यशवंत सिंह-
कभी क़िस्सा लिखूँगा कि किस तरह शेयर मार्केट के रहस्यमय बैल को नाथने में कामयाबी हासिल की। पहले बहुत डुबाया। लेकिन पढ़ता सीखता और समझता गया। अब सब वसूल कर लाभ में आ गया हूँ। आज की intraday कमाई का स्क्रीनशाट भी संलग्न है। तीन हज़ार रुपए खींचा।
कई मित्रों को प्रोत्साहित कर उनका पोर्टफ़ोलियो बनवाया। ग़ाज़ीपुर वाले Umesh जी भी लाभ में चल रहे हैं और थोड़ी सी रक़म के ज़रिए रोज़ सौ दो सौ बना रहे हैं। एक बात बस कहना चाहूँगा कि अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो दुस्साहस न करिएगा, intraday से खूब कमाने के लालच में मत पड़िएगा। छह महीने तक हज़ार रुपए से रोज़ दस से पचीस रुपए अगर बना पाने में सक्षम हुए तो समझिए आप ठीकठाक खिलाड़ी हैं। धैर्य और अनुशासन सबसे ज़रूरी है इस फ़ील्ड में।
मैंने अब संन्यास लेने का प्लान कर लिया है। सुबह सुबह बाबा गुफा में मोबाइल निकालेंगे और स्टाक एक्सचेंज से हज़ार रुपया खींच कर बच्चा लोग को Paytm कर देंगे। इस तरह गृह खर्च भी निकलता रहेगा और मेरा संन्यास भी क़ायम रहेगा। ये सीक्रेट idea है। किसी से कहिएगा मत।
अरे हां idea से याद आया कि ideaVodafone के दस हज़ार शेयर पाँच प्रतिशत फ़ायदे में हाल ही में बेच चुका हूँ। आज irctc, Zomato के सौजन्य से तीन हज़ार के पार कमाया हूँ। कल के लिए आज ही कल्याण ज्वेलर्स पर दांव लगा दिया हूँ। कल बताऊँगा कितना फ़ायदा हुआ। कुछ रोज़ पहले सुल्तानपुर में था शीतल जी के यहाँ। वहाँ सोलह हज़ार रुपए एक दिन में जीता। एक शेयर के गिरने पर दांव लगाया था। शेयर गिरता गया, मेरी कमाई बढ़ती गई।
मैंने तय कर रखा है कि किसी भी दिन हारना नहीं है। भले दस रुपया जीतूँ, लेकिन जीतना ही जीतना है। ये किस फ़ार्मूले से सम्भव हो सका, इस पर विस्तार से फिर कभी। लेकिन इतना कह सकता हूँ कि दो महीने तक रात दिन भूत की तरह share मार्केट की दुनिया का अध्ययन किया। खुद के अनुभवों और असफलताओं से सीखता रहा। आख़िरकार मैंने एक formula ईजाद कर ही लिया। उस फ़ोर्मूले में चार कोण हैं। लालच नहीं करना है, धैर्य नहीं खोना है, इमोशनल नहीं होना है, कुछ बेसिक नियमों का अनुशासन नहीं तोड़ना है।
मीडिया वाले बहुत से साथी बेरोज़गार हैं। सोच रहा उनके लिए एक ट्रेनिंग सेशन कर दूँ। सौ दो सौ रुपए डेली का अपना खर्च तो निकाल लें!
क्या राय है आप सभी की?
भड़ास एडिटर यशवंत की एफबी वॉल से.
संपर्क- [email protected]