अमर उजाला प्रयागराज के वरिष्ठ उप संपादक अनिल सिद्धार्थ को 15 अप्रैल को हार्ट अटैक आ गया। वे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के हृदय रोग विभाग की आईसीयू में भर्ती हैं। उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
प्रयागराज यूनिट से लगभग दो दशक से जुड़े अनिल सिद्धार्थ साहित्य, कला, संस्कृति व धर्म कर्म के मामलों के बेहतरीन रिपोर्टर माने जाते हैं। उनकी लेखनी के सभी कायल हैं। बताया जाता है कि जब से मनोज मिश्र की दूसरी पारी प्रयागराज में बतौर संपादक शुरू हुई है, अनिल उनके निशाने पर रहे हैं। दो वर्ष पूर्व उनको रिपोर्टिंग टीम से हटा दिया गया, लेकिन इससे भी उनकी प्रताड़ना बंद नहीं हुई। पेट्रोल व मोबाइल भत्ता बंद कराने के बावजूद उनसे रिपोर्टिंग जैसे ही काम करवाए जाते रहे। दिन भर दौड़ाया जाता फिर शाम को उनको सारी विज्ञप्तियां थमा दी जातीं। वे रिपोर्टरों की तरह बैठकर विज्ञप्ति बनाते और अखबार के छूटने तक उनको ऑफिस से जाने की इजाजत नहीं थी।
अनिल सिद्धार्थ इधर काफी दिनों से उदास से थे और चुप रहा करते थे। 14 अप्रैल को भी उनके साथ मनोज मिश्र ने फिर से काफी बदतमीजी की। उन पर सभी रिपोर्टरों की कार्य योजना का प्रिंट लेकर संपादक के पास जाने की जिम्मेदारी भी डाली गई थी। 14 अप्रैल को मनोज मिश्र उन पर बरस पड़े। जोर-जोर से उनको डांटने की आवाजें रिपोर्टिंग रूम तक आने लगीं। पूरा स्टॉफ केबिन में कान लगाए रहा।
अपमान का घूंट पीकर अनिल बाहर तो आ गए, लेकिन काफी बेचैन थे। उनको बार-बार कमरे से बाहर निकलकर जाते देखा गया। कुछ साथियों ने उनको घर जाने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया। रात 2 बजे सारे पेज चेक करने के बाद वे घर गए। उनके सीने में रात से ही दर्द हो रहा था। सुबह बेचैनी बढ़ गई तो उनको स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच करके बताया कि उनको गंभीर हार्ट अटैक आया है। हालत चिंताजनक होने के कारण उनको स्टेंट भी नहीं डाला जा सका। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक वे स्थिर नहीं हो जाते, कुछ नहीं किया जा सकता। परिवार में पत्नी और एक बेटा है जो काफी परेशान हैं। अमर उजाला के कई प्रतिनिधि उनकी मदद कर रहे हैं।
Jharkhand working journalists union
April 17, 2022 at 1:08 pm
आरोपी संपादक पर कार्यवाई की जानी चाहिए.