लखनऊ : आईपीएस अमिताभ ठाकुर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उन पर उन्ही के पुराने साथी और आरटीआई कार्यर्ता संजय शर्मा ने आय से अधिक संपत्ति रखने समेत काले धन को सफ़ेद करने के आरोप लगाए हैं. संजय शर्मा द्वारा साक्ष्यों के साथ शिकायत के बाद लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने अमिताभ ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू किए जाने की सूचना मुख्य सचिव आलोक रंजन को भेज दी है. लोकायुक्त ने ठाकुर को भी नोटिस भेजकर 6 अगस्त तक आरोपों पर सफाई मांगी है.
गौरतलब है कि इससे पहले सामाजिक संगठन तहरीर के मुखिया संजय शर्मा ने लोकायुक्त को अमिताभ ठाकुर के खिलाफ 21 जुलाई को शिकायत पत्र सौंपा था. जिसमे उनके परिवार की अघोषित संपत्तियों, नूतन ठाकुर के एक सोसाइटी के सचिव के साथ धोखाधड़ी कर गरीबों की जमीन हड़पने की बात कही थी. संजय शर्मा ने कहा है कि अमिताभ ठाकुर पर यह भी आरोप लगाया गया है कि इनकी संस्थाओं को विदेशों से भी पैसा आता है और ये काले धन को सफेद करने का गोरखधंधा करते हैं. अमिताभ की पत्नी नूतन ठाकुर ने ममता सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड लखनऊ के तत्कालीन सचिव के साथ मिलकर दर्जनों व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी करके राजधानी के खरगापुर में 27200 वर्ग फीट का आवासीय प्लॉट खरीदा. और इसकी जानकारी भी छुपाई.
यह भी आरोप है कि अमिताभ ठाकुर ने अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए अपने परिवार, सगे-संबंधियों और मित्रों के नामों से रीयल एस्टेट में निवेश किया है. साक्ष्य के रूप में उन्होंने अमिताभ की माता माधुरी बाला के नाम से लखनऊ के ग्राम भैंसवारा में गाटा संख्या 816 में 4000 वर्ग फीट और गाटा संख्या 536 ग्राम खरगापुर लखनऊ में 28000 वर्ग फीट के आवासीय प्लॉट के दस्तावेज भी सौपे हैं. अमिताभ ठाकुर पर अपनी अधीनस्थ महिला कार्मिकों की जासूसी कराने का भी आरोप लगाया गया है।