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वैभव वर्धन जैसे लोग पत्रकारिता या सार्वजनिक जीवन में आज ढूंढने से नहीं मिलेंगे!

अवधेश कुमार-

वैभव वर्धन की मृत्यु की सूचना सूचना स्तब्ध करने वाली है। काफी समय से संपर्क नहीं था। हालांकि कई लोगों से जानकारी मिली थी कि वह कैंसर से पीड़ित हैं और इलाज चल रहा है। यह सच है कि वैभव वर्धन जैसे लोग पत्रकारिता या सार्वजनिक जीवन में आज ढूंढने से नहीं मिलेंगे।

बहुत अच्छे और शानदार पत्रकार मिल जाएंगे। मेहनत से काम करने वाले मिल जाएंगे। सहनशील और विनम्र भी। संबंधों का सम्मान करने वाले तथा हर समय सहयोग में तत्पर रहने वाले भी एकाध मिल सकते हैं।

वैभव वर्धन में ऐसे कई विशेषताएं थी जो उनको हम सबसे बिल्कुल अलग करती थी। उनसे मिलने या बात करने पर ऐसा लगता था जैसे अपने सामने इस चर्चित या सत-चित- आनंद व्यक्तित्व का साकार रूप देख रहे हो। कभी उनके अंदर अहं किसी के प्रति भी गुस्सा या खीझ किसी ने भी नहीं देखा होगा। किसी के प्रति नकारात्मक विचार उनके मुंह से कभी नहीं निकलते थे।

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यह बनावटी नहीं था। यानी सबके प्रति समभाव का व्यवहार। जब वह इंडिया न्यूज़ में थे तो उसका एक दौर अप्रिय लड़ाई का हो गया था। उसमें भी शांत और अविचल दिखते थे। दुख का भाव उभरता था किंतु उसमें उत्तेजना नहीं होती थी। भीड़ चाहे जितनी हो और उनके साथ जितने भी लोग हैं हमेशा झुककर पैर छू कर ही प्रणाम करना।

उनकी वैचारिक पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की थी। उनके रहने से काफी लोगों को प्रेरणा मिलती। इतने कम उम्र में ऐसे व्यक्ति का चला जाना हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोड़ेगा। किंतु, ईश्वर का विधान हम आप नहीं समझ सकते। मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि ।

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आनंद दुबे-

हमेशा बड़े भाई जैसा स्नेह देने वाले मित्र और शुभचिंतक, आज तक, इंडिया न्यूज़ जैसे कई संस्थान में पत्रकार रहे वैभव वर्धन दुबे जी आज हम लोगों को छोड़कर चले गए। वो लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, आज सुबह पीजीआई चंडीगढ़ में उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में होगा।

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वैभव भाई मूल रूप से गाजीपुर के थे लेकिन उनका पालन-पोषण और शिक्षा मऊ से हुई थी। मऊ का होने के नाते जब मैं दिल्ली में उनसे मिला तो उन्होंने मुझे अपार स्नेह दिया।

वैभव भाई का निधन मेरे जीवन में कभी ना भर पाने वाली कमी है। ईश्वर उनके परिवार को इस मुश्किल समय को सहने की क्षमता प्रदान करे और वैभव भाई की पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे।

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ॐ शांति


तनसीम हैदर-

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आज तक न्यूज़ चैनल में वीडियोकॉन टॉवर के फ्लोर पर यह वही चेहरा था जिसके चेहरे पर हंसी और एक खूबसूरत मुस्कान हमेशा हमेशा देखी। यह सच है कि वैभव भाई को कभी दुखी या नेगेटिव होते हुए नहीं देखा। हां यह तो पता था कि वैभव भाई की तबीयत खराब है लेकिन वैभव हंसते मुस्कुराते हमारे बीच से यूं चले जाएंगे यह बात बहुत कचोट रही है बहुत तकलीफ है। भगवान वैभव की आत्मा को शांति दे।

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