यशवंत भईया प्रणाम, बड़े दु:ख की बात है कि ये जो जिया न्यूज के कर्मचारी आपका विश्वास नहीं करते, आपके सहयोगियों का विश्वास नहीं करते, उनके लिए आप इतना कर रहे हैं. आपको बता दूं भइया, आपने एक न्यूज डाली थी भड़ास पर जिया न्यूज की महिला कर्मचारी का पैर कटने की. उस समाचार को मैंने सभी जिया न्यूज के कर्मचारियों को मेल किया. उस मेल में रोहन जगदाले, एसएन विनोद और कई शीर्ष कर्मियों के नाम शामिल थे.
जब मैं उसी शाम करीब 7 बजे जिया न्यूज के बाहर पहुंचा तो कई लोग मेरा विरोध करने लगे. सबने कहा कि वह खबर गलत है. भड़ास सिर्फ अपनी टीआरपी के लिए ऐसा करता है. कुछ ने कहा कि जिसने यह खबर अपने फेसबुक वाल पर डाली है, वह बेरोजगार था, मैंने ही उसे नौकरी दिलाई थी.. आज वह ऐसा कर रहा है. किसी संस्थान का नाम बदनाम करना ठीक नहीं है…
मैं तो कहता हूं कि भइया इन लोगों के साथ ऐसा होना जरूरी है. एक तरफ यशवंत सिंह (वन मैन आर्मी बनकर) उस महिला पत्रकार की मदद कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ भड़ास को सिर्फ टीआरपी का खेल बताया जा रहा है. आज ये लोग आपके पास फोटो भेज रहे हैं कि हम हड़ताल पर है. अरे भाई… क्या आप लोगों को (हड़तालियों) उस महिला पत्रकार का कटा हुआ पैर नहीं दिखाई दिया जिसे देखने के बाद शायद कुछ लोग खाना नहीं खाएं होंगे…. सच कहा है किसी ने … क्या जाने कोई पीर पराई…. रही बात रोहन जगदाले की तो वो बंदा पहले ही कह चुका है कि भइया मेरे ऊपर कई मामले हैं… या फिर दूसरे शब्दों में कह लीजिए कि मैं फ्रॉड हूं, मेरा क्या कर लोगे…. यशवंत भइया, मैं तो पहले से ही आपका मुरीद हूं…. लेकिन कभी-कभी दु:ख होता है जब आप लोगों का साथ देते हो और लोग आपकी आलोचना करते हैं … जैसे कि ये जो आज हड़ताल पर बैठे हैं…
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स्नेहा बघेल
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आपका
एस. शैलेंद्र
पत्रकार
नोएडा