वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम को लेकर किसी ने एक वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल किया है. वीडियो का शीर्षक है, “अजीत अंजुम की न्यूज़रूम रंगरेलियां” इस वीडियो में अजीत अंजुम पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसे लेकर अजीत अंजुम ने कानूनी नोटिस भेजा है. नीचे अजीत अंजुम ने क्या कुछ कहा है उसे पढ़िए. उसके बाद वीडियो है, साथ ही अजीत अंजुम के लिए कुछ पत्रकारों, वरिष्ठ पत्रकारों की टिप्पणी भी पढ़िए…
अजीत अंजुम-
आप सभी दोस्तों के लिए एक सूचना…मेरे बारे में बेहद घिनौने आरोपों के साथ एक वीडियो बनाया गया है. वीडियो बनाने वाले लोग एक समूह का हिस्सा हैं, जिन्हें मेरे जैसे लोगों का बोलना हज़म नहीं हो रहा है. मेरी आवाज़ बंद नहीं कर पा रहे हैं तो मेरे चेहरे पर झूठे आरोपों की कालिख पोतकर मेरी छवि ख़राब करने में जुट गए हैं.
उस वीडियो में गायत्री देवी नाम की महिला बतौर एंकर हैं और कुमार श्रीकांत नाम का कोई शख़्स है .
दोनों ने मेरे ख़िलाफ़ बेहद घटिया और आपत्तिजनक बातें कहते हुए एक वीडियो अपने चैनल पर अपलोड किया है. ऐसे आरोप लगाए गए हैं, जिनका सच से दूर -दूर तक कोई वास्ता नहीं. मैंने वीडियो बनाने वालों को क़ानूनी नोटिस भेज दिया और अब कोर्ट में मुक़दमा लड़ने की तैयारी कर रहा हूँ.
कोर्ट में उन्हें घसीटने के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा, मैं करुंगा. हज़ारों -लाखों दर्शकों का मुझ पर भरोसा है. उनके दम पर मैं अपनी बात कहता हूँ. उनके दम पर ही ये मुक़दमा भी लड़ूँगा. वीडियो बनाने वालों की बातें सुनकर आप समझ जाएँगे कि ये लोग किस विचार और किस पक्ष के हैं. आप मेरी या मेरे विचारों की जितनी आलोचना करना चाहते हैं, करिए. मैं उसकी परवाह नहीं करता लेकिन अगर कोई नीचता की हद तक जाकर मेरी चरित्र हत्या करने की कोशिश करेगा तो जवाब भी दूँगा और मुक़दमा भी लड़ूँगा.
अपनी बात मैंने विस्तार से अपने वीडियो में कह दी है. आप चाहें तो देखकर समझ सकते हैं कि वीडियो बनाने वालों ने कैसे नीचता की हद तक जाकर मेरे ख़िलाफ़ अनाप -शनाप बातें की है. नीचे लिंक भी है.
1-दावा -मेरा नाम अजीत कुमार झा बताया गया
तथ्य – मेरे परिवार में किसी का सरनेम झा नहीं है
- दावा -मैं बिहार के भागलपुर का रहने वाला हूँ
तथ्य– मैं आज तक भागलपुर नहीं गया - दावा – मैं नोएडा के 146 सेक्टर में करोड़ों के पेंट हाउस में रहता हूँ ।
तथ्य – बिल्कुल ग़लत . मैं नोएडा में नहीं रहता हूँ - दावा -पंजाब के किसी आदमी ने मुझे मर्सिडीज़ की एसयूवी गिफ़्ट की
तथ्य -बिल्कुल ग़लत . मेरे पास ऐसी कोई मर्सिडीज़ नहीं है .
दावा -मेरे पास मर्सिडीज़ समेत तीन गाड़ियाँ हैं
तथ्य -बिल्कुल ग़लत . मेरे पास न मर्सिडीज़ है , न तीन गाड़ियाँ - दावा -बेगूसराय और भागलपुर में मेरे पास ज़मीनें हैं .
तथ्य -मैं जीवन में आज तक भागलपुर गया ही नहीं . एक इंच भी ज़मीन मेरे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य के पास भागलपुर में नहीं है . बेगूसराय में अगर कुछ है भी तो पुश्तैनी . - दावा- नोएडा में तीन फ़्लैट हैं .
तथ्य -मेरे पास नोएडा में एक भी फ़्लैट नहीं है . पूरे एनसीआर में मेरे पास सिर्फ़ एक फ़्लैट है ,जिसमें मैं रहता हूँ . - दावा -मुझे जॉर्ज सोरोस और न्यूज़ क्लिक ने मुझे फंड किया .
तथ्य -मैंने न्यूज़ क्लिक के लिए एक दिन भी न तो काम किया है . न ही कभी फंड लिया . जॉर्ज सोरोस का नाम तो सोशल मीडिया से ही सुना है . मैंने आज तक कहीं से कोई फंड नहीं लिया है . - दावा -मुझे हिमाचल और एमपी कवरेज के लिए कांग्रेस ने फंड किया
तथ्य -बिल्कुल बकवास . मुझे यूट्यूब से इतने पैसे मिलते हैं कि मैं अपनी टीम के साथ कवर कर पाता हूँ . - दावा -हिमाचल कवरेज के लिए कांग्रेस ने मुझे फंड किया .
तथ्य -मैंने हिमाचल चुनाव कवर ही नहीं किया . फंड की बात बकवास है.
10 दावा -यूपी कवरेज के लिए मुझे समाजवादी पार्टी ने फंड किया
तथ्य – बिल्कुल ग़लत . अब कोर्ट में इन आरोपों को साबित करना होगा . - दावा – अभिसार शर्मा ने मेरे चैनल पर शुरु में कुछ वीडियो किए , बाद में मेरे चैनल के लिए काम करना बंद कर दिया ।
तथ्य -अभिसार ने मेरे चैनल पर एक भी वीडियो नहीं किया . - दावा – न्यूज़ 24 में एडिटर रहते मैं न्यूज़रुम में शराब पीता था और लड़कियों से सोडा मँगवाता था .
तथ्य – मुझे जानने वाले मेरे दुश्मन भी जानते हैं कि मैं शराब पीता ही नहीं .
और भी बहुत सी बातें कही गई है, जो बेहद अपमानजनक है . ये न सिर्फ़ मेरी चरित्र हत्या की कोशिश है और उन तमाम महिला एंकर्स और लड़कियों का अपमान है , जिन्होंने मेरे साथ काम किया है .
मेरे वीडियो का लिंक
दीपक शर्मा-
मैंने अजीत अंजुम के साथ आजतक पर काफी समय काम किया। उनको 20-21 बरसों से मैं जानता हूँ। एक बात जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूँ कि पर्सनल लाईफ में ये आदमी बेहद ईमानदार और अनुशासित है।जिस तरह के आरोप उन पर लगाये जा रहें वो किसी साजिश का हिस्सा लगते हैं।
प्रकाश के रे-
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम जी के विरुद्ध अनर्गल और मनगढ़ंत बातें कहने के पीछे की कुत्सित मंशा साफ़ दिखती है. पर ऐसे झूठे और घटिया आरोप लगाने वालों को समझना चाहिए कि इससे अजीत अंजुम का कुछ नुक़सान नहीं होना है. ऐसी बकवास उनके साथ लगातार होती रही है, पर वे आगे ही बढ़ते गये हैं. वे धुन के पक्के आदमी हैं और बकवास करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई का उनका फ़ैसला एकदम सही है. उनके लंबे करियर में सैकड़ों लोगों से उनके साथ काम किया है और काम के सिलसिले में उनके साथ हज़ारों लोग जुड़े रहे हैं. एक भी व्यक्ति उनके बारे में ग़लत नहीं कह सकता है.
प्रशांत टंडन-
मैं अजीत अंजुम जी को नब्बे के दशक से जानता हूं, साथ काम भी किया है. वे एक बेहतरीन पत्रकार, बहुत मेहनती और बढ़िया इंसान हैं. उन्हे बदनाम करने के ये संघी हथकंडे काम नहीं आयेंगे.
श्याम मीरा सिंह-
ये वीडियो मैंने भी देखी। पूरी बातें मनगढ़ंत। उसे ये भी नहीं मालूम कि कहाँ रहते हैं। अपने मन से कहानी बना दे रहा। मैं ख़ुद आपसे मिला हूँ। ये सारी बातें पूरी तरह फ़ेक, और आपको निजी तौर पर टार्गेट करने के लिए की गईं हैं।
प्रत्युष मिश्रा- अजीत अंजुम को हालांकि किसी के सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं है लेकिन उनके साथ काम करने वाले इतना तो कह ही सकते हैं कि उनका चरित्र बेदाग़ रहा है। अजीत जी ने कितना कमाया। कितना बचाया। कितना छिपाया। ये सब दीगर सवाल हैं लेकिन अजीत जी रंगरलियां करते थे। ये कहना गो हत्या का पाप करना है। दो कौड़ी का एक यूट्यूबर अजीत जी पर लांछन लगा देता है ज़ाहिर सी बात है उसको दंडित किया जाना चाहिए। कोर्ट में घसीटा जाना चाहिए। अजीत जी यही कर रहे हैं। और करना भी चाहिए। वैचारिक मतभेद के नाम पर किसी के खिलाफ तुम कुछ भी नहीं बोल सकते।