आदित्य तिवारी-
यूपी के गाजीपुर जिले में अंतिम संस्कार से लौटे रहे दो बसों से टोलप्लाज़ा मैनेजर ने पूरी टीम के साथ मिलकर की लूटपाट… स्थानीय थानेदार पर लगे मिलीभगत के गंभीर आरोप.
FIR पढ़कर आपकी रूह कांप जाएगी…बिल्कुल साउथ की फिल्मों के गुंडों की तरह बर्ताव किया गया.
आगे तहरीर के अनुसार…संत कबीर नगर के रहने वाले सीनियर एडवोकेट जनार्दन चौबे, तारीख 26.02.2024 को बनारस में दाह संस्कार करके अपने रिश्तेदारों के साथ दो बसों से वापस लौट रहा था. बस करीब 11:30-11:50 रात के बीच गाजीपुर जनपद के मिर्जापुर क्यामपुर (डाडी खुर्द) टोल प्लाजा पर पहुंची तो टोल कर्मियों द्वारा प्रवेश और निकास का डबल टोल चार्ज मांगा जाने लगा.
बस ड्राइबर ने कहा कि, “शव वाहन का टोल नहीं लगता है, ऐसे में टोलकर्मी ने गाली-गलौज की और बस रोक ली.”
तभी जनार्दन का छोटा बेटा शैलेन्द्र कुमार बस से नीचे उतरा तो टोल कर्मी टोल बूथ के पाइप से उसके पैर पर मारने लगे. इसके बाद टोल कर्मी लोगों पर पत्थर बरसाने लगे. हम लोग बचते-बचाते किसी तरह बस लेकर जाने लगे तो करीब 300 मीटर आगे हमारी बस को स्विफ्ट डिजायर कार एवं एम्बुलेन्स ने ओवरटेक करके रोक लिया और बसों पर पथराव करते हुए गाली देते हुए बस का दरवाजा खुलवाने लगे.
ऐसे में हमने बस के अन्दर से ही तत्काल 112 नम्बर पर फोन किया.
जैसे ही पुलिस कर्मी आए.. टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह और उनके साथियों ने पुलिस के सामने ही गाली दी और कहा- “बसों को आग लगा दो और चाहे हत्या ही करनी पड़े लेकिन इन सालों से पैसा वसूलना है.”
112 नम्बर के पुलिसकर्मियों ने हम लोगों की चोट को देखा और बयान रिकार्ड भी किया। उन्होंने हमें समझाया- “टोल प्लाजा का मैनेजर बहुत दबंग है, आप लोग बचिए. ये इनकी आए दिन की गुण्डागर्दी है.
तब तक वहां थाना प्रभारी बिरनो, जनपद गाजीपुर.. अपनी सरकारी गाड़ी से आये.. और आते ही टोल मैनेजर हितेश सिंह से कहा- “किन-किन मा***दों को पकड़ना है, तुम पहचान करके बताओ.”
फिर जबरन पुलिस बल द्वारा करीब 10 की संख्या में हम लोगों को बस से उतारकर एम्बुलेन्स और पुलिस वाहन में बैठा लिया. एम्बुलेन्स में लाठी-डण्डा रखा था. फिर टोल प्लाजा के NH ओवरब्रिज से कटकर गाड़ी को सुनसान जगह रोका गया और पुलिस वालों की उपस्थिति में टोल मैनेजर व उनके तीन साथियों ने हम लोगों की तलाशी ली.
तलाशी के दौरान मेरे बड़े बेटे के पास से 45000/-, दूसरे बेटे से 25,000/-, तीसरे बेटे से 20,000/- एवं पवन गुप्ता से 10,000/- तथा शिव कुमार से 2000/- यानी कुल 1,02,000 रुपए नगद और बड़े बेटे के गले का सोने का चेन जबरदस्ती छीन ली.
उसके बाद सबको 12:30 बजे रात थाना बिरनो ले आए, जहां हितेश सिंह मौजूद था. थाना प्रभारी ने कहा मा***द तुम लोग टोल प्लाजा पर झगड़ा किए हो.. लूट का मुकदमा लिखूंगा और जेल भेजूंगा.
टोल मैनेजर हितेश सिंह ने कहा- अगर 5 लाख और नहीं देते हैं तो गाजीपुर से इनकी लाश जायेगी.
हम लोग (जनार्दन चौबे, रिश्तेदार) काफी भयभीत हो गये और उन लोगों ने किसी शैलेश कुशवाहा का PhonePe नम्बर दिया. हमसे कहा गया- इसी पर तत्काल पैसा मंगवाओ.
मेरे बेटे ने उनके दिए गए PhonePe नम्बर पर गांव के रामशबद से 55000/-, मेरे भांजे अंकित मिश्रा के खाते से 46000/- तथा मेरे छोटे बेटे शैलेन्द्र कुमार ने 99000/- की रकम Online Transfer कराई. ये पूरी राशि 2 लाख रुपया थी.
थाना प्रभारी की मौजूदगी में थाना बिरनो पर टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह द्वारा धमकी देकर रुपया वसूला गया. SHO महोदय ने किसी फोन नम्बर पर उसी समय टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह से 80,000 रूपये अपना हिस्सा भी Transfer कराया.
सीनियर एडवोकेट जनार्दन चौबे ने बयान में बताया कि, “इस जघन्य घटना के तमाम इलेक्ट्रानिक साक्ष्य तथा पीड़ित चश्मदीद मौजूद है.” नीचे पढ़ें एफआईआर कॉपी…