैं। अब ऐसे चैनल से जनसरोकार की पत्रकारिता की उम्मीद की भी जाए तो कैसे।
इसके ठीक पहले वाले सप्ताह में यूपी-यूके केंंद्रित न्यूज चैनलों का क्या हाल था, जानने के लिए इस शीर्षक पर क्लिक करें:
Sanjay Bhasin
July 31, 2015 at 4:36 pm
वाह यशवंत जी कमाल कित्ता तुसी…ये मामा भांजा नु चेनल तों तुसी भी जानदे हो कि ए किन्ना ब्लैक मेलर है .ए उत्तराखंड नाल किन्ना स्टिंग कर माल बनाया और किन -किन नेताओं ते ब्लैक मेल कित्ता ये उथे पता लगाओ जी …
deepak kumar
August 3, 2015 at 3:28 am
yashwant ji, kabhi aap tAM ko ji bhar gariyaate the aur aaj uski trp list pesh kar rahe hain, kabhi kabhi BARC ki bhi trp pesh kar diya kijiye to mehrbaani hogi.