रायपुर। जनधारा मीडिया समूह के समूह संपादक अभय किशोर के अचानक इस्तीफा देने के बाद से भीतरी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चर्चा है कि प्रबंधन के रवैये से आहत होकर अभय किशोर ने इस्तीफा दिया है। मामला चाहे जो भी हो,लेकिन एक बात तो सच है कि एशियन न्यूज़ की लॉन्चिंग होने के साथ ही मैनेजमेंट का आपसी मतभेद खुलकर सामने आने लगा।
कांग्रेस पार्टी के नेता अरुण भद्र जनधारा मीडिया ग्रुप में पार्टनर हैं। ग्रुप के प्रधान संपादक सुभाष मिश्रा हैं। 1 दिसंबर 2022 को जनधारा मीडिया समूह का चैनल एशियन न्यूज़ लॉन्च हुआ। लॉन्चिंग के साथ अभय किशोर ने पूरी टीम बनाई। महीना भर बीतने के बाद खबरों को लेकर अभय किशोर और अरुण भद्र के बीच विवाद शुरू हो गया। अरुण भद्र की देर रात मूड में होकर फोन करने वाली आदत के शिकार अभय किशोर भी हुए। आशीष तिवारी को भी अक्सर रात में फोन किया जाने लगा लेकिन आशीष पर सुभाष मिश्रा का संरक्षण है, इसलिए नौकरी सुरक्षित है।
मार्च महीने में कंपनी के करीब 20 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। इन लोगों को नौकरी से निकालने में अरुण भद्र, सुभाष मिश्रा के अलावा एक अहम रोल शकील साजिद का भी रहा। ये महोदय पूरे सिस्टम को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करते हैं और अरुण व सुभाष के बीच मीडिएटर का काम करते हैं। जो व्यक्ति उसकी बात नहीं मानता है, उसको प्रबंधन के किसी न किसी शख्स के गुस्से या कोप का शिकार बनवा दिया जाता है।
मार्च महीने में अचानक इनपुट एडिटर संजीव शुक्ला को नौकरी से निकाल दिया गया। उनकी जगह पर संजय उपाध्याय को लाया गया। अभय किशोर और संजय उपाध्याय की बढ़ती दोस्ती को देख कई लोग परेशान हो गए। बताया जाता है कि जनधारा मीडिया समूह से अभय किशोर के इस्तीफा देने से दो दिन पहले ऑफिस में अरुण भद्र और अभय किशोर के बीच कहासुनी हुई थी। दोनों तरफ से चिल्लाने की आवाज सुनकर स्टाफ भी उनके केबिन के बाहर इकट्ठा हो गया था। इसके बाद ही अभय किशोर ने नौकरी छोड़ दी।
अरुण भद्र और सुभाष मिश्रा छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के मकसद से चैनल ले आए हैं लेकिन अब स्थिति यह है कि स्टाफ को कभी 20 तारीख को तो कभी 25 तारीख को तनख्वाह मिलती है। कई लोग पैसे के चक्कर में नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। प्रबंधन के एक शख्स ने कुछ दिन पहले रात में पीसीआर एमसीआर के स्टाफ को गालियां दी।
अभय किशोर कोई पहले टारगेट नहीं हैं। इसके पहले मार्केटिंग हेड को नौकरी छोड़कर जाना पड़ा। स्पेशल रिपोर्टर मनोज को भी इसी वजह से जाना पड़ा।
अरुण भद्र खुद को वरिष्ठ कांग्रेस नेता बताते हैं लेकिन इनका अपना भी एक लंबा चौड़ा इतिहास है जिस पर फिर कभी विस्तार से बात होगी।
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