Vivek Satya Mitram : एक चैनल पिछले दस मिनट से कह रहा था कि पाकिस्तान में खलबली मच गई है क्योंकि इमरान खान को कोरोना हो गया है। चैनल का कहना था कि ये ख़बर ब्रिटेन के एक न्यूज़ चैनल ने दिखाई है। चैनल ने अस्पताल में पड़े इमरान खान भी एक बाइट भी लगभग दस बार दिखाई।
इसके साथ ही ये भी लगातार कहता रहा कि हम बताएँगे कि क्या सच में इमरान को कोरोना हो गया है? दस मिनट तक जनता को गोल-गोल घुमाने के बाद ख़बर की आखिरी लाइन में कहा कि — ये ख़बर पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर वायरल है लेकिन हम इसकी पुष्टि नहीं करते!
अब बड़ा सवाल ये है कि अगर चैनल तथ्यों की पुष्टि नही कर सकता था तो फिर इस ख़बर सॉरी अफ़वाह को नेशनल टीवी पर 10 मिनट का एयर टाइम क्यों दिया? एक अफ़वाह से बुलेटिन ओपन क्यों किया? ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया कोरोना से भयाक्रांत है, इतनी गंभीर सूचना का मज़ाक क्यों बनाया? एक लाइन में जवाब- टीआरपी के लिए कुछ भी करेगा!
चैनल का नाम है- TV9 भारतवर्ष!
Girish Malviya : आज (4 अप्रैल) दोपहर में न्यूज़ चैनल टीवी 9 भारतवर्ष देख रहा था उसमे तबलीगी जमात की घटना से जोड़कर एक वीडियो दिखाया जा रहा था जिसमे एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा फलों पर थूक लगाकर बेच रहा है. यह वीडियो बार बार दिखाया जा रहा था और बार बार कोरोना जिहाद का नाम लिया जा रहा था.
इस वीडियो को दिखाने का कोई तुक ही नहीं था क्योंकि यह वीडियो काफी पुराना था. Alt News ने भी इस वायरल वीडियो की पड़ताल की थी तो पता चला था कि यह वीडियो मध्यप्रदेश का है और यह घटना 16 फरवरी 2020 की है. इस व्यक्ति के खिलाफ थाने में प्रकरण भी पंजीबद्ध किया जा चुका है. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मध्यप्रदेश में कोरोना का पहला केस मार्च 2020 में आया था
आज मीडिया जिस तरह से साम्प्रदायिक विद्वेष फैला रहा है उसकी कोई मिसाल ही नहीं है, पहले तो कतिपय चैनल यह काम करते थे लेकिन आज सारे के सारे न्यूज़ चैनल एक ही रंग में रंग चुके है.
पत्रकार द्वय विवेक सत्य मित्रम और गिरीश मालवीय की एफबी वॉल से.