सिवान जिले में पिछले एक दशक से ईटीवी बिहार के लिए काम करने वाले तेजतर्रार पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने शुक्रवार को इस्तीफ़ा दे दिया। अभिषेक का ईटीवी के वर्तमान सम्पादकीय प्रबंधन से सम्बन्ध अच्छा नहीं चल रहा था। अभिषेक सन 2002 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। स्माल स्केल इंडस्ट्रीज में बिजनेस मैनेजमेंट और पटना लॉ कॉलेज से विधि स्नातक अभिषेक श्रीवास्तव ने प्रभात खबर में बतौर सिवान नगर संवाददाता के रूप अपने पत्रकारीय करियर की शुरुआत की। अभिषेक को 2005 में तत्कालीन संपादक अजय कुमार ने सिवान के ब्यूरो चीफ का प्रभार दिया।
2006 में अभिषेक ने ईटीवी बिहार झारखंड त्रि-स्तरीय परीक्षा में उतीर्ण होकर झारखंड के डाल्टनगंज (पलामू) में बतौर सेकेण्ड मैन के रूप में ईटीवी ज्वाइन किया। डाल्टनगंज में अपने योगदान के तीन माह के अन्दर ही अभिषेक ने सुदूर जंगल में जाकर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी के शहादत दिवस कार्यक्रम का कवरेज किया और उस समय के एरिया कमांडर मदन जी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लिया। अभिषेक की इस उपलब्धि से ईटीवी के तत्कालीन सीओबी गुंजन सिन्हा ने डाल्टनगंज 2MB प्रभारी देव कुमार पुखराज को हैदराबाद बुला लिया और अभिषेक को डाल्टनगंज 2MB का प्रभार दे दिया।
2007 में ईटीवी बिहार के न्यूज़ को-ओर्डिनेटर प्रवीण बाग़ी के प्रयास से अभिषेक को सिवान 2MB लाया गया और वहां के प्रभारी अनुभव सिन्हा को रक्सौल भेज दिया गया। तब से अभिषेक लगातार ईटीवी बिहार को सिवान से अपनी सेवा दे रहे थे। अभिषेक को अपने अधिकारियों की जी हुजूरी करना पसंद नहीं इसलिए ईटीवी बिहार के पूर्व संपादक कुमार प्रबोध से उनकी नहीं पटती थी लेकिन अभिषेक की खबरों के आगे प्रबोद्ध चाह कर भी उनका कुछ बिगाड़ पाने में सफल नही रहें। वहीं ईटीवी में बदले हालात के बाद आये सभी नए चेहरे अभिषेक की बेबाकी व बगावती नेचर को बर्दाश्त नही कर पा रहे थे। आये दिन अभिषेक को नीचा दिखाने के लिए ईटीवी कंट्रोल रूम से लेकर सम्पादकीय प्रभारी, ब्यूरो चीफ और असाइनमेंट के लोग लगे रहते थे।
शुक्रवार को अर्नब गोस्वामी के नये चैनल रिपब्लिक पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के बीच हुए फोनिक वार्तालाप का ऑडियो प्रसारित होने के बाद ईटीवी बिहार के सभी अधिकारियों ने अभिषेक पर लापरवाही का आरोप लगाया और उस ऑडियो को किसी भी हालत में लाने की बातें कही जबकि अभिषेक कहते रह गये कि यह उनके स्तर से कतई संभव नहीं लेकिन वे लोग नहीं माने जिससे नाराज अभिषेक श्रीवास्तव ने अपना इस्तीफ़ा संपादक से लेकर एचआर और सहायक प्रबंधक को मेल कर दिया। पिछले तीन टर्म से अभिषेक बिहार सरकार के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से मान्यता प्राप्त रहे हैं। अभिषेक के इस्तीफ़े से यह भी कयास लगाया जा रहा है कि वे जी बिहार/झारखंड, कशिश न्यूज़ अथवा न्यूज़ इंडिया में किसी बड़े पद पर अच्छी सैलरी के साथ जा सकते हैं।