जब दिन बुरे चल रहे हों तो एक के बाद एक आफत आगे आती जाती है. एसआईटी जांच से घिरे अजयपाल शर्मा को अब एक महिला की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर झेलनी पड़ेगी. सूबे में किसी आईपीएस अफसर के खिलाफ सीधे एफआईआर का यह मामला इतना आसान नहीं है जितना दिखता है. बताया जाता है कि यूपी की योगी सरकार के सबसे ताकतवर आईएएस अधिकारी की कुदृष्टि के चलते अजयपाल को बुरे दिन झेलने पड़ रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस अफसर को ना सुनने की आदत नहीं है लेकिन अजयपाल शर्मा ने कुछ एक सरकारी और पारिवारिक मामलों में ना कह दिया तो इस अफसर को यही बात चुभ गई. इसी के बाद से अजयपाल शर्मा यूपी सरकार के इस ताकतवर अफसर के राडार पर आ गए. एसआईटी जांच में सिर्फ घिरे ही नहीं बल्कि कहा जाता है कि एसआईटी जांच में उन्हें दोषी भी माना गया है. इसके तुरंत बाद एक पुराने मामले में अजयपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है.
खुद को आईपीएस अजयपाल शर्मा की पत्नी बताने वाली महिला ने उनके खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई है. एफआईआर में कई पुलिसकर्मियों को भी आरोपी बनाया गया है. विशेष सचिव गृह अनिल कुमार सिंह के निर्देश पर हजरतगंज पुलिस ने आईपीएस अजयपाल के खिलाफ गबन, आपराधिक साजिश और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.
महिला ने आरोप लगाया है कि साजिश के तहत डॉ. अजय पाल शर्मा ने पद का दुरुपयोग किया और उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया. दीप्ति की तहरीर पर डॉ. अजय पाल शर्मा के अलावा साहिबाबाद (गाजियाबाद) निवासी पत्रकार चंदन राय, वरिष्ठ उप निरीक्षक विजय यादव, दीप्ति शर्मा को गिरफ्तार करने वाली टीम और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश, साक्ष्य छिपाने व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है. नोएडा से हटाए गए आईपीएस वैभव कृष्ण ने जिन पांच अफसरों पर आरोप लगाया था, उनमें अजयपाल शर्मा भी शामिल हैं. इनके खिलाफ एसआईटी जांच भी हुई थी, जिसमें अजयपाल के खिलाफ भी सबूत मिले हैं.
गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित आस्था अपार्टमेंट में रहने वाली वकील दीप्ति शर्मा दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं. वह खुद को आईपीएस डॉ. अजयपाल शर्मा की पत्नी बताती हैं. उनका दावा है कि 2016 में आरोपी आईपीएस गाजियाबाद में एसपी सिटी थे. इस दौरान उनकी शादी आईपीएस अजयपाल से हुई थी. दावा है कि शादी गाजियाबाद में रजिस्टर्ड भी हुई थी. दीप्ति का कहना है कि अजयपाल से उनके रिश्ते कुछ बातों को लेकर खराब हो गए थे. इस संबंध में उन्होंने महिला आयोग, पुलिस विभाग, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में शिकायत भी की थी. शिकायती पत्रों में उन्होंने शादी के सबूत भी लगाए थे.
दीप्ति ने आरोप लगाया कि 18 सितंबर 2019 को रामपुर जिले के सिविल लाइन थाने के बृजेश राना, मथुरा व कुछ अन्य लोग घर पहुंचे. घर से लैपटॉप, डीवीआर और अन्य सामान उठा ले गए. इसकी शिकायत उन्होंने डीआईजी रेंज मेरठ से भी की थी. दीप्ति का कहना है कि इससे पहले फोन पर उनका अजयपाल शर्मा से झगड़ा हुआ था. आरोप है कि इस झगड़े के बाद डॉ. अजय पाल उसके पीछे पड़ गए थे।
आरोप है कि इसके बाद आईपीएस के इशारे पर गोविंदपुरम निवासी हरेन्द्र कुमार ने 29 मार्च को साहिबाबाद थाने में धोखाधड़ी की एक एफआईआर दर्ज करवाई थी. इस मामले में पुलिस ने दीप्ति को आरोपी बनाया और उन्हें गिरफ्तार भी किया था. आरोप है कि गिरफ्तारी के दौरान दीप्ति के बैग में पांच मोबाइल फोन थे. उनमें अजयपाल के खिलाफ काफी सबूत थे. सभी मोबाइल उपनिरीक्षक विजय यादव ने ले लिए थे.
आईपीएस डॉ. अजय पाल शर्मा का ने कहा है कि मीडिया के माध्यम से एफआईआर के बारे में जानकारी मिली है. पूर्व में मेरी ओर से इस संबंध में जांच अधिकारी को बयान दिया जा चुका है. मुझ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं.
वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश सिंह की रिपोर्ट.