लीबिया के सिरते शहर में रिपोर्टिंग कर रहे नीदरलैंड के फ़ोटो पत्रकार की हत्या कर दी गई है. यरून अरलेमन्स की हत्या चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट यानी आईएस से संबंध रखने वाले एक स्नाइपर ने की है. यरून सिरते में रिपोर्टिंग कर रहे थे. सिरते को हाल ही में आईएस के क़ब्जे से छुड़ाया गया था. आईएस ने पिछले साल सिरते पर कब्ज़ा कर लिया था. 45 साल के यरून को गोली तब मारी गई जब वे अपने दल के साथ इलाके में खबरें जुटाने निकले थे. इससे पहले 2012 में ब्रितानी फ़ोटोग्राफर जॉन कैंटली के साथ यरून का अपहरण हुआ था. लेकिन उन्हें एक हफ्ते बाद छोड़ दिया गया था.
यूरोप प्रवासी संकट से जूझने वाले लोगों की यात्रा के बारे में लिखने वाले अरलेमन्स अफ़गानिस्तान, सीरिया और लीबिया में भी युद्ध रिपोर्टिंग करते रहे हैं. वे लीबिया में बेल्जियम की साप्ताहिक नैक पत्रिका सहित कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिख रहे थे. नैक पत्रिका ने ही उनकी मौत की पुष्टि की है.
उधर, कनाडा की एक फोटो पत्रकार मैक्सिको के राजमार्ग पर मृत पाई गई। यूकेटान राज्य के अटार्नी जनरल के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बारबरा मैकलैची एंड्रयू (74) का शव शुक्रवार को पाया गया। शव परीक्षण में गला दबाने से सांस रुकने के कारण उनकी मौत होना पाया गया है। उनके पार्थिव शरीर को लेने के लिए परिवार का कोई सदस्य अभी सामने नहीं आया है। इसलिए उनके शव को इस प्राधिकरण के फोरेंसिक मेडिसिन सर्विस में रखा जाएगा।
फोटो पत्रकार एंड्रयू द्वारा ली गई तस्वीरों का प्रकाशन नेशनल ज्योग्राफिक जैसी पत्रिकाओं में हुआ है। वह मैक्सिको, कनाडा, ग्वाटेमाला, अमेरिका और अन्य देशों में प्रदर्शनी आयोजित कर चुकी हैं। मैक्सिको पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। यहां 2009 से 2015 के बीच 55 पत्रकारों की मौत हो चुकी है।