भास्कर प्रबंधन अपने संपादक के सुसाइड को हादसा बनाने की कोशिश करता रहा!

दैनिक भास्कर की रोहतक यूनिट के संपादक जितेंद्र श्रीवास्तव की आत्महत्या संदेह के घेरे में है। भास्कर प्रबंधन ने पत्नी को सूचना दिए बगैर ही पोस्टमार्टम करा दिया। सिर्फ उनके भाई को दिल्ली सूचना दी गई। दिन भर आत्महत्या को हादसा बनाए जाने की कोशिश होती रही। सूचना मिलने के बाद रोहतक के ज्यादातर पत्रकार मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन सारी कार्रवाई भास्कर के स्टेट हेड बलदेव शर्मा के आने के बाद ही हुई। पोस्टमार्टम के बाद जितेंद्र श्रीवास्तव के शव को अंतिम संस्कार के लिए इलाहाबाद भेज दिया गया।

संपादक जितेंद्र श्रीवास्तव सुसाइड प्रकरण की निष्पक्ष जांच जरूरी, कई सवाल मुंह बाए खड़े हैं….

रोहतक में दैनिक भास्कर के संपादक जितेन्द्र श्रीवास्तव की संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रेन से कटकर मौत हो जाने के मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए. कई सारे सवाल मुंह बाए खड़े हैं. कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि जितेंद्र जैसा पत्रकार आत्महत्या कर ही नहीं सकता. उनकी हत्या की गई है और पूरे घटनाक्रम को दुर्घटना का रूप दे दिया गया है. मरने के तुरंत बाद दैनिक भास्कर ने लीपापोती कर केस को बदलवा दिया. 20 घंटे तक परिवार (पत्नी ) को सूचना नहीं दी गई. पत्नी ने जब फोन किया तो बताया गया कि जितेन्द्र जी मीटिंग में हैं. लगातार चार बार पत्नी के फोन पर गलत जानकारी दी गई.

भास्कर प्रबंधन ने सात दिन में 27 इस्तीफे लिखवाए, अब तक 63 हटाए गए

पत्रकारों के शोषण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर दैनिक भास्कर अखबार एक बार फिर बड़ी संख्या में पत्रकारों के साथ कुकृत्य कर रहा है। करीब 63 पत्रकार हटाये जा रहे हैं। इनको हटाने के लिए Md सुधीर अग्रवाल ने अपने pa कामेश और  सम्पादक देवेंद्र भटनागर को जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले 7 दिन में 27 इस्तीफे लिखवा लिए गए। शनिवार को रेवाड़ी में 13 इस्तीफे लिखवाये। इनमें न्यूज़ एडिटर, dne, sub एडिटर व अन्य पत्रकार शामिल हैं।

दैनिक भास्कर रोहतक के संपादकीय प्रभारी ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या की

एक बड़ी और बुरी खबर रोहतक से आ रही है. दैनिक भास्कर के संपादकीय प्रभारी जितेंद्र श्रीवास्तव ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि उनका प्रबंधन से लेटरबाजी भी हुई थी और पिछले दिनों पानीपत में हुई मीटिंग में उनकी कुछ मुद्दों पर अपने वरिष्ठों से हाट टॉक हुई थी. पर आत्महत्या की असल वजह क्या है, इसका पता नहीं चल पाया है.