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ज्यादातर चैनल वार जोन/रूम की ‘बारूदी कहानी’ परोस रहे, ये भारतीय छात्रों की बेहाली दिखाने से बच रहे!

उर्मिलेश-

युद्ध-रिपोर्टिंग की टीवीपुरम् शैली… एक भारतीय चैनल का संवाददाता यूक्रेन के किसी स्थान से रिपोर्टिंग कर रहा है. वह हर वाक्य में यूक्रेन और रूस की रणनीति और दावों का ज़िक्र करते हुए उक्त शहर की सूनसान सडकों के चित्र दिखा रहा है. बीच-बीच में नोएडा स्थित टीवी स्टूडियो से एंकर बता रहे हैं कि किस तरह उनके चैनल के संवाददाता यूक्रेन के ‘वार-जोन’ में लगातार जमे हुए हैं.

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इसी बीच यूक्रेन में फंसा एक भारतीय छात्र युद्ध की रिपोर्टिंग कर रहे उक्त चैनल के संवाददाता के पास आकर कैमरे के सामने बहुत जल्दी-जल्दी कुछ बोलने लगता है. वह जो कुछ बोलता है, उसका मतलब है: ‘यहां हम सब बहुत बेहाल हैं, हमे खाने को कुछ चाहिए. पीने को पानी चाहिए, जब तक हम भारत के लिए रवाना नहीं हो पाते, यहां हमें शरण लेने की कोई जगह चाहिए. प्लीज, हमें भी अपनी बात कहने दीजिये. अपने देश की सरकार और लोगों को हम अपना दर्द सुनाना चाहते हैं.’

हम सब जानते हैं कि भारत के 15 हजार से ज्यादा छात्र किस तरह यूक्रेन में फंसे हुए हैं और युद्ध छिडने के पांच दिनों बाद भी उनकी सुरक्षित स्वदेश-वापसी के लिए अपेक्षा के अनुरुप कदम नहीं उठाये जा सके हैं.

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टीवी-रिपोर्टिंग का अगला दृश्य देखें. पर्दे पर युद्ध के दृश्य उभर रहे हैं. रिपोर्टिंग के लिए टीवी कैमरा यूक्रेनी शहर की सड़कों और भवनों पर केंद्रित है. टीवी संवाददाता धारा-प्रवाह बताये जा रहा है कि इस युद्ध में अब कुछ भी हो सकता है. यूरोपीय संघ(EU) और संयुक्त राज्य अमेरिका(USA) ने हर कीमत पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन को सबक सिखाने का फैसला किया है. एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और दूसरी तरफ़ व्लादिमीर पुतिन की तस्वीरें उभरती हैं. फिर कैमरा यूक्रेनी शहर की सड़क पर खडे उक्त टीवी संवाददाता को दिखाने लगता है.

टीवी संवाददाता कैमरे के सामने आये उस बेहाल भारतीय छात्र को वहां से हटने का इशारा करता है. पर छात्र बोले जा रहा है. फिर कैमरा अचानक घूम जाता है ताकि उस छात्र का दिखाई देना बंद हो जाय!

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इसके कुछ ही देर बाद चैनल के नोएडा स्थित दफ़्तर में बने ‘वार-रूम’ का दृश्य पर्दे पर उभरता है. यहां तीन पूर्व सैन्य उच्चाधिकारियों के साथ एक सजी-धजी एंकर युद्ध की विभीषिका, रूस, यूक्रेन, EU, USA और बेलारूस आदि की भूमिका पर बात करने लगती है. बीच-बीच में Breaking News का सायरन बजता रहता है.

बेहाल भारतीय छात्र स्वयं वीडियो बनाकर अपने परिचितो को भेज रहे हैं. उनके जरिये ये वीडियो यूट्यूब चैनलों पर दिखाये जा रहे हैं. ज्यादातर टीवी चैनल वार-जोन और वार-रूम की ‘बारूदी कहानी’ परोस रहे हैं. यूक्रेनी लोगों का दुख दर्द हो या भारतीय छात्रों की बेहाली; टीवीपुरम् इसे दर्शनीय नहीं समझता!

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देखें ये video : https://twitter.com/indian_armada/status/1498625024596779013?s=21

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