कहने को तो रसिया यूक्रेन विवाद का नाम लेकर ग्लोबल शेयर मार्केट गिरने के बहाने भारतीय शेयर बाज़ार गिरने को जस्टीफ़ाई किया जा रहा है पर आज जो भारत में हुआ वह बैंकिंग स्कैम का नतीजा भी है। ख़ासकर बैंक निफ़्टी जिस क़दर ध्वस्त हुआ है वह ये बताने के लिए काफ़ी है कि एबीजी शिपयार्ड बैंकिंग स्कैम का असर भयानक पड़ा है और इसके जारी रहने के आसार हैं।
यह सब तब हो रहा है जब एलआईसी का आईपीओ लाया जा रहा है। भारतीय निवेशक जिस बुलिश शेयर मार्केट से मोदी राज के अच्छे दिनों का गाना गाते थे वह मार्केट अब खून के आँसू रुला रहा है।
कहने वाले कहते हैं कि बैंकिंग इतिहास की लूट का पैसा यहीं शेयर मार्केट में तो लगा था और जैसे ही खबर उजगार हुई, सब पैसा लेकर निकल लिए।
सारे बैंक खोखले हो चुके हैं। शेयर मार्केट का गिरना कोई आश्चर्य की बात नहीं। यह अभी और ज्यादा टूट सकता है। भारत में किसी भी बैंक के पास अपनी निजी पूंजी नहीं बची है।
जनता की गाढ़ी कमाई तो पहले ही, महान राष्ट्रवादी मोदी सरकार खा चुकी है। अब चुनाव खत्म होने के बाद में इंतजार है डेढ़ सौ रुपए डीजल और पेट्रोल का, जिसकी वजह से विकास रुका हुआ है।
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार सुबह कारोबार शुरू होते ही जबरदस्त बिकवाली के बीच सेंसेक्स 1,197.86 अंकों की गिरावट से 56955.06 पर खुला। निफ्टी 348 अंक टूटकर 17,026 पर आ गया। आज का कारोबार ख़त्म होने से पहले सेन्सेक्स 1700 अंक गिर गया था। इसी तरह बैंक निफ़्टी भी सोलह सौ अंक गिर चुका।
सुबह 9.21 बजे तक सेंसेक्स 1,462 अंक और निफ्टी 400 अंकों की बड़ी गिरावट पर 17 हजार से नीचे कारोबार कर रहा था। एसबीआई, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े स्टॉक्स को जबरदस्त गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। NSE और BSE पर सभी सेक्टर्स में गिरावट दिख रही।