उत्तराखंड में उमेश कुमार का नाम मीडिया वालों से लेकर नौकरशाह और राजनेता तक सब जानते हैं. सब इनकी कहानी बताएंगे. कैसे एक मामूली सा प्रापर्टी डीलर खुद को मीडिया वाला बनाकर और स्टिंग को बतौर हथियार इस्तेमाल कर कामयाबी की सीढ़िया चढ़ता गया. जिसका जब तक यूज रहा, इस्तेमाल किया और फिर आगे बढ़ लिया. बलात्कार का आरोप लगने के बाद उमेश कुमार का नाम एक बार फिर सुर्खियों में हैं.
वाई कैटगरी के सेक्युरिटी कवर में उमेश कुमार… बीच में, टीशर्ट पहने….
भाजपा के इस खास पत्रकार ने पार्टी के इशारे पर उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्टिंग किया था. इस स्टिंगबाज पत्रकार का पिछले दिनों एक आम आदमी ने तब स्टिंग कर लिया जब यह जेड प्लस सेक्युरिटी कवर में देहरादून की एक जमीन पर कब्जा करने गया था. रजनीगंधा ग्रुप के सौजन्य से समाचार प्लस नामक चैनल का पार्टनर उमेश कुमार नए दौर की पत्रकारिता का ‘नायक’ है. फिलहाल दिल्ली से लेकर प्रदेशों तक के अखबारों में आज इस शख्स की ताजा कारस्तानी की सुर्खियां हैं.
मीडिया मैनेजमेंट का उस्ताद उमेश कुमार भले ही अपने राजनीतिका आकाओं को साध कर जेल जाने से बच जाए लेकिन आने वाले दिनों में यह सवाल तो उठेगा ही कि आखिर केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐस शख्स को वाई कैटगरी सेक्युरिटी कवर क्या इसलिए दे रखा है कि वह जमीन पर कब्जा करता फिर और लड़कियों से बलात्कार करे… नीचे कुछ अखबारों और उनकी साइटों पर छपी खबर का स्क्रीनशाट है जिससे जाहिर है कि अपने इस ताजा मामले में उमेश कुमार मीडिया को मैनेज कर पाने में असफल रहा…
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