जयशंकर गुप्त-
धन्यवाद एबीपी न्यूज! आपने वही किया जिसकी आशंका थी! आज लंबे अंतराल के बाद जब एबीपी न्यूज के गेस्ट कोआर्डिनेशन टीम से नीरज का फोन आया, तमाम तरह के परिचयों के साथ उन्होंने जताया कि हम उन्हें बखूबी जानते पहिचानते हैं, मुझे कुछ आश्चर्य सा हुआ। फिर उन्होंने बताया कि आज देव दीपावली पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की काशी यात्रा को लेकर दिन में तीन बजे से एबीपी न्यूज पर होनेवाली चर्चा में शामिल होना है। इस पर भी आश्चर्य ही हुआ।
तीन बजे से हमारे प्रेस एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक के नाते असमर्थता जताने पर उनने कहा कि हम चार बजे से भी चर्चा में जुड़ सकते हैं। गाड़ी हमारे घर से मुझे ले जाएगी।
बाद में भी उनके फोन कई बार आए, विषय को लेकर। गाड़ी के ड्राइवर ने घर का लोकेशन भी ले लिया। लेकिन जब 3.40 बजे तक गाड़ी नहीं आई तो मुझे संदेह हुआ, पता चला कि ड्राइवर को मना कर दिया गया है। नीरज ने बताया कि ऐसा किसी गलतफहमी के कारण हुआ है।
दरअसल, गलतफहमी तो तब होती जब हम वहां जाते और अपनी बात रखते। हम ढिंढोरची नहीं हैं। इसी कारणवश तो गोदी मीडिया के अधिकतर टीवी चैनल इन दिनों हमें अथवा हमारे जैसे लोगों, वरिष्ठ पत्रकारों को अपनी चर्चाओं में बुलाने का जोखिम नहीं उठाते! हम इसके आग्रही भी कभी नहीं रहे। इस बार भी आमंत्रण उधर से ही था।
अब तो अधिकतर टीवी चैनलों पर चर्चा के विषय से लेकर उसमें भाग लेनेवाले अतिथियों की मंजूरी भी कहीं और से लेनी पड़ती है। इसलिए इस मामले में एबीपी न्यूज के छुटभैयों का कोई दोष नहीं। तकलीफ सिर्फ इसी बात की है कि यह सब आनंद बाजार पत्रिका जैसे संस्थान में भी हो रहा है जिसके (रविवार) साथ हम आठ वर्षों तक जुड़े रहे हैं और जो प्रेस की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए अपने संपादकों और संवाददाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़े होता रहा है।
एक बार फिर एबीपी न्यूज के संपादन, प्रबंधन टीम का धन्यवाद।