यशवंत-
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा दिया था कांग्रेस ने … गढ़ दिया भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान… छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले की असलियत परत दर परत खुल कर सामने आतीजा रही है। जैसे जैसे प्रवर्तन निदेशालय की जांच आगे बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे घोटाले करने के तौर-तरीक़ों का भी पता चलता जा रहा है। एक दो नहीं बल्कि कुल चार तरीकों से शराब घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था। ये चार तरीक़े क्या हैं, इसकी तफ़सील से कहानी अगले अंक में पढ़िए। आज कहानी का बिल्कुल ताजा अंश जानिए। घोटाले में शामिल लोगों की ईडी के अफसरों द्वारा संपत्ति अटैचमेंट करने की कार्रवाई में आज कुछ नई प्रगति की सूचना है।

ईडी उर्फ़ प्रवर्तन निदेशालय ने आज सोमवार को प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी है कि शराब घोटाले में शामिल लोगों की अब तक 184 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच करने की कार्रवाई की गई है। कुल 119 अचल संपत्तियों को ज़ब्त किया गया है। इसमें ईडी के अफसरों ने होटल कारोबारी अनवर ढेबर की 98 करोड़ 78 लाख रुपए की संपत्ति भी अटैच की है।
ईडी द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक शराब घोटाले में शामिल आईएएस अनील टूटेजा, होटल कारोबारी अनवर ढेबर सहित अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह तथा विकास अग्रवाल की 121 करोड़ 87 लाख रुपए की संपत्ति अटैच की गई है। इनमें से अनील टूटेजा की 8 करोड़ 83 लाख रुपए की 14 संपत्तियों को ईडी ने अस्थायी तौर पर अटैचमेंट किया है।
अनवर ढेबर की 98 करोड़ 78 लाख रुपए की तीन संपत्ति तथा विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू की 1 करोड़ 54 लाख रुपए की 32 संपत्ति, अरविंद सिंह की 11 करोड़ 35 लाख रुपए तथा एपी त्रिपाठी की एक करोड़ 35 लाख रुपए की संपत्ति अस्थायी तौर पर अटैच की गई है।
ईडी अफसरों ने अनवर ढेबर की जिन तीन संपत्तियों को अटैच किया है उनमें से उनकी मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन फर्म की वीआईपी रोड स्थित होटल वेनिंग्टन कोर्ट भी शामिल है। इसके पूर्व ईडी ने अनवर ढेबर की किसी दूसरे के नाम से नवा रायपुर में खरीदी गई 53 एकड़ रुपये की जमीन अटैच की है। ईडी का आरोप है कि अनवर ढेबर ने उक्त संपत्ति वर्ष 2019 से वर्ष 2022 में शराब घोटाले के पैसों से खरीदी है।
ईडी के वकील सौरभ पाण्डेय के मुताबिक शराब में जो होलोग्राम लगते थे, उस होलोग्राम कंपनी की चीफ कार्यकारी अधिकारी एपी त्रिपाठी की पत्नी थी। ईडी के वकील के मुताबिक जहां दो सौ बोतल के लिए होलोग्राम की जरूरत होती थी वहां शराब घोटाले में शामिल लोग दो हजार होलोग्राम बनवाने का आर्डर देते थे।
ईडी के वकील ने बताया है कि होटल कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन के घर से ठेकेदारों के संबंध में जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं उससे कई खुलासे हुए हैं। शराब बनाने के लिए जितनी ग्रेन तथा केमिकल की जरूरत होती है, शराब घोटाला में शामिल लोग उन ठेकेदारों से क्या डील करते थे, ये राज सामने आ रहा है।
इस बीच बीजेपी नेता केदार कश्यप शराब घोटाले को मुद्दा बना कर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं. देखें उनका ट्वीट-

जारी…
कल पढ़िए विस्तार से, किन चार तरीक़ों से किए जाता था शराब घोटाला…
पहला पार्ट पढ़िए-