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भास्कर प्रबंधन ने सात दिन में 27 इस्तीफे लिखवाए, अब तक 63 हटाए गए

पत्रकारों के शोषण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर दैनिक भास्कर अखबार एक बार फिर बड़ी संख्या में पत्रकारों के साथ कुकृत्य कर रहा है। करीब 63 पत्रकार हटाये जा रहे हैं। इनको हटाने के लिए Md सुधीर अग्रवाल ने अपने pa कामेश और  सम्पादक देवेंद्र भटनागर को जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले 7 दिन में 27 इस्तीफे लिखवा लिए गए। शनिवार को रेवाड़ी में 13 इस्तीफे लिखवाये। इनमें न्यूज़ एडिटर, dne, sub एडिटर व अन्य पत्रकार शामिल हैं।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>पत्रकारों के शोषण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर दैनिक भास्कर अखबार एक बार फिर बड़ी संख्या में पत्रकारों के साथ कुकृत्य कर रहा है। करीब 63 पत्रकार हटाये जा रहे हैं। इनको हटाने के लिए Md सुधीर अग्रवाल ने अपने pa कामेश और  सम्पादक देवेंद्र भटनागर को जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले 7 दिन में 27 इस्तीफे लिखवा लिए गए। शनिवार को रेवाड़ी में 13 इस्तीफे लिखवाये। इनमें न्यूज़ एडिटर, dne, sub एडिटर व अन्य पत्रकार शामिल हैं।</p>

पत्रकारों के शोषण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर दैनिक भास्कर अखबार एक बार फिर बड़ी संख्या में पत्रकारों के साथ कुकृत्य कर रहा है। करीब 63 पत्रकार हटाये जा रहे हैं। इनको हटाने के लिए Md सुधीर अग्रवाल ने अपने pa कामेश और  सम्पादक देवेंद्र भटनागर को जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले 7 दिन में 27 इस्तीफे लिखवा लिए गए। शनिवार को रेवाड़ी में 13 इस्तीफे लिखवाये। इनमें न्यूज़ एडिटर, dne, sub एडिटर व अन्य पत्रकार शामिल हैं।

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इससे पहले दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम आदि में ये आपरेशन चला। दुखद बात ये है कि रोहतक में सम्पादकीय प्रभारी जितेंद्र श्रीवास्तव की ऐसे ही दबाव में आत्महत्या कर लिए जाने के बाद भी ‘सामूहकि कत्लेआम’ का क्रम जारी है। एनई जितेंद्र के सुसाइड करने से जब पत्रकार जगत शोक में था तब md सुधीर अग्रवाल की टीम रेवाड़ी में इस्तीफे लिखवा रही थी।

हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों में 30-30 साल पुराने पत्रकार घर भेजे जा रहे हैं। दैनिक भास्कर निर्दयता का बड़ा उदाहरण पेश कर रहा है। अब हिसार, अम्बाला, रेवाड़ी, रोहतक यूनिट बन्द करने की तैयारी है। पत्रकार रेल से कट रहे हैं, पर कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं। पत्रकार संगठन चुप हैं। सैकड़ों पत्रकारों पर रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है। MD सुधीर अग्रवाल पत्रकारों के घर उजाड़ रहें है, उनके परिवार बर्बाद होने की हालत में हैं। ये कैसा चौथा स्तम्भ है जिसमें दैनिक भास्कर के MD सुधीर जैसे राक्षस मानवता की गर्दन पर कुल्हाड़ी चला खून चूस रहे हैं।

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एक पीड़ित पत्रकार
फरीदाबाद।

(उपरोक्त पत्र एक ग्रुप का हिस्सा है जो भड़ास को भी भेजा गया है)

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