Chitra Tripathi : फिल्म ‘अब तक छप्पन’ के सह-लेखक बिहार के रहने वाले 32 साल के रविशंकर आलोक ने मुंबई में छत से कूद कर आत्महत्या कर ली।बीते कुछ महीनों में बहुतेरे बड़े नाम वालों ने सुसाइड किया है। स्तब्ध हूं दूसरों के लिये कड़ी मेहनत से आदर्श बने ये लोग जिंदगी का कौन-सा दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाते।
Shashikant Singh : मुंबई से बुरी खबर है… स्क्रिप्ट राइटर रविशंकर आलोक ने की आत्महत्या… रामगोपाल वर्मा की चर्चित फिल्म ‘अब तक छप्पन’ के कथा लेखक रविशंकर आलोक ने मुंबई के अंधेरी स्थित एक इमारत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर लिया. यह फिल्म मुंबई के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दयानायक की जिन्दगी पर आधारित थी. अंधेरी पश्चिम में सात बंगला के वसंत सोसायटी की इमारत से कूदकर ३२ वर्षीय रविशंकर आलोक ने आत्महत्या कर ली. यह घटना बुधवार दोपहर २ बजे की है. इस मामले में वर्सोवा पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है. वर्सोवा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवींद्र बडगुजर के मुताबिक वसंत सोसायटी ७ मंजिली इमारत है. इसी इमारत के टेरेस से रविशंकर ने कूदकर आत्महत्या की. भाई के साथ रविशंकर किराये के घर में रहता था.
Nitish Chandra : एक और आत्महत्या … दुखद.. फिल्म ‘अब तक छप्पन’ के सह-लेखक बिहार के रहने वाले 32 साल के रविशंकर आलोक ने मुंबई में छत से कूद कर आत्महत्या कर ली। हमेशा चकाचौंध के बीच रहने वाले माया नगरी के ये लोग आखिर किस अंधेरे का शिकार हो जाते हैं कभी किसी ने सोचा है… भले ही माया नगरी में रहते थे लेकिन अंदर से तो बिहारी थे ना फिर कैसे कमजोर पर गये … बिहारी तो अपनी आन बान शान और मजबूत इरादों के लिये जाने जाते हैं भाई … सचमुच दुखद …
Pravin Chandra : फिल्म ‘अब तक छप्पन’ के असिस्टेंट डायरेक्टर और पेशे से स्क्रिप्ट राइटर रविशंकर आलोक ने बुधवार को एक बिल्डिंग से कूदकर सुसाइड कर लिया। बताया जा रहा है कि पिछले एक साल से काम नहीं मिलने के कारण वह डिप्रेशन में थे। रविशंकर किराए के घर में रहते थे। उनके भाई ने सुसाइड की जानकारी दी। हालांकि, उनके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। ‘अब तक छप्पन’ साल 2004 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में रविशंकर ने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था। इस मूवी के डायरेक्टर शिमित अमीन थे।
सौजन्य : फेसबुक
https://www.youtube.com/watch?v=55NezS4H4_4