कोरोना व लाकडाउन पीरियड में मीडिया के बहुत सारे साथी बेरोजगार हुए हैं. अब भी निकाले जा रहे हैं. इन साथियों को मदद की जरूरत है. सबसे पहली मदद तो मानसिक तौर पर की जानी है. माइंडसेट बदलने की जरूरत है. दूसरी मदद इन्हें खुद को अपने पैरों पर खड़ा करने-कराने की है. तीसरी मदद लगातार मार्गदर्शन की है. चौथी मदद हर एक की दिक्कत निजी तौर पर सुन-समझ कर उन्हें गाइड करने की है.
इसी के तहत मैं अपने फेसबुक पेज https://www.facebook.com/yashwant.bhadas4media/ पर आज शाम से एक सीरिज शुरू करने जा रहा हूं. जो भी साथी मीडिया के बेरोजगार हुए हैं, बेरोजगार होने की आशंका में जी रहे हैं, वे इस पेज को फालो और सी फर्स्ट कर लें. 12 साल से भड़ास चलाते हुए मुझे जो कुछ समझ में आता है, उस ज्ञान को ट्रांसफर करने की कोशिश करूंगा.
इसलिए अगर आपका कोई परिचित भी बेरोजगार हुआ है तो उस तक ये पोस्ट पहुंचाएं, उसे टैग करें. मेरा वादा है, आप खुद के पैरों पर खड़े हो जाएंगे, गुलाम-नौकर बनने की त्रासदी से मुक्त हो जाएंगे.
गैर-मीडिया फील्ड के बेरोजगार साथी भी इस क्लास में शिरकत करें. उन्हें भी फायदा होगा.
मेरे पेज से कनेक्ट होइए, फालो करिए और फिर See First कर लीजिए. नीचे दिए लिंक पर क्लिक करिए-
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.