आज के अखबारों में छपी सबसे महत्वपूर्ण और सबके मतलब की खबर है, आरक्षण पर बांबे हाईकोर्ट का फैसला। अंग्रेजी अखबारों में तो यह पहले पन्ने पर है लेकिन हिन्दी अखबारों में सिर्फ राजस्थान पत्रिका ने इसे लीड बनाया है जबकि अंग्रेजी में यह टाइम्स ऑफ इंडिया में लीड है, इंडियन एक्सप्रेस में सेकेंड लीड और हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने पर चार कॉलम में है। हिन्दुस्तान टाइम्स के शीर्षक का अनुवाद होगा, बांबे हाईकोर्ट ने कहा, मराठा कोटा वैध है पर कम करके 12-13 प्रतिशत किए जाने की जरूरत है। इंडियन एक्सप्रेस में इस खबर का शीर्षक है, बांबे हाईकोर्ट ने कटौती के साथ मराठा कोटा को मंजूरी दी, कुल (आरक्षण) 65 प्रतिशत तक। टाइम्स ऑफ इंडिया का शीर्षक है, 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा टूट गई क्योंकि हाईकोर्ट ने मराठा कोटा को कायम रखा। जाहिर है, खबर महत्वपूर्ण है। भले ही मामला महाराष्ट्र का है पर आरक्षण का है और 50 प्रतिशत अधिकतम की सीमा टूटने का है। पर हिन्दी अखबारों में यह खबर पहले पन्ने पर है ही नहीं।
राजस्थान पत्रिका में यह खबर लीड है और यहां शीर्षक है, विशेष परिस्थिति में तोड़ सकते हैं आरक्षण की सीमा। जाहिर है, यह शीर्षक अन्य शीर्षकों के मुकाबले उत्सुकता जगाने वाला है। अखबार ने इसके साथ दो कॉलम में एक और खबर छापी है, “सियासी मायने : 1980 से मांग चुनाव से तीन महीने पहले फैसला।” यह खुलासा भी कम महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन आपके अखबार ने यह सब बताया? असल में, बांबे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सरकार के फैसले को वैध बताते हुए कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग द्वारा प्रस्तावित कोटा 16 फीसदी से घटाकर 12-13 फीसदी कर देना चाहिए। इसके अलावा, आज एक और खबर महत्वपूर्ण है। टाइम्स ऑफ इंडिया में फरीदाबाद में हत्या की यह खबर पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर सिंगल कॉलम में है।
टीओआई ने इसी पन्ने पर तीन कॉलम में कल की एक खबर छापी है जो दिल्ली पुलिस की चूक से संबंधित है। खबर के मुताबिक 2011 की एक हत्या का आरोपी राजू गहलौत अपना नाम बदलकर रोहन दहिया के नाम से गुड़गांव में रह रहा था, नौकरी भी कर रहा था। पुलिस को वर्षों सूचना नहीं मिली। जब वह मर गया तो पूरी बात सामने आई। इंडियन एक्सप्रेस ने भी यह खबर आज ही छापी है जबकि हिन्दुस्तान टाइम्स में कल ही थी। फरीदाबाद में हत्या की खबर भी आज एचटी में पहले पन्ने पर है। लेकिन इंडियन एक्सप्रेस में नहीं है। फरीदाबाद में हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता, विकास चौधरी की हत्या की खबर आज हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने पर नहीं है और दैनिक जागरण में सिंगल कॉलम में है। दिल्ली में अपराध की खबरें अमूमन पहले पन्ने पर छपती हैं लेकिन फरीदाबाद की इस हत्या की खबर पहले पन्ने पर न होना या सिंगल कॉलम में निपटा दिया जाना असाधारण है।
