मुंबई। केंद्र सरकार और राज्य सरकार टैक्सी चोरी रोकने के लिए नित्य नए-नए कदम उठाने के साथ ही नागरिको में जनजागृति कर रही है। इसे लेकर जहां आम जनमानस में टैक्स जमा करने में वृद्धि हुई है, वहीं मुंबई में लाखों उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने के दौरान बिल में सरकारी टैक्स वसूल किया गया है। उस टैक्स के दो हजार करोड़ रुपए अनिल अंबानी के मेसर्स रिलायंस एनर्जी ने राज्य सरकार के पास जमा किए बिना ही अडानी ग्रुप को बेच दिया है। इसके लिए सरकारी टैक्स का गबन करने वाले मेसर्स रिलायंस एनर्जी के खिलाफ गुन्हा दाखिल कर रकम वसूल करने की मांग की जा रही है।
मुंबई और उपनगरों में रिलायंस एनर्जी द्वारा बिजली सप्लाई करने का कार्य शुरू किया गया था। मुंबई डिस्ट्रीब्यूशन सर्कल में रिलायंस के पास 30 लाख ग्राहक हैं। इनके लिए कुल 1,892 मेगावॉट बिजली की जरूरत पड़ती है, जिसमें से 500 मेगावॉट बिजली कंपनी को अपने पावर प्लांट से मिलती है। रिलायंस बिजली कंपनी से सेवा लेने वाले नागरिकों से सरकारी टैक्स वसूल किया जाता है।
अनिल की रिलायंस एनर्जी पर 1452 करोड़ रुपए बकाया
जानकारी के अनुसार उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी ‘मेसर्स रिलायंस एनर्जी’ ने उपभोक्ताओं से इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रिसिटी पर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और यूनिट पर इलेक्ट्रिसिटी टैक्स वसूल तो कर ली है, लेकिन सरकार की तिजोरी में अभी तक जमा नहीं कराया है। जानकारी के मुताबिक जून 2017 में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की रकम 103,85,87,500 रुपए और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स की रकम 14,14,58,200 रुपए है, जिसे 31 जुलाई 2017 तक अदा नहीं किया गया था।
इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2017, 4 महीने की बिजली ड्यूटी 419,10,84,100 रुपए और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स में 43,14,99,900 रुपए है। टॉस (0.15 पैसे ) एवं रुपए 11,24,23,800 ग्रीन सेस (0.08 पैसे) ऐसे कुल मिलाकर 473,50,07,800 रुपए की रकम अदा नहीं की गई है।
कुल मिलाकर जून 2017 से अक्टूबर 2017 तक 5 महीने का कुल 591,50,53,500 रुपए बकाया है। मुंबई सेंट्रल स्थित विद्युत निरीक्षक, मुंबई निरीक्षण विभाग ने बताया कि अक्टूबर 2016 से मई 2017 तक 8 महीने की 860,18,61,700 रुपए की रकम अदा नहीं की गई है।
रिलायंस ने इलेक्ट्रिसिटी इंस्पेक्टर के नोटिस को किया नजरअंदाज
महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी डयूटी अधिनियम 2016 में नियम 11 के अनुसार इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स तयशुदा समय पर अदा नहीं करने पर पहले 3 महीने के लिए वार्षिक 18 प्रतिशत रेट और उसके बाद रकम अदा करने तक वार्षिक 24 प्रतिशत रेट से ब्याज वसूला जाएगा।
3 नवंबर 2017 को इलेक्ट्रिसिटी इंस्पेक्टर मिनाक्षी वाठोरे ने महाप्रबंधक, मेसर्स रिलायंस एनर्जी को पत्र भेजकर बकाया इलेक्ट्रिसिटी डयूटी और इलेक्ट्रिसिटी टैक्स ब्याज सहित अदा करने के निर्देश जारी किए हैं।
मुंबई निरीक्षण विभाग ने भी मेसर्स रिलायंस कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद भी रिलायंस एनर्जी टैक्स तो जमा करना दूर अभी तक कोई ठोस कदम उठाती नजर नहीं आ रही है।
बिना टैक्स भरे अडानी को बेची कंपनी
रिलायंस एनर्जी द्वारा बिजली सेवा लेने वाले नागरिकों से सरकारी टैक्स वसूल करने के बावजूद अभी तक सरकार के पास जमा नहीं किया है। इसकी शिकायत किए जाने के बावजूद अपने फायदे के लिए रिलायंस द्वारा रिलायंस एनर्जी को अडानी को 13,251 करोड़ में बेच दिया है। कंपनी को बेचने के बाद मिले पैसे को सरकार के पास जमा करने के बजाय अपने कर्ज को समाप्त करने में इस्तेमाल किए जाने की जानकारी सूत्रों से मिली है।
9000 करोड़ लोन माफी की साजिश
गौरतलब है कि उद्योगपति अनिल अंबानी पर सरकार मेहरबान है। विजया बैंक ने अनिल अंबानी समूह के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग के 9000 करोड़ लोन (कर्ज) को मार्च तिमाही से गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित किया है, जो कानूनी दायरे में रहते हुए लोन माफ करने की चाल मानी जा रही है।
सरकारी टैक्स को गबन करने वाली रिलायंस एनर्जी के अनिल अंबानी पर गुन्हा दर्ज करने के साथ ही टैक्स वसूल करने में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
-एड. दिलीप इनकर, सामाजिक कार्यकर्ताएमआरसी के आदेश के अनुसार डील समाप्ति के समय इस टैक्स की रकम को जमा कर सकते हैं। बाकी जानकारी नहीं है ।
-ब्रज किशोर, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर
दबंग दुनिया अखबार के मुंबई एडिशन में छपी संपादक उन्मेष गुजराथी की लीड न्यूज.
GIRDHARI LAL ladha
August 19, 2018 at 5:21 pm
Reliance group is a biggest fraud company. Thousands dealers have been incurred losses in dealing their Petrol bunk and mobile and telecommunication business. This group must be punished for cheating small traders.