भास्कर डिजिटल के बस्ती रिपोर्टर ने व्यापारी कमरुद्दीन की खबर में की छेड़छाड़, पीड़ित ने भेजी हेड ओम गौड़ और स्थानीय संवाददाता को एक करोड़ मानहानि की नोटिस
भास्कर डिजिटल प्लेटफॉर्म के बस्ती जिला संवाददाता राज प्रकाश और डिजिटल हेड ओम गौड़ को एक करोड़ मानहानि की नोटिस भेजी गई है। लखनऊ के व्यापारी कमरुद्दीन जलालुद्दीन ने अपने लीगल एडवाइजर दिग्विजय सिंह के जरिए गलत खबर छपने पर और छवि को जानबूझकर धूमल करने के मामले में भास्कर डिजिटल के बस्ती जिला संवाददाता राज प्रकाश और डिजिटल के हेड ओम गौड़ के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है कि आखिर उनके खिलाफ लिखी गई खबर में जिन शब्दों का चयन किया गया उसका क्या आधार है।
नोटिस में कहा गया है कि जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की तो इस प्रथम सूचना रिपोर्ट पर भी दोषी नहीं हो जाते, ऐसे में उनके लिए नटवरलाल जालसाज जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके उनकी छवि को समाज में इतना धूमिल कर दिया गया कि अब उनका व्यापार करना कठिन हो गया है। इतना ही नहीं समाज में भी इस कदर लज्जित हो गए हैं कि कोई उनसे बात तक नहीं करना चाहता और ना ही मिलना चाहता है व्यापार करने की बात तो दूर की रही।
ऐसे में भास्कर डिजिटल की खबर से आहत होकर पीड़ित ने अपने वकील के माध्यम से लीगल तौर पर एक करोड़ मानहानि की नोटिस भेजी है जिसको लेकर हम भास्कर के दफ्तर में हड़कंप मचा हुआ है। इतना ही नहीं बस्ती जिले के भास्कर डिजिटल के संवाददाता राज प्रकाश ने नोटिस मिलने के बाद पीड़ित व्यापारी कमरुद्दीन को फोन कर उनसे माफी मांगी और कहा की आप जो चाहे भेज दीजिए हम वह आपकी खबर छाप देंगे।
जब उनसे पीड़ित व्यापारी ने पूछा कि नटवरलाल शब्द आपने कैसे प्रयोग किया तो बड़े ही शातिराना तरीके से जवाब देते हुए राज प्रकाश ने कहा कि नटवरलाल शब्द तो भगवान श्री कृष्ण के लिए प्रयोग में होता है तो कमरुद्दीन ने कहा कि अपने धर्म के भगवान का नाम मेरे साथ आप कैसे जोड़ सकते हो तो राज प्रकाश निरुत्तर होकर माफी मांगने लगा। वहीं भास्कर डिजिटल के दफ्तर में काम करने वाले द्विवेदी नाम के एक अधिकारी से इस मसले पर जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एफआईआर होने के बाद खबर लिखी गई है।
अन्य अखबारों में भी यह खबर छपी थी। ऐसे में जब उन्हें याद दिलाया गया कि नटवरलाल जलसाज या ठग जैसे शब्द का इस्तेमाल बिना कोर्ट के द्वारा दोष सिद्ध हुए करना उचित नहीं है तो उन्होंने कहा कि अगर इन शब्दों से कमरुद्दीन जी को आपत्ति है तो हम उसे हटा देंगे।
गौरतलब है कि 20 दिन पहले बस्ती जनपद के वाल्टर गंज और पुरानी बस्ती थाने में राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले दो व्यापारियों के द्वारा बिजनेस लेनदेन के मामले में कमरुद्दीन पर धारा 420 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी जिसके बाद व्यापारी कमरुद्दीन ने हाई कोर्ट की शरण ली, जहां से उन्हें राहत मिली और हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण को मेडिएशन सेंटर में भेजते हुए पुलिस की प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
इस दौरान जिन व्यापारियों ने कमरुद्दीन पर करोड़ों रुपए लेनदेन की फायर करवाई थी वह कोर्ट में यह साबित ही नहीं कर पाए कि उन्होंने कमरुद्दीन से कितने पैसे का लेनदेन किया है और इसी आधार पर हाई कोर्ट में कमरुद्दीन को राहत दे दी। नीचे देखें सम्बंधित खबर और व्यापारी द्वारा भेजी गई नोटिस…
बस्ती से एक पत्रकार के लेख पर आधारित