बीजिंग। चीन के एक अखबार समूह के पूर्व अध्यक्ष को बचाव के नाम पर लोगों से मोटी रकम अवैध उगाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसके विरुद्ध सैकड़ों कंपनियों से लगभग साढ़े तीन करोड़ डॉलर की रकम वसूलने का आरोप है। शंघाई के अभियोजकों ने 21वीं शताब्दी मीडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रशासक शेन हाव को गिरफ्तार किया है। यह संगठन 21वीं शताब्दी विजिनेस हेराल्ड का प्रकाशन करती है। अखबार मालिक के विरुद्ध अवैध उगाही, रिश्वत खोरी और कोष के दुरुपयोग का आरोप है। कंपनी के उपाध्यक्ष चेन डोंगयांग और प्रमुख वित्त अधिकारी लीबिनो के विरुद्ध आरोप लगाया गया है। शेन और चेन को शंघाई के अधिकारियों ने सितंबर में गिरफ्तार किया था। समाचार पत्र की बेवसाइट को भी बंद करने का आदेश दिया गया था।
उधर, चीन में गोपनीय सूचनाएं लीक करने के आरोपी संवाददाता गाओ यू के खिलाफ शुक्रवार को मुकदमे की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों की भारी भीड़ तो दिखी, लेकिन मीडियाकर्मियों को इससे दूर रखा गया। एक विदेशी समाचार वेबसाइट के मुताबिक, बीजिंग के इंटरमीडियट पीपुल्स कोर्ट के पब्लिक प्रोसेक्यूटर कार्यालय द्वारा लगाए गए सरकारी गोपनीय सूचना लीक करने के आरोपों से 70 वर्षीय पत्रकार ने इंकार कर दिया।
समाचार एजेंसी एफे से टेलीफोन पर गाओ के वकील ने कहा, “गाओ की मानसिक स्थिति ठीक थी और अदालत ने उनके बोलने के अधिकार का सम्मान किया।” मामले की सुनवाई बंद कमरे में की गई और इस दौरान के परिजनों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। जाने-माने कार्यकर्ता हू जिया ने एफे से कहा कि गाओ के छोटे भाई गाओ वी तथा उनके पुत्र झाओ मेंग को अधिकारियों ने हेईबेई प्रांत जाने पर मजबूर कर दिया, ताकि वे सुनवाई के दौरान उपस्थिन नहीं रह सकें।
अधिकारियों ने सुनवाई के कवरेज से मीडिया को भी रोक दिया। हू ने कहा कि गाओ को सरकार खासकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना के लिए सजा दी गई है, जिनके बारे में वह सोचती हैं कि वे माओ जेदांग की तरह हैं, क्योंकि दोनों ही प्रतिगामी विचारधाराओं के हैं और हिंसक तथा तानाशाही चरित्र के हैं। जर्मनी के अंतर्राष्ट्रीय प्रसारक डायचे वेले के लिए फ्रीलांसिंग करने वाले गाओ को थियानमेन जनसंहार पर विचारगोष्ठी के तुरंत बाद अप्रैल में हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने गाओ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी एक गोपनीय दस्तावेज को अवैध तौर पर प्राप्त किया और उसे एक विदेशी समाचार वेबसाइट को उपलब्ध कराया, जिसके बाद उसका प्रकाशन किया गया। गाओ ने हालांकि इन आरोपों से इंकार किया।
वर्ष 1980 में लोकतंत्र के समर्थन में विरोध प्रदर्शन को लेकर गाओ को 15 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। 1993 में इसी तरह के आरोप के लिए उन्हें छह वर्षो की जेल की सजा सुनाई गई थी। मानवाधिकार संगठनों ने उनकी रिहाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार है। उच्च रक्तचाप तथा दिल की मरीज गाओ पर लगे आरोप अगर साबित हो गए, तो उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।