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वेब-सिनेमा

YouTube पर पहली बार में ही, बिना फेल हुए, एक सक्सेजफुल चैनल कैसे Establish करें?

श्याम मीरा सिंह-

Youtube पर ग्रो करने के लिए, सबसे पहले दो चीजें याद रखें, एक ‘व्यूअर’ और एक ‘वीडियो परफोर्मेंस’, Youtube पर ‘व्यूअर’ इज द रियल किंग. यानी दर्शक Youtube का राजा है और Youtube का algorithm उसका नौकर है. अगर व्यूअर आपके कंटेंट से खुश है, Satisfied है तो Algorithm एक नौकर की तरह, बिना व्यूअर या आपके कहे ही, आपकी वीडियो को लाखों लोगों में पहुंचाएगा. उन्हें रिकमंडेशन में दिखाएगा, होम पेज पर दिखाएगा, अप नेक्स्ट में भी दिखाएगा.

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इसे Youtube के होम पेज से समझते हैं, Youtube एप एक रेस्टोरेंट या दुकान की तरह है और Algorithm एक वेटर की तरह है. जब आप उस रेस्टोरेंट (Youtube एप) में घुसते हैं तो वेटर (Algorithm) एक थाली में आपके सामने 20-30 चीजें (वीडियो), खाने (Consume करने) के लिए परोसता है. इस थाली को ही Youtube का होम पेज कहते हैं. जहाँ छोटे छोटे बॉक्स में वीडियोज दिखाई जाती हैं. ये वीडियोज आपकी रूचि के अनुसार, या पहले आपने जो सर्च किया है उसके अनुसार, आपके सामने परोसी जाती हैं. इस होम पेज पर कभी कभी एक-दो रैंडम वीडियोज भी दिखाई जाती हैं, वो Youtube ऐसे ही रैंडम चेक करने के लिए आपको दिखाता है. Youtube की पूरी कोशिश रहती है कि वो उसके एप को खोलने वाले व्यूअर को ज्यादा से ज्यादा समय तक अपने एप पर बिठाए रखे. Youtube उस बनिया की तरह है जो ग्राहक के सामने एकदम गाय बन जाता है. ग्राहक को सिर्फ कपड़े ही नहीं दिखाता बल्कि चाय, पानी (Random Videos) की भी पूछता है. ताकि वो बार बार उसकी दुकान (एप) पर आए और अपने नौकर (Algorithm) को टाईट करके रखता है कि साहबजी (गाहकजी) का ख्याल रखे.

अब आप समझ गए होंगे Youtube ऐसी किसी चीज को अपने ग्राहक के सामने नहीं परोसेगा जो उसे पसंद न आए, और उसकी वजह से दुकान पर कम वक्त बिताए या छोड़कर चला जाए. कुल मिलाकर Youtube अपने यूजर का Experience ख़राब नहीं करना चाहता. उसे बेहतर से बेहतर करना चाहता है.

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अब मानके चलिए Youtube के रेस्टोरेंट पर परोसे जाने वाली थाली के लिए, एक आयटम (वीडियो) आपने भी बनाया है. Youtube ने उसे अपने कुछ ग्राहकों को दिखाया. और उन ग्राहकों ने उस पर अच्छी प्रतिक्रिया दी, जैसे कि थाली में मौजूद तमाम व्यंजनों के बीच आपके आयटम को उठाया (क्लिक किया), फिर पूरा देखा भी, लंबा समय बिताया और लाइक भी किया और फिर चैनल सबस्क्राइब भी किया. यानी ये वायदा भी जाते जाते किया कि वो उस दुकान पर फिर लौटेगा. तो इस बात से Youtube को ये संकेत जाता है कि आपके बनाए आयटम ने, न केवल Youtube की थाली के प्रति ग्राहकों में विश्वास बढ़ाया, न केवल ग्राहक को खुश किया है, बल्कि उसे दोबारा आने के लिए प्रेरित भी किया.

