किसी ने सोचा नहीं था कि 4पीएम यू-ट्यूब की दुनिया में इतनी जल्दी और इतने शानदार इतिहास रच देगा। 4पीएम ने 13 लाख सब्सक्राइबर पूरे करने के साथ-साथ व्यूज के मामले में देश के जाने-माने पत्रकारों को पीछे छोड़ दिया है।
बहुत ही कम समय में 4पीएम ने अपनी पहचान भारत के अलावा दुनिया के 150 से अधिक देशों में बना ली है। 4पीएम के संपादक संजय शर्मा कई बार सरकार के निशाने पर भी रहे। उनके दफ्तर पर हमले से लेकर उनके खिलाफ तरह-तरह की जांचे भी कराई गयीं, परन्तु इससे डरने की जगह संजय शर्मा के तेवर और अधिक तीखे होते चले गये। इसी का परिणाम है कि आज 4पीएम इस मुकाम तक आ पहुंचा।
डेटा बीईंग (Data Being) की जून महीने के रिपोर्ट बताती है कि 4पीएम देश में पॉलीटिकल कमेन्ट्रेटर की श्रेणी में चौथे स्थान पर व्यूज की दृष्टि से जा पहुंचा और इसने ध्रुव राठी, पुन्य प्रसून वाजपेयी, अभिसार शर्मा और अजीत अंजुम जैसे बड़े नामों को भी बहुत पीछे छोड़ दिया है।
4पीएम से ऊपर सिर्फ डीबी लाइव, रवीश कुमार और कैपिटल टीवी ही हैं। 4पीएम ने एक महीने में 41.0 मिलियन व्यू और 6 प्रतिशत शेयर हासिल किया है। ध्रुव राठी 35.5 मिलियन व्यू और 5 प्रतिशत शेयर, अभिसार शर्मा 32.2 मिलियन व्यू और 5 प्रतिशत शेयर, पुन्य प्रसून वाजपेयी 29.5 मिलियन व्यू और 5 प्रतिशत शेयर, सत्य हिन्दी 28.4 मिलियन व्यू और 4 प्रतिशत शेयर, अजीत अंजुम 25.3 मिलियन व्यू और 4 प्रतिशत शेयर, आर्टिकल-19 21.0 मिलियन व्यू और 3 प्रतिशत शेयर, द देशभक्त 15.3 मिलियन व्यू और 2 प्रतिशत शेयर, न्यूज लांड्री 11.9 मिलियन व्यू और 2 प्रतिशत शेयर, भारत समाचार 9.6 मिलियन व्यू और 1 प्रतिशत शेयर और शुशांत सिन्हा 6.6 मिलियन व्यू और 1 प्रतिशत शेयर प्राप्त किये हैं।
जाहिर है कि संजय शर्मा कि स्वामित्व वाले 4पीएम ने व्यू के मामले में इतनी लम्बी छलांग लगाई है कि वहां तक पहुंच पाना अब किसी के लिए आसान नहीं दिख रहा। यह सिर्फ उनके नेशनल चैनल के आंकड़े हैं जबकि उन्होंने राज्यों के लिए अलग चैनल बना दिये हैं। जिनमें 4पीएम बिहार, 4पीएम यूपी, 4पीएम गुजरात, 4पीएम कर्नाटक और 4पीएम महाराष्ट्र शामिल हैं।