Om Thanvi : मैं होता तो हरगिज न जाता! पर मुझे कोई बुलाता भी क्यों?
Samar Anarya : कुलदीप नैय्यर, रामबहादुर राय, राहुल देव, एनके सिंह और पुण्य प्रसून बाजपेयी… ये वे प्रगतिशील पत्रकार हैं जो ‘जिया इण्डिया’ पत्रिका के ‘माननीय’ नितिन गडकरी द्वारा किये जा रहे लोकार्पण में प्रमुख अतिथि के बतौर शिरक़त करेंगे. उसी जिया इंडिया के कार्यक्रम में जिसने चैनल बंद कर एक झटके में सैकड़ों मीडिया कर्मियों को बेरोजगार कर दिया है और तब से वे हड़ताल पर हैं. उन्हें प्रबंधन ने उनके किये हुए काम की तनख्वाह भी यह कहके नहीं दी कि पैसे नहीं हैं और यहाँ लाखों रुपये फूंक के मैगजीन लांच करने के पैसे हैं. इन प्रगतिशील समयों में अपनी पक्षधरता तय करें. और प्रबंधन के साथ खड़े ‘मूर्धन्य’ पत्रकारों की भी.
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारवादी समर अनार्या के फेसबुक वॉल से.
इस प्रकरण पर मशहूर कार्टूनिस्ट इरफान का कहना है कि वरिष्ठ पत्रकारों से जिया इंडिया के कार्यक्रम का बहिष्कार करने की अपील बिलकुल सही है… मीडिया के वरिष्ठ लोगों को संघर्ष कर रहे और हड़ताली मीडियकर्मियों का साथ देना चाहिए.
इसी मसले पर Satyaprakash Gupta लिखते हैं फेसबुक पर- ”तय करो किस ओर हो, आदमी के साथ हो, या कि आदमखोर हो”
इसी प्रकरण से संबंधित पोस्ट को शेयर करते हुए युवा पत्रकार Ayush Kumar फेसबुक पर लिखते हैं- ”चैनल मालिक सबसे बड़े आदमखोर होते हैं। ये बात जिया न्यूज़ प्रबन्धन को देख साबित हो रहा हैं।”
मूल पोस्ट….
Comments on “मुझे बुलाते तो ‘जिया इंडिया’ के प्रोग्राम में हरगिज न जाता : ओम थानवी”
Isiliye to Thanvi saheb jaise log Jansatta ki nishapakshta banaye hui hain.