अब आप बताइए क्या कारण होगा कि ग्राहक इतना खुश होकर जाए और दुकानदार(Youtube) आपके बनाए आयटम को बाकी ग्राहकों को न दिखाए? जवाब है- पक्का दिखाएगा. क्योंकि उसे अपने ग्राहक बढ़ाने है. ग्राहकों से ज्यादा से ज्यादा टाइम Youtube पर स्पेंड कराना है. इस तरह Youtube अपने बाकी ग्राहकों को भी आपका बना आयटम दिखाएगा, जब तक लोग आपके आयटम को पसंद करेंगे (like and watch), और वापस आने का वायदा (Subscribe) करेंगे, तब तक Youtube उस वीडियो को आने वाले सभी ग्राहकों को दिखाता रहेगा. जब Youtube के ग्राहकों की रूचि उस आयटम में खत्म हो जाएगी तब Youtube उस आयटम को दिखाना बंद कर देगा. यही कारण है कि न्यूज स्टोरी Youtube पर अक्सर तेजी से ग्राहक आकर्षित करती हैं. और दो तीन दिन बाद ही उन आयटमों (न्यूज वीडियो) को ग्राहकों द्वारा पसंद किया जाना बंद हो जाता है. इसलिए उनकी ग्रोथ तीन चार दिन बाद रुकने लगती है. वहीं ऐसी एवरग्रीन वीडियोज- जैसे- एवरेस्ट की चोटी चढ़ने में कितने Mountaneers की डेथ जाती हैं? उन डेड बॉडीज का क्या होता है? अब इस वीडियो को Youtube आज, कल या दो महीने बाद, या चार साल बाद, कभी भी अपने ग्राहकों को दिखाएगा, उनमें से कुछ न कुछ ग्राहक तो देख ही लेंगे. इस तरह की वीडियोज जो आने वाले वक्त में भी पुरानी नहीं पड़तीं उन्हें टाइमलेस कंटेंट कहते हैं या एवरग्रीन कंटेंट कहते हैं. मेरी बहुत सी वीडियोज जो शुरू में नहीं चलीं थीं, शुरू में जिनपर केवल 20 हजार व्यूज थे, वे वीडियो बाद में 20 लाख तक पहुँचीं. और आज भी हजार-हजार व्यूज उनपर हर रोज होते हैं.

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लेकिन अब थोड़ा उल्टा सोचिये. दुकानदार ने आपका बना आयटम पहली बार अपने ग्राहकों के सामने परोसा. लेकिन उन्होंने थाली के बाकी आयटम उठा लिए और आपका आयटम उठाया ही नहीं, इसका मतलब ग्राहकों की उसमें रूचि नहीं है. इसका मतलब वो देखने में ही अच्छी नहीं है (मतलब थंबनेल अच्छा नहीं है, या टॉपिक अच्छा नहीं है, या ऐसा टॉपिक है जिसमें ग्राहक की रूचि नहीं है). तो इससे Youtube को गलत सन्देश जाएगा, फिर भी Youtube थोड़ा धैर्य दिखाएगा. कुछ ऐसे ग्राहक होंगे जो एक बार को आपका आयटम चख भी लेंगे, अब आपके कंटेंट की ग्रोथ का भविष्य इन्हीं दो चार ग्राहकों पर होगा. अगर ये ग्राहक भी अब आपके आयटम को खाते ही थू-थू करके जाएं, या नाक-मुंह सुकोड़ लें, दो गालियाँ दुकानदार को भी दें, और दुकान छोड़कर चले जाएं, मतलब उस वीडियो को बस दो चार सेकंड देखते ही भाग जाएं. तो इससे दुकानदार यानी Youtube में ये संदेश जाएगा कि इस आयटम की वजह से मेरे ग्राहक बिगड़ रहे हैं. ऐसे आयटम को Youtube अब अन्य ग्राहकों को दिखाना बंद कर देगा, और इस तरह उस आयटम के आगे बिकने के चांस खत्म. अगर दोबारा Youtube के कुछ ग्राहकों ने किसी कारणवश दुबारा उस आयटम में थोड़ी रूचि दिखाई. तो Youtube उसे दोबारा और अन्य ग्राहकों को भी दिखाएगा. वैसी स्थिति में जो आयटम पहले बिकना बंद हो गया था. वो दोबारा बिकना शुरू हो जाएगा. जैसा कि मैंने पिछले पॉइंट में बताया कि कैसे मेरी पुरानी वीडियोज अचानक ग्रो करने लगती हैं.

