Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद के नवाबगंज इलाके में कैसे हो क्राइम कंट्रोल, पुलिस की बैठक में हिस्ट्रीशीटरों को भी बुलावा

compact me published news

इलाहाबाद। कानून की खुलेआम उड़ रही धज्जियां और पुलिस का रवैया जिले के नवाबगंज थाने में मिसाल कायम कर रहा है। आमजन अचंभे में हैं कि आखिर ये हो क्या रहा है? महीने भर से गंगापार का यह इलाका मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है। चार अगस्त को एसएसपी दीपक कुमार ने मातहत अफसरों की मौजूदगी में शांति व्यवस्था के लिए बैठक का आयोजन किया था। बैठक का उद्देश्य इलाके के संभ्रांत लोगों से रूबरू होकर क्षेत्र में बेतहाशा बढ़ रहीं आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाना था। पर ये क्या! इलाके के थानेदार ने चुन-चुन कर ऐसे लोगों को बैठक में बुलाया जो पुलिस की कृपा पर पलने वाले दलाल और उनके खास थे।

compact me published news

compact me published news

इलाहाबाद। कानून की खुलेआम उड़ रही धज्जियां और पुलिस का रवैया जिले के नवाबगंज थाने में मिसाल कायम कर रहा है। आमजन अचंभे में हैं कि आखिर ये हो क्या रहा है? महीने भर से गंगापार का यह इलाका मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है। चार अगस्त को एसएसपी दीपक कुमार ने मातहत अफसरों की मौजूदगी में शांति व्यवस्था के लिए बैठक का आयोजन किया था। बैठक का उद्देश्य इलाके के संभ्रांत लोगों से रूबरू होकर क्षेत्र में बेतहाशा बढ़ रहीं आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाना था। पर ये क्या! इलाके के थानेदार ने चुन-चुन कर ऐसे लोगों को बैठक में बुलाया जो पुलिस की कृपा पर पलने वाले दलाल और उनके खास थे।

इतना ही नहीं, एसएसपी दीपक कुमार, एसपी गंगापार शफीक अहमद, दो सीओ वीरेंद्र कुमार और डॉ. जंग बहादुर सिंह यादव से लेकर इलाके की पुलिस चौकी के दरोगाओं की मौजूदगी वाली इस बैठक में इलाके के कई हिस्ट्रीशीटर और वांछित अपराधी भी न सिर्फ उपस्थित रहे बल्कि आगे की पंक्ति में कुर्सी पर सीना तान कर शुरू से लेकर आखिरी समय तक विराजमान रहे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बैठक में मीडिया को जमकर कोसा गया। कहा गया कि मीडिया जानबूझकर इसे छापकर गलत कर रहा है। हद तो तब हो गई जब खुद एसएसपी ने एसओ नवाबगंज की तारीफ के पुल बांधकर उपस्थित लोगों को संदेश देने की कोशिश की, कि ‘न खाता न बही, जो सीताराम बोले वही है सही।’ अपने संबोधन में एसएसपी ने थानेदार को नजदीक बुलाकर पुचकारने के अंदाज में कहा- पंकज तुम तो काबिल और होशियार दरोगा हो। कप्तान से शाबाशी पाकर थानेदार इतराते रहे।

उधर, इलाहाबाद से प्रकाशित अमर उजाला के सहयोगी अखबार ‘कॉम्पैक्ट’ ने 12 अगस्त को पेज 4 पर इसी से संबंधित एक चैंकाने वाली खबर की लीड लगाई है। खबर का शीर्षक है- ‘तो हिस्ट्रीशीटर के सहारे होगा क्राइम कंट्रोल?’ इस खबर में अखबार लिखता है कि क्या एसएसपी अब हिस्ट्रीशीटर और वांछित बदमाशों के जरिए क्राइम पर अंकुश लगाएंगे? क्या थानेदार ने एसएसपी की आंखों में धूल झोंकी, क्या थानेदार अपने इलाके के हिस्ट्रीशीटर को नहीं पहचानते? हिस्ट्रीशीटर की मौजूदगी में होने वाली शांति बैठक से आमजन के बीच क्या संदेश जाएगा?

Advertisement. Scroll to continue reading.

बहरहाल, इलाके में लोग दहशत का जीवन जी रहे हैं और पुलिस का रवैया शासन की मंशा और विभाग के वरिष्ठ अफसरों के दिशा निर्देशों के कितना विपरीत है, इसका अंदाज सहज ही लगाया जा सकता है।

हाल की प्रमुख वारदातों पर एक नजर:

Advertisement. Scroll to continue reading.

02 जून-लखनऊ-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कौडि़हार चैराहे पर जहां पुलिस की पिकेट ड्यूटी हमेशा लगती है, वहां संतोष यादव नामक दुकानदार और उसके बेटे को दबंगों ने जमकर पिटाई करने के बाद गोली मारी। बाजार में दहशत। विरोध में बंद रहीं दुकानें।   

13 जुलाई- भगौतीपुर में दलित युवक बजरंगी को मुफ्त में मजदूरी न करने पर उसी गांव के दबंगों ने पहले पेड़ पर उल्टा लटका कर लाठियों से पीट-पीट कर अधमरा किया फिर उसे जिंदा जमीन पर दफनाने की कोशिश की गई। उसकी मड़ही में तोड़फोड़। पुलिस में शिकायत करने पर परिजनों को शहर से अगवा करने की कोशिश की। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

31 जुलाई को मेंडारा में वर्चस्व को लेकर दो गुटों के बीच हुई फायरिंग में अनूप नामक दलित युवक की मौत।

01 अगस्त- कौडि़हार के कछार स्थित करीमुद्दीपुर में दबंगों ने दो सगे भाइयों समेत चार लोगों को गोली मार दी। चैथे युवक अंगद यादव को तो उस समय गोली मारी गई जब गांव में पुलिस तैनात थी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

03 अगस्त- लालगोपालगंज में मस्जिद के सामने दलित जाति के ही तीन युवकों को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया।

 

Advertisement. Scroll to continue reading.

इलाहाबाद से वरिष्ठ पत्रकार शिवाशंकर पांडेय की रिपोर्ट। लेखक दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान आदि अखबारों में कई साल कार्य कर चुके हैं। संपर्कः 9565694757, ईमेलः [email protected]

इसे भी पढ़ेंः

Advertisement. Scroll to continue reading.

इलाहाबाद के नवाबगंज इलाके में ताबड़तोड़ बढ़े अपराध, पुलिस की भूमिका संदिग्ध

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement