Brihaspati Kumar Pandey-
Laadli – A Population First Initiative… दो दिन पहले पत्रकारिता के लिए जीवन के हिस्से में आई एक बड़ी उपलब्धि को मै अपने खराब सेहत के चलते सोशल मीडिया पर साझा नहीं कर पाया। लेकिन मेरे शुभचिंतकों नें मेरे इस ख़ुशी को शेयर कर मेरे हौसले को जरुर बढ़ा दिया।
21 अक्टूबर 2023 को मुझे लैंगिक संवेदनशीलता के लिए दिए जाने वाले देश के प्रतिष्ठित पुरस्कार लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड्स-2023 से नवाजा गया जो Lok Samvad Sansthan लोक संवाद संस्थान और UNFPA Indiaसंयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के सहयोग से Population First पॉपुलेशन फर्स्ट की ओर से आयोजित किया जाता है। इस प्रतिष्ठित अवार्ड का आयोजन जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में भव्य तरीके से किया गया। मुझे नार्थ रीजन से हिंदी भाषा में दिल्ली प्रेस की पत्रिका फार्म एन फ़ूड में लिखे लैंगिक संवेदनशीलता पर आधारित लेख के लिए मुख्य अतिथि बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलपति प्रोफेसर डॉ. देव स्वरूप के हाथों लाडली मीडिया रीजनल अवॉर्ड प्रदान किया गया।
देश भर से प्राप्त 13 भाषाओं की 857 प्रविष्टियों में से 87 विजेताओं के साथ 31 पत्रकारों का जूरी प्रशंसा प्रशस्ति-पत्र के लिए चयन किया गया था, जिसमें मुझे यह पुरस्कार #फार्मएनफ़ूड में प्रकाशित बिहार के समस्तीपुर के कैजिया गांव की महिलाओं की अद्भुत यात्रा और स्थानीय पशुपालकों पर किए गए परिवर्तनकारी प्रभाव पर लिखी गई स्टोरी “पशु आहार बनाने में गाँव की महिलाएं कर रहीं है तरक्की” के लिए प्रदान किया गया। मेरे इस लेख में स्वयं सहायता समूह, वित्तीय अनुशासन, समुदाय संचालित विकास और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
गौरतलब है कि लाडली मीडिया अवॉर्ड लैंगिक संवेदनशीलता के लिए दिया जाने वाला दुनिया में अपनी तरह का अनूठा पुरस्कार है। इसे मीडिया पुरस्कारों का महाकुंभ भी कहा जाता है। यह लैंगिक रूप से न्यायसंगत समाज के निर्माण के लिए मीडिया और संचार के क्षेत्र में भेदभाव को मिटाने के लिए ध्यान केंद्रित करता है।
मै पॉपुलेशन फर्स्ट और सन्स्थान मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ए.एल. शारदा मैंम का दिल से आभार करते हुए विजेताओं के चयन विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 55 सदस्यीय जूरी टीम का भी धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने मुझे और मेरी लेखनी को इस ख्यातिलब्ध अवार्ड के योग्य समझा।
इसी के साथ मै कार्यक्रम की शोभा रहे संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के पॉलिसी एवं साझेदारी प्रमुख जयदीप बिस्वास सर सहित की प्रोग्राम मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट अनुजा गुलाटी जी का, यूएनएफपीए-राजस्थान के स्टेट हेड दीपेश गुप्ता जी, राजस्थान राज्य सामाजिक कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा जी एवं राजस्थान राज्य नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी जी, लाडली कार्यक्रम की राष्ट्रीय समन्वयक और थिएटर कलाकार डॉली ठाकोर जी सहित लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याण सिंह कोठारी जी, कार्यक्रम की मेजबानी करने वाले राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संजीव भानावत जी और दूरदर्शन-आकाशवाणी, दिल्ली की एंकर डॉ. प्रियंका कटारिया जी का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान किया।
मुझे इस प्रतिष्टित मंच तक का रास्ता प्रशस्त करने वाले, पत्रकारिता और लेखनी के ककहरा सिखाने वाले दिल्ली प्रेस के संपादक आदरणीय Paresh Nath सर का दिल से शुक्र गुजार हूँ. क्यों की इस संस्थान नें मुझे एक अलग ही पहचान दी है. दिल्ली प्रेस के Farm N Food फार्म एन फ़ूड की बदौलत मुझे मिला यह दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है. फार्म एन फ़ूड की जिम्मेदारी संभाल रहे आदरणीय Bhanu Prakash Rana सर के लिए लिखने के लिए मेरे पास शब्द कम पड़ जायेंगे क्यों की कदम कदम पर मेरा हौसला बढाने वाले भानु सर नें न केवल लेखन के लिए प्रोत्साहित किया बल्कि की दिल्ली प्रेस के आदरणीय संपादक महोदय से अनुमति लेकर ऐसे प्रतिष्टित अवार्ड तक लेखों को प्रकाशित कर मेरा रास्ता प्रशस्त किया. उन्होंने मेरा हर कदम पर हौसला बढाया है.
मैं आदरणीय Sunil Pandey सर का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने बिहार के एकेआरएसपी आई में रीजनल मैनेजर रहते हुए बिहार के समस्तीपुर जिले के कैजिया गाँव की उस स्टोरी तक पहुचने में संसाधन मुहैया कराया जिस स्टोरी को इस अवार्ड के लिए चुना गया.
मेरा सीना उस समय फक्र से चौड़ा हो गया जब देश के पत्रकारिता जगत में अलग ही पहचान रखने वाले मूल रूप से बस्ती जिले के निवासी, राज्य सभा टीवी में संसदीय मामलों के संपादक रहे विभिन्न विषयों पर पुस्तकें लिखने वाले, वर्तमान में राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष के मीडिया सलाहकार आदरणीय Arvind Kumar Singh सर नें इस अवार्ड की निष्पक्षता को लेकर मुझे बधाई देते हुए अपनी टिप्पड़ी लिखी. उनकी यह टिप्पड़ी यथा स्थिति कॉपी कर रहा हूँ.
“लाडली मीडिया अवॉर्ड के लिए बहुत बधाई बृहस्पति जी। आपने जिले का गौरव बढ़ाया। लाडली मीडिया में एक दौर में मुझे भी राष्ट्रीय स्तर पर निर्णायक मंडल या जूरी का सदस्य रहने का मौक़ा मिला है। इसलिए जानता हूं कि इसकी चयन प्रक्रिया बहुत निष्पक्ष और किसी तरह के दबाव से मुक्त है। किसी कुपात्र को यह पुरस्कार मिल जाए इसकी रत्तीभर भी गुंजाइश नहीं। इसीलिए इस पुरस्कार की विशिष्ट प्रतिष्ठा है। आपको पुनश्च बधाई”
इसी के साथ मेरे इस ख़ुशी को अपनी ख़ुशी समझने वाले सैकड़ों लोगों ने व्हाट्स एप, फोन और मिल कर शुभकामना प्रेषित कर हौसला बढ़ाया। इस अवॉर्ड के मिलने के बाद मेरी लैंगिक संवेदनशीलता के प्रति लेखन की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। मैं पुनः लाडली मिडिया अवॉर्ड टीम का शुक्रगुजार हूं, साथ ही लाडली मीडिया अवार्ड से नवाजे गए अन्य पत्रकार साथियों को भी हार्दिक बधाइयाँ.