नीचे जी मीडिया की निवर्तमान एचआर हेड रुचिरा श्रीवास्तव के आखिरी दो मेल हैं जो सारे इंप्लाई को भेजे गए थे. इन मेल को पढ़ने से समझ में आता है कि रुचिरा कितनी इमोशनली अटैच होकर जी मीडिया को तरक्की की राह पर ले जाने पर आमादा थीं. उन्होंने मीडियाकर्मियों के बोलने-बतियाने तक पर पाबंदी लगा दी थी. मेल में गासिपिंग न करने की सख्त हिदायत है.
बताइए, आदमी दो चार बात बोले बतियाए न तो उसकी गैस कैसे निकले. पर रुचिरा जी को इससे क्या मतलब. वो तो समर्पित भाव से जी मीडिया की सेवा कर रहीं थीं. लोगों को निकालना इनके लिए चुटकी बजाने जैसा काम था. लोगों को सुधारना इनका दैनिक कार्यक्रम था. रुचिरा को क्या पता कि उन जैसे इतने समर्पित लोग कभी कभी संस्थान के लिए नुकसानदाई साबित हो जाते हैं. खैर, रुचिरा चली गईं और नए एचआर हेड की नियुक्ति हो गई है. रुचिरा के आखिरी दो मेल के स्क्रीनशाट देखें-



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Comments on “दूसरों को निकालते-सुधारते जी मीडिया से खुद चली गईं एचआर हेड रुचिरा श्रीवास्तव! देखें कुछ आखिरी मेल”
ज़ी न्यूज़ का एच आर सेक्शन हो या न्यूज इनपुट हेड सेक्शन, मैंने इस संस्थान को बीस साल देने के बाद यही जाना कि आपके काम को आंकने की बजाय बॉस की निजी गुड लिस्ट में होना अधिक जरूरी है, यदि आपने बॉस की बजाय चैनल के हित में बोला तो आपका अहित होना तय है। शायद यही वजह है कि अपने प्रारंभ के कुछ वर्ष छोड़कर ज़ी न्यूज कभी नंबर वन नहीं बन पाया। काश कम्पनी के प्रमोटर्स अपने अच्छे और पुराने कर्मचारियों को “आते जाते रहने वाले” सीईओ/संपादकों के कहने पर संस्थान से बाहर न करते होते तो आज ये संस्थान कहां से कहां होता।
Well said. She never took action against the Bosses who created dirt and filth in the company. Divya was a strict and righteous HR Head who too very strong action against every wrong doing. No doubt Zee was number 1 during her time & all top journalists worked in the company. Good riddance
आज जब इनकी जॉब पर बात आई तो कैसे सबको नसीहत दे रही है। लेकिन यही वो HR Head है जो किसी टाइम पर सिर्फ और सिर्फ boses और मैनेजर्स की ही सुनती थी। जैसे कि अंग्रेजी में एक कहावत है कि boss is always right, एम्प्लाइज तो इनके लिए सिर्फ कीड़े मकोड़े थे कि जब मन किया और उनको संस्थान से बाहर कर दिया चाहे उनकी कोई गलती हो या न हो। HR टीम में बहुत से ऐसे लोग हैं जो सही और गलत में सिर्फ गलत का साथ देते रहे हैं। सच में ज़ी आर्गेनाइजेशन मीडिया जगत में एक बहुत ही सम्मानित संस्थान है लेकिन कुछ ऐसे लोगों ने ही इन संस्थानों का नाम बदनाम कर रखा है। जो कि सही और गलत में गलत का ही साथ देते रहे हैं। यहां तक HR के लोगों ने मैनेजर्स के कहने पर एम्प्लाइज को ये कहकर तक निकाला है की खुद से रेसिग्नशन दे दोगे तोह ठीक है वार्ना भविष्य में कही पर भी काम नही कर पाओगे। ऐसी बहुत सी बातें हैं जो ये साबित करती हैं कि ज़ी आर्गेनाइजेशन को खराब करने के लिए इन लोगों ने कोई कोर कसर नही छोड़ि। कर्मा सबका हिसाब रखता है जो जैसा करता है वैसा ही भरता है। कुछ को उनके कर्मों का हिसाब मिल रहा है और कुछ को आगे चलकर मिलने वाला है।
आज जब इनकी job पर बात आई तो कैसे ये सबको ज्ञान बांट रही है लेकिन इनको ये कभी नही भूलना चाहिए कि कितने ही ऐसे ज़ी के एम्प्लाइज थे जिनको इनके महान विचारों के चलते बाहर किया गया। बीते कुछ वर्ष पहले मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। ज़ी के ही अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल के एक होनहार मैनेजर के चलते HR के कर्मठ कर्मियों ने मेरी job छिन ली थी और वो भी उन दिनों में जब कोरोना महामारी का प्रकोप विश्व भर में फैला हुआ था। इसको लेकर मैंने महान HR Head रुचिरा को भी इस विषय में सूचित किया था की मेरे साथ संबंधित चैनल के प्रोडक्शन आउटपुट मैनेजर और उनके साथी सदस्य षड्यंत्र रच रहे हैं लेकिन मेरी एक भी नही सुनी गई और HR के कुछ महान कर्मठ कर्मचारियों द्वारा मुझे ये कहकर मुझ पर दवाब बनाकर इस्तीफा लिया गया कि भविष्य में कही भी पर काम करना चाहते हो तो आराम से इस्तीफा दे दो वरना निकट भविष्य में मुझे परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि ज़ी HR के कर्मठ कर्मचारियों का एक ही मत था कि boss is always right, और एम्प्लाइज जाएं भाड़ में। ज़ी संस्थान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्षेत्र में एक बहुत ही सम्मानित संस्थान है लेकिन कुछ इस प्रकार के लोगों ने ही इस संस्थान की छवि धूमिल की हुई है। कुछ को तो उनके कर्म का फल मिल चुका है लेकिन कुछ को अभी मिलना बाकी है क्योकि कर्म प्रधान है जो जैसा करता है वो वैसा ही भरता है।
Zee ke HR department ki to baat hi nirali rahi hai ! Delhi office to chhodo… Mumbai ke Zee Media Corp. ka HR Yogesh Laaad bhi apny office time me (duty time me) apna Novelty Store chalata tha… aur apny seniors ki chamcha-giri karta tha ! aur “uper” sy aadesh milty hi kisi ko bhi job sy nikaal deta tha. Haalaki baad me ussy bhi GPL lag gai ! 😉 aur unn sabhi seniors ko bhi job sy nikaal diya gaya ! aur aaj wo sabhi chhoti-moti job dhoondh rahy hai !
Finally Jaisi Karni Waise Bharni.. Black List karwate karwate khud hi list se out ho gayi, May her soul rest in peace.