उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी के ऊपर काम का अतिरिक्त दबाव बढ़ने वाला है। राज्य सूचना आयोग से वरिष्ठ पत्रकार राजकेश्वर सिंह, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी अरविंद सिंह बिष्ट समेत 8 सूचना आयुक्तों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा सूचना आयुक्त के 10 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में आठ सूचना आयुक्त कार्यरत हैं। दो सूचना आयुक्तों के पद पहले से रिक्त हैं।
एक पद पूर्व सूचना आयुक्त ज्ञान प्रकाश मौर्य का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद 30 जून 2014 को ख़ाली हुआ था, जबकि दूसरा पद 2 जुलाई 2016 को पूर्व आयुक्त ख़दीजतुल कुबरा का कार्यकाल पूरा होने के बाद रिक्त हुआ था।
पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में तत्कालीन राज्यपाल द्वारा मनोनित राज्य सूचना आयोग के 8 सूचना आयुक्त आज दिनांक 7 जनवरी को अपने पद से रिटायर हो गये। रिटायर होने वाले सूचना आयुक्तों में वरिष्ठ पत्रकार राजकेश्वर सिंह, स्वदेश कुमार, मुलायम सिंह यादव के समधी अरविंद सिंह बिष्ट, हाफिज़ मौहम्मद उस्मान, सैयद हैदर अब्बास रिज़वी, गजेंद्र यादव, विजय शंकर शर्मा और पारस नाथ गुप्ता शामिल हैं।
राज्य सूचना आयुक्तों के रिटायरमेंट के मौक़े पर राज्य सूचना आयोग में फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया गया जहां बहुत ही सादगी के साथ आयोग के कर्मचारियों ने अपने आयुक्तों को फूल-माला पहनाकर सम्मानित किया। इस मौक़े पर राज्य सूचना आयोग के कर्मचारियों और रिटायर हुये सभी सूचना आयुक्तों ने पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान बिताये गये समय और अपने-अपने कार्यों को याद किया।
प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी को छोड़कर राज्य सूचना आयोग के सभी आयुक्तों के रिटायरमेंट के बाद फिलहाल उत्तर प्रदेश सूचना आयोग पूरी तरह ख़ाली हो गया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द ही राज्य सूचना आयोग में नये सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की तैयारी कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक़ राज्य सूचना आयुक्त पद के लिए राज्य सरकार को दो बार में करीब साढ़े चार सौ आवेदन मिले हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो इनमें बीस से ज़्यादा आवेदन उन IAS और IPS अफसरों के हैं जो हाल में रिटायर हुए हैं या फिर फरवरी 2018 तक रिटायर होने वाले हैं। पचास से ज़्यादा आवेदन पत्रकारों के हैं, जबकि दो सौ से ज़्यादा आवेदन अधिवक्ताओं के हैं। नियमानुसार इन आवेदनों की स्कैनिंग प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित कमिटी को करनी होती है। विभागीय सूत्रों की माने तो प्रशासनिक सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ख़ुद आवेदक हैं, इसके चलते प्रमुख सचिव नियोजन की अध्यक्षता में स्कैनिंग कमिटी गठित की जा रही है।
राज्य सूचना आयोग में नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है। चयन समिति में मुख्यमंत्री, नेता विपक्ष और सीएम द्वारा नामित एक मंत्री होता है। 2005 में आयोग के गठन के बाद हुई सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के बाद कुछ लोग हाई कोर्ट पहुंच गए थे। कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार पहले विज्ञापन निकाल कर इच्छुक व्यक्तियों के आवेदन पत्र ले और उसी आधार पर आयुक्तों की नियुक्ति की जाए। सात जनवरी 2014 को उक्त आठ सूचना आयुक्तों की नियुक्ति इस प्रक्रिया के तहत हुई थी।