
बिनोद बिहारी वर्मा-
आये दिन बी टीम की बात होती रहती है. बहुत सरे लोग ओवैसी जी की पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताती है. हो सकता है ये सही हो. परन्तु मेरा अपना नजरिया थोड़ा अलग है. आईये मेरे नजरिये से बी टीम को समझने की कोशिश करते है.
अन्ना हजारे के आंदोलन की याद को ताजा करिये. अन्ना जी उपवास पर थे. उस समय दिल्ली और देश दोनों ही जगह कांग्रेस की सरकार थी. तो ये जाहिर सी बात है कि ये आंदोलन कांग्रेस के खिलाफ था. परन्तु फिर भी फाइव स्टार व्यवस्था थी और भारत के सबसे नामी डॉक्टर अपने टीम के साथ अन्ना जी को देख रहे थे. क्या आपको लगता है ये कवाल एक इत्तेफाक था. ये कोई इसके पीछे था.


चलिए थोड़ा और आगे चलते है. इस आंदोलन के बाद केजरीवाल साहब ने आम आदमी पार्टी बनायी और दिल्ली में इलेक्शन कांटेस्ट करने का मन बनाया. कांग्रेस और स्वर्गीय श्रीमती शीला दीक्षित के खिलाफ इनके पास एक मोटी फाइल हुआ करती थी. पता नहीं उस फाइल में क्या था. लेकिन सोचने वाली बात है कि जुम्मे -जुम्मे आठ दिन की पार्टी के पास इतने इनफॉर्मेशंस कैसे आए, किसने दिया. बाद में जब ये सरकार में आ गए तो फिर उस मोटी फाइल का क्या हुआ? बिलकुल वैसा ही हुआ जैसे विनोद राय के 2जी स्कैम और कोल स्कैम का हुआ.
अगर अभी तक समझ नहीं आया तो और आगे चलते है. इस पार्टी के अध्यक्ष साहब जिस स्टेट से आते है वहां इनको किसी ने नहीं पूछा. परन्तु देखिये पंजाब में बहुत बढ़िया परफॉरमेंस. इसका क्या अर्थ निकला जाये. जहां भी कांग्रेस सत्ता में होती है या प्रमुख विपक्षी पार्टी होती है, वहीं इस पार्टी का प्रचार प्रसार ज्यादा होता है. जहां भी बीजेपी के सामने क्षेत्रीय पार्टी होती है वहां आम आदमी पार्टी कुछ नहीं कर पाती है.
अब देखिये गोवा में भी बढ़िया प्रर्दशन रहा. ये गुजरात में बड़े जोर शोर से लगे हैं. यहां तक नार्थ ईस्ट के आसाम में भी ये आशान्वित हैं. परन्तु उत्तर प्रदेश बिहार में कुछ नहीं कर पाए. अगर मेरा अनुमान सही रहा तो इनको जरुरत के हिसाब से राजस्थान और एम पी में भी लाएंगे.

ये सारे स्टेट्स जिनके बारे में ऊपर में जिक्र किया गया, सोचिये वहां किसका नुकसान हुआ? सबसे पहले दिल्ली की बात करते है. बीजेपी का वोट पर्सन्टेज आज भी उतना ही है. फिर ‘आप’ की सरकार कैसे और किसके वोट से बनी? पंजाब में भी इनकी सरकार किसके वोट से बनी? मतलब की किसके वोट बैंक में सेंध लगाया? गोवा में भी अगर ये नहीं होते तो कांग्रेस की सरकार बननी तय थी. परन्तु फिर से बीजेपी की सरकार बन गयी. कैसे?
यही आसाम, हिमाचल और गुजरात में होने वाला है. ये जो इस समय इतनी गरमा-गर्मी चल रही है वो इसीलिए है ताकि इस पार्टी को लोग उन स्टेट्स में जान पाएं. अन्यथा सोचिये कि आज तक किसी भी स्टेट में ‘आप’ ने एक परसेंट वोट का भी डेंट नहीं लगाया! तो दुश्मनी काहे की, और डर किस बात का. आप सोचियेगा जरूर की असली बी टीम कौन सी पार्टी है और इस बी टीम के विस्तार के क्या मायने है.
लेखक बिनोद बिहारी वर्मा बैंकिंग प्रोफेशनल हैं. उनसे संपर्क binodverma@hotmail.com के जरिए किया जा सकता है.