अमर उजाला ने फरीदाबाद में हुई हत्या की खबर को पहले पन्ने पर टॉप के दो कॉलम में छापा है। पहले पन्ने पर ही अपराध की दिल्ली की भी एक खबर है। अपराध की खबरें पढ़ी जाती हैं इसलिए छपती भी हैं। पर दिल्ली के पड़ोस की ऐसी खबर पहले पन्ने पर न होना या सिंगल कॉलम में निपटा दिया जाना चौंकाता है। फरीदाबाद की हत्या आम नहीं है। गुरुवार सुबह दो हमलावरों ने उन्हें कार के अंदर ही गोलियों से छलनी कर दिया। विकास यहां सेक्टर-9 हुडा मार्केट स्थित जिम में आए हुए थे। कार पार्क करते समय हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और फरार हो गए। जिम के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी वारदात कैद हुई है। पुलिस आयुक्त संजय कुमार ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनाई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर संवेदना जताते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति पर हरियाणा सरकार की निंदा की है। इस स्थानीय खबर के मुकाबले दैनिक हिन्दुस्तान ने नीरव के स्विस खाते सील हुए, जमानत भी नहीं – खबर को लीड बनाया है।
यह नई दिल्ली/लंदन से पीटीआई की खबर है। इसके मुताबिक, पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को दोहरा झटका लगा है। ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी की हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी है। ध्यान रहे – ब्रिटेन की अदालत ने। नीरव मार्च से जेल में है और अब तक चार बार जमानत याचिका दाखिल कर चुका है। स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने नीरव और उसकी बहन के चार स्विस बैंक खातों को सीज कर दिया है। इन खातों में 283.16 करोड़ रुपये हैं। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह पर हुई है। ईडी ने बताया था कि यह धोखाधड़ी से कमाया गया है। और इसीलिए लंदन की खबर लीड है, फरीदाबाद की पहले पन्ने से ही गायब है।
नवभारत टाइम्स ने फरीदाबाद हत्याकांड को लीड बनाया है और नीरव मोदी की खबर को फोटो के साथ पहले पन्ने पर छापा है। अखबार ने शीर्षक में ही बताया है कि 20 से ज्यादा गोलियां चलाई गईं। नवभारत टाइम्स ने पहले पन्ने पर एक और खबर छापी है, स्विस बैंकों में घटा देसी धन। अखबार ने इसका कोई कारण नहीं बताया है। अगर विदेशी बैंक में भारतीय धन सरकारी सख्ती के कारण कम हुआ है तो अच्छी खबर है और अगर भारत में चल रही मंदी के कारण कम हुआ तो यह भी बताया जाना चाहिए और तब यह पहले पन्ने की खबर नहीं रह जाती है। आम पाठक चाहे जो समझे सरकार समर्थक इसे सरकार की सख्ती का नतीजा बता सकते हैं। पीटीआई की यह खबर स्विस नैशनल बैंक की ओर से जारी डेटा के अनुसार दी गई है। खबर के मुताबिक, दो दशक में यह दूसरा सबसे निचला स्तर है। कुछ रिपोर्ट में यह गिरावट 11% बताई गई है।
अमर उजाला में नीरव मोदी की खबर भी पहले पन्ने पर है और लीड है, जापान में मोदी …. दुनिया के लिए भारत अवसरों के द्वार। उपशीर्षक है, जापान में रहने वाले भारतीय समुदाय के बीच बोले पीएम, स्पष्ट जानदेश से भरोसा और मजबूत। नीरव मोदी की खबर आज दैनिक जागरण में भी पहले पन्ने पर है। नवोदय टाइम्स में फरीदाबाद हत्याकांड लीड है। हालांकि नीरव मोदी की खबर भी पहले पन्ने पर है। लेकिन नीरव मोदी की खबर को को लीड हिन्दुस्तान ने ही बनाया है। दैनिक जागरण की लीड, भारत को घटानी होंगी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क की दरें: ट्रंप हिन्दी के किसी और अखबार में लीड नहीं है। इस खबर का उपशीर्षक है, तल्ख तेवर – मोदी से मुलाकात से कुछ घंटे पहले ट्वीट कर कहा, शुल्क वृद्धि अस्वीकार्य। यह खबर इंडियन एक्सप्रेस और हिन्दुस्तान टाइम्स में लीड है। पर महाराष्ट्र में आरक्षण की राजस्थान पत्रिका की लीड दैनिक जागरण में पहले पन्ने पर नहीं है।
वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट