कोविड-19 महामारी की सबसे ज्यादा मार देश के उन श्रमिकों ने झेली, जो अपने राज्य से बाहर जाकर काम करते हैं। लाखों श्रमिकों को मजबूरी में अपने गृह राज्य में वापस लौटना पड़ा। ऐसे लोगों को उनके गृह राज्यों में ही कौशल के अनुकूल रोजगार मुहैया कराने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक व्हाट्सएप चैटबॉक्स बनाया है। जो श्रमिकों को एमएसएमई सेक्टर में नौकरी खोजने में मदद करेगा। इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है।
दरअसल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (टीआईएफएसी) ने ‘श्रमिक शक्ति मंच’ (SAKSHAM) नामक एक पोर्टल बनाया है, जो देशभर में एमएसएमई उद्यमों की जरूरतों और श्रमिकों के कौशल को आपस में जोड़कर एक साझा मंच प्रदान करेगा। इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है, जो श्रमिकों को उनके मूल स्थानों से जोड़ेगा।
श्रमिक ठेकेदार प्रथा होगी खत्म
इससे श्रमिक सीधे एमएसएमई उद्यमों से जुड़ सकेंगे। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस नई व्यवस्था से करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इस पोर्टल की मदद से श्रमिकों को नौकरी मिलने की प्रक्रिया के बीच आने वाले श्रमिक ठेकेदार खत्म हो जाएंगे, और श्रमिकों के कौशल दक्षता स्तर की पहचान और उनके लिए स्किल कार्ड्स विकसित करने में मदद मिलेगी। यह पोर्टल श्रमिकों को अपने आसपास मौजूद एमएसएमई में नौकरी ढूंढने के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करेगा।
श्रमिकों को देनी होगी जरूरी जानकारी
इस बारे में जानकारी देते हुए टीआईएफएसी के कार्यकारी निदेशक प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सक्षम की उत्पत्ति कोविड19 महामारी के दौरान हुई। इस पोर्टल में भारत भर के एमएसएमई उद्योगों का स्थानीय नक्शा शामिल है। पोर्टल पर 7208635370 नंबर दिया गया है। इस नंबर पर कोई श्रमिक व्हाट्सएप चैट बॉक्स के ऊपर Hi लिख कर संदेश भेजता है तो उससे कुछ जरूरी जानकारियां जैसे कार्य अनुभव आदि के बारे में पूछा जाएगा।
ऑफलाइन नंबर 0022-67380800 भी किया गया जारी
फिलहाल ये चैटबॉट केवल अंग्रेजी और हिंदी में उपलब्ध है, लेकिन टीआईएफएसी परियोजना को अन्य भाषाओं में विस्तारित करने पर काम कर रहा है। इसके अलावा बिना स्मार्टफोन वालों के लिए एक ऑफलाइन नंबर 022-67380800 जारी किया गया है, जिस पर मिस्ड कॉल के माध्यम से जानकारी ले सकते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि भारत के विभिन्न एमएसएमई और संबंधित संगठनों को पोर्टल पर साइन अप करने का अनुरोध किया है।”
वहीं टीआईएफएसी श्रमिकों को इस पोर्टल से जोड़ने के लिए उनका डाटा एकत्र कर रहा है। इसके लिए विभिन्न सरकारी केंद्रों के अलावा राज्य सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन के पास से प्रवासी मजदूरों का डेटा जुटाया जा रहा है।