तो कुलमिलाकर, आप, आपका कंटेंट, Youtube का algorithm, कोई मैटर नहीं करता. मैटर करता है तो ग्राहक. ग्राहक के बाद करता है कंटेंट. ये Obvious बात है कि अगर कंटेंट एंगेजिंग, रुचिकर, प्रभावी होगा तो अवश्य ही व्यूअर उसे लाइक करेंगे. और वो आगे जाएगा. अगर ग्राहक ही नमूने हों तो उन्हें नमूना कंटेंट भी पसंद आता है. ऐसी स्थिति में नमूना कंटेंट भी वायरल हो जाता है. उसके भी व्यूज तगड़े आते हैं. पर ये व्यूज नमूना समाज से आने वाले ग्राहकों के होते हैं. इस तरह के वीडियोज क्वालिटी पसंद करने वालों को नहीं दिखाए जाते. अब दिक्कत कहाँ है?

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Youtube का Algorithm, व्यूअर्स के बिहेवियर या रिएक्शन को देखकर ही वीडियोज को आगे बढ़ाता है. पूरा मामला व्यूअर के खुश होने का, संतुष्ट होने का है. अगर आपको अपनी हर वीडियो पर ही व्यू पाने हैं तो अपने व्यूअर की रूचि पहचानें, वो किस चीज को पसंद करेगा? किस चीज को लंबे समय तक देखेगा? किस वीडियो को देखने के बाद लाइक करके जाएगा? किस वीडियो को देखकर चैनल को सब्सक्राइब करके जाएगा? इस बात को अगर अपनी वीडियो बनाने से पहले श्योर कर लो तो हर वीडियो चलेगी. हर वीडियो चलेगी तो चैनल तो ग्रो होगा. कोई आपके चैनल को हिट करने से नहीं रोक सकता. मतलब नहीं रोक सकता.

अपने एक साल के Youtube के अनुभव और algorithm से संबंधित चीजें पढ़ने के बाद मेरी समझ यही बनी है. पर ये सब बातें अंग्रेजी में होती हैं,मैंने सोचा क्यों न हिंदी में इसे अपने दोस्तों से शेयर करूं. गाँव-कस्बों के बहुत से बच्चे महीनों मेहनत करते हैं फिर भी उनके चैनल नहीं चलते. सिर्फ कुछ लोगों के आगे बढ़ पाते हैं. Algorithm और Youtube पर इस छोटी सी पोस्ट में पूरी बात नहीं आ सकेगी. इसके काउंटर क्वेश्चन भी होंगे, जिज्ञासाएं भी होंगी.. आपके कुछ सवाल हों तो पूछ सकते हैं. मैं जवाब देने की कोशिश करूँगा. अगर आपको ये जानकारी पसंद आई है तो @ShyamMeeraSingh ट्विटर हैंडल को फॉलो कर लें. और अगर ये जानकारी आपको बहुत अधिक पसंद आई है और आप शुक्रिया कहना चाहते हैं तो Youtube पर जाकर मेरे चैनल- Shyam Meera Singh को Subscribe कर सकते हैं.

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1 Comment

1 Comment

  1. प्रदीप मिश्रा

    August 13, 2023 at 8:58 am

    बहुत ही अच्छा प्रयास इसे जारी रखें लोगों को मदद मिलेगी

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