कहते हैं समय बड़ा बलवान होता है. अगर आपके पास ताकत आ जाए तो उसका घमंड नहीं करना चाहिए. लेकिन, एक बड़े न्यूज चैनल News18 डिजिटल हिंदी में निजी काम करने वाली D कंपनी उर्फ़ दया कंपनी और उसके शार्प शूटरों ने इसके विपरीत किया.
D कंपनी के भरोसेमंद शार्प शूटर रमेंद्र, राकेश, विजय, अनूप, राघवेंद्र ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करके कई निर्दोष लोगों का ‘कत्ल’ किया. यानी चैनल में जिन्होंने इनकी पत्तलचाटी नहीं की. उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने के लिए इन शार्प शूटरों ने बड़ी भूमिका निभाई.
इनकी वजह से चैनल के हिंदी डिजिटल से कई लोगों ने खुद जाना सही समझा या तो फिर इनकी प्रताड़ना से तंग आकर. आज जो इनके साथ हुआ है वो इनके कर्मों का ही परिणाम है. बस फर्क इतना है कि इन्हे जलील नहीं किया गया.
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर ऐसा था तो किसी से पहले शिकायत क्यों नहीं की गई. दरअसल, D कंपनी ने एक ऐसा जाल बिछाया था या कहे भ्रम फैलाया था कि मैं मैनेजमेंट के बहुत करीब हूं. मेरा कुछ नहीं हो सकता है. इसका उदाहