प्रिंट मीडिया के कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के अनुरूप सेलरी न दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की आखिरी तारीख को भड़ास की पहल पर 117 मीडियाकर्मियों ने अपने नाम पहचान के साथ खुलकर याचिका दायर की. इन सभी 117 मीडियाकर्मियों की तरफ से याचिका तैयार करने और फाइल करने का काम किया सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उमेश शर्मा ने.
भड़ास से एक वीडियो इंटरव्यू के दौरान एडवोकेट उमेश शर्मा ने इस पूरे मामले पर विस्तार से जानकारी दी जिसे आप इस वीडियो लिंक पर क्लिक करके देख सुन सकते हैं… वीडियो इंटरव्यू का यूट्यूब लिंक ये रहा… https://www.youtube.com/watch?v=eD2o8_sFWAQ
इसके अलावा सैकड़ों मीडियाकर्मियों ने मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से एरियर-सेलरी पाने के लिए अपनी लड़ाई गोपनीय तरीके से सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा दी है. इस बाबत एडवोकेट उमेश शर्मा ने एक अलग याचिका फाइल की है, जिसमें सारे गोपनीय मीडियाकर्मियों की तरफ से भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह को लड़ाई लड़ने हेतु अधिकृत किया गया है. एडवोकेट उमेश शर्मा ने वीडियो इंटरव्यू में बताया कि गोपनीय रूप से लड़ने वालों और खुलकर लड़ने वालों की याचिकाएं फाइल कर दी गई हैं. इनका फाइलिंग नंबर भी मिल चुका है. जल्द ही ये याचिकाएं लिस्ट होंगी और सुनवाई के लिए कोर्ट के सामने जाएंगी.
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Comments on “भड़ास की पहल पर 117 मीडियाकर्मियों ने मजीठिया वेज बोर्ड के लिए नाम-पहचान के साथ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका”
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भास्कर के कोटा कार्यालय में मैनेजमेंट के दबाव में कुछ गद्दारों ने मजीठिया नहीं चाहिए वाले कागज पर साइन कर दिए। इनमें प्रमुख रूप से हेमंत शर्मा , शैलेन्द्र माथुर, पंकज मित्तल , समकित जैन आदि शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में केस करने में यही अगवा बने थे। अब यही पीछे हट गए। बाकी और कर्मचारियों पर भी दबाव है।
wage board na lene ke liye sign karwane ka koi Fayda hone wala nahi hai. Agar Majithia wage board ki recommendations ko dhyan se padhe to isme likha hai ki iski notification ke 3 weeks ke andar hi koi karamchari ise lagu na karne ki likhit sehmati de sakta hai. iske alawa ye bhi likha gya hai ki koi akhwar malik wage board se kam salary nahi de sakta. isliye Darpok logo ko karne do jo wo kar rhe hai
भास्कर प्रबंधन जबरन साइन करने को मजबूर कर रहा है। भास्कर कोटा कार्यालय में गद्दारों की कमी नहीं है। उनमें से एक गद्दार जतिन नाम का कर्मचारी है। जो सुप्रीम कोर्ट में केस करने वालों के नाम ओम गौड़ को बता रहा है। यह अपनी नौकरी बचाने के लिए गद्दारी कर रहा है।