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सियासत

क्या सुप्रीमकोर्ट उदित राज पर अवमानना का मामला चलाएगा?

दलित नेता ने सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग पर लगाये गम्भीर आरोप, वीवीपैट की सारी पर्चियों को गिना जाना क्यों और कैसे अनुचित है?

कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद उदित राज आजकल अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं। उदित राज ने एक बार फिर ट्वीट कर उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उच्चतम न्यायालय इसका संज्ञान लेकर उदितराज के खिलाफ अवमानना का मामला चला सकता है। हालाँकि क़ानून के जानकारों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय शायद ही इसका संज्ञान ले क्योंकि तब उसे बताना पड़ेगा कि वीवीपैट की सारी पर्चियों को गिना जाना क्यों और कैसे अनुचित है?जब करोड़ों रूपये खर्च करके वीवीपैट मशीनें लगाई गयी है तो उन्हें लगाने का औचित्य भी न्यायोचित ठहराना पड़ेगा जो तर्क से फिलवक्त परे दिखायी पड़ रहा है।

दलित नेता और हल ही में भाजपा छोडकर कांग्रेस में शामिल उदित राज ने उच्चतम न्यायालय पर विवादित टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया है कि उच्चतम न्यायालय क्यों नहीं चाहता की वीवीपैट की सारी पर्चियों को गिना जाए? क्या वह भी धांधली में शामिल है? उदित राज ने उच्चतम न्यायालय के साथ ही चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बिक चुका है।चुनावी प्रक्रिया में जब लगभग तीन महीने से सारा सरकारी काम मंद पड़ा हुआ है तो गिनती में दो-तीन दिन लग जाएं तो क्या फर्क पड़ता है।

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दरअसल मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने वीवीपैट के ईवीएम से 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। यही नहीं उच्चतम न्यायालय ने याचियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि ऐसी अर्जियों को बार-बार नहीं सुना जा सकता। इसके बाद उदित राज ने यह विवादास्पद ट्वीट किया है।

उदित राज ने इस ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को भी टैग किया है। उदित राज ने उच्चतम न्यायालय के साथ ही चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बिक चुका है। आयोग पर ट्वीट करते हुए उदित राज ने लिखा है कि भाजपा को जहां-जहां ईवीएम बदलनी थी, बदल ली होगी। इसीलिए तो चुनाव 7 चरणों मे कराया गया। आप की कोई नहीं सुनेगा चिल्लाते रहिए, लिखने से कुछ नहीं होगा, रोड पर आना पड़ेगा। अगर देश को इन अंग्रेजों के गुलामों से बचाना है तो आंदोलन करना पड़ेगा साहब चुनाव आयोग बिक चुका है।

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हालाँकि उच्च्च्तम न्यायालय पर दिए अपने बयान पर उदित राज ने सफाई भी दे दी है. उन्होंने कहा है कि मैंने उच्च्च्तम न्यायालय के फैसले पर सवाल नहीं उठाया है, बल्कि सिर्फ अपनी चिंता जाहिर की है. उदित राज ने कहा, अगर चुनाव की पूरी प्रक्रिया तीन महीने तक चल सकती है तो नतीजे आने में एक-दो दिन की देरी में क्या बड़ी बात है?

इससे पहले उदित राज ने एक और विवादित ट्वीट करते हुए कहा था कि केरल में भाजपा आज तक एक भी सीट नही जीत पाई, जानते हैं क्यों? क्योंकि वहां के लोग शिक्षित हैं, अंधभक्त नही।उदित राज के इस बयान पर बीजेपी के टॉम वड़क्कम ने उदित राज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि उन्हें कोई केरल के कल्चर और एजुकेशन का कोई आइडिया नहीं है। उन्हें कोई आइडिया भी नहीं है कि इंटेलेक्चुअल (बुद्धिजीवी) कौन होते हैं। वे जिस प्रकार की बातें कर रहे हैं उसका केरल में कोई आधार नहीं है।

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