बुलंदशहर (उ.प्र.) : ‘अमर उजाला’ एक ओर जहां बेटियों को बचाने की आवाज उठा रहा है, वहीं बुलंदशहर में उसने यौन उत्पीड़न की शिकार एक महिला को दोषी ठहराते हुए अफसर को क्लीन चिट दे दी है. इस वाकये से अखबार की पूरे जिले में खूब किरकिरी हो रही है.
घटनाक्रम इस प्रकार है – नॉएडा की एक महिला जिला पंचायती राज विभाग में बड़े पद पर तैनात थीं. उन्होंने एक अधिकारी पर यौन शोषण के प्रयास के आरोप लगाए. साक्ष्य जुटाने के लिए महिला ने डीपीआरओ दफ्तर में ख़ुफ़िया कैमरा लगवा लिया. इसके बाद तो तमाम आरोप जड़ते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. मामले की जाँच खुद सीडीओ कर रहे हैं. हिंदुस्तान और दैनिक जागरण ने जहां पीड़िता की खबर को लगातार दो दिनों तक प्रमुखता से छापा. वहीं अमर उजाला ने पहले दिन आरोपी अफसर के खिलाफ एक शब्द तक नहीं लिखा और दूसरे दिन उसी अधिकारी का महिमा मंडन करते हुए पीड़िता को ही उल्टे दोषी ठहरा दिया।
खबर प्रकाशित करने से पूर्व अमर उजाला ने पीड़िता का पक्ष जानना भी उचित नहीं समझा. बताया जा रहा है की खबर की एवज में उस अधिकारी ने पत्रकार को लाभान्वित किया है। ये रिपोर्टर पहले भी शौचालय घोटाले में आरोपी अफसर पर काफी रहम खा चुका है. पंद्रह दिन तक लगातार जागरण, हिंदुस्तान ने तब भी उसके घोटालों का खुलासा किया था लेकिन अमर उजाला ने मामले का चटपट पटाक्षेप कर दिया था.