समरेंद्र सिंह-
दैनिक भास्कर के मालिक “रउफ लाला” बन कर बहू बेटियों को नीलाम कर रहे हैं… इनका सब धंधा बंद होना चाहिए।
पहले पहल मुझे यकीन नहीं हुआ। बात ही कुछ ऐसी थी। ऐसा नहीं कि मुझे मीडिया घरानों से कोई उम्मीद है। बल्कि मैं तो मानता हूं कि ये मीडिया घराने रुपये के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। ठेका उठा सकते हैं। ठेके के लिए ब्लैकमेल कर सकते हैं। धर्म और जाति का सहारा लेकर हिंसा करा सकते हैं। जरूरत पड़ने पर सीधे सीधे हत्या करा सकते हैं। मीडिया के धंधे में लगे ये बेशर्म, बेहया, क्रूर लोग कुछ भी कर सकते हैं।
लेकिन सरे आम बहू बेटियों को नीलाम करने लगेंगे, ये उम्मीद नहीं थी। इस पोस्ट के साथ जो तस्वीर है उसे गौर से देखिए। ये दैनिक भास्कर का पोस्टर है। कांग्रेस की प्रस्तुति है! “लड़की हूं लड़ सकती हूं” का नारा बुलंद करने वाली कांग्रेस, प्रियंका गांधी की कांग्रेस के सहारे अदिति सिंह को “वसूली बाई रायबरेली वाड़ी” बना कर बिठा दिया गया है। अदिति सिंह कुछ दिन पहले तक कांग्रेस में थीं। अब बीजेपी में हैं।
सभी सरकारों से वसूली करने वाले दैनिक भास्कर के मालिकों के इशारे पर उसके परवर्ट और विकृत पत्रकारों ने अश्लीलता की सारी हदें पार कर दीं और अदिति सिंह को बाई बना कर प्रस्तुत कर दिया। कांग्रेसियों की दीदी प्रियंका गांधी ने इसकी इजाजत दी थी या नहीं, नहीं मालूम। लेकिन पोस्टर में कांग्रेस पेश करती है वसूली बाई।
ये पोस्टर दैनिक भास्कर की दुकान पर ताला लगवाने के लिए काफी है। अगर उत्तर प्रदेश सरकार और नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार में दम है तो उसे दैनिक भास्कर की आड़ में चल रहे वसूली गिरोह पर स्थायी तौर पर ताला लगवा देना चाहिए। नोएडा, लखनऊ में मौजूद उसके दफ्तर को सील करा देना चाहिए। ताकि भविष्य में कोई परवर्ट ऐसी हरकत नहीं करे। पता नहीं दैनिक भास्कर के मालिकों ने अपने घर को घर रहने दिया है या नहीं। कहीं उसे भी कोठा बना कर खुद रउफ लाला तो नहीं बन गए हैं। ये कुछ भी कर सकते हैं।
One comment on “ये पोस्टर दैनिक भास्कर की दुकान पर ताला लगवाने के लिए काफी है!”
राजनीति में तो अब भाषा की गरिमा बची नहीं, पत्रकारिता में कोशिश करें कि मर्यादा बनी रहे.