Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

दी टेलीग्राफ की ये लीड न्यूज़ किसी दूसरे अख़बार में दिखी!

संजय कुमार सिंह-

उदाहरण संपादकीय विवेक का… मोटे तौर पर मामला यही है कि प्रसाद की चोरी के आरोप में युवक को पीट-पीट कर मार डाला। युवक को पीट कर मार डालना – एक खबर है। आप सामान्य कह सकते हैं। वैसे है नहीं, पुलिस प्रशासन के रहते ना किसी को ऐसी हिम्मत होनी चाहिए ना जरूरत पड़नी चाहिये। पर यही व्यवस्था है और काफी समय से है। देश के कई हिस्सों में है। बलात्कारी विशेष तौर पर छोड़े जा सकते हैं तो होगी भी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रसाद जो बांटने के लिए ही होता है, की चोरी दूसरी खबर है। और निश्चित रूप से यह इस खबर को असामान्य बनाती है और इसलिए यह खबर अलग ट्रीटमेंट डिजर्व करती है। युवक मुस्लिम है, मारने वाले हिन्दू हैं, घटना पुरानी है और अखबारों में तब छपी जब वीडियो वायरल हुआ तो संपादकों को अपने सूचना तंत्र (रिपोर्टिंग) की नालायकी के लिए पश्चाताप करना चाहिए। आपके अखबार ने किया है?

खबर का खास हिस्सा यह भी है कि उसे खंभे से बांध कर मारा गया और जिस कपड़े से बांधा गया वह भगवा था। भगवा चड्ढी पर हंगामा याद है ना? अब क्यों नहीं है? आपको चिन्ता नहीं है पर इंडियन एक्सप्रेस ने एनके सिंह के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में जो खासियत है वह अटल बिहारी वाजपेयी में नहीं थी। एनके सिंह के अनुसार, नीतियों को लागू करने के मामले में उनकी ‘बाज की नजर’ है। दूसरी ओर, टेलीग्राफ ने छापा है, (The Project to Inflame India) भारत में आग लगाने की योजना। इस बारे में कई जिम्मेदार लोग कह भी चुके हैं। पर खबर तो खबर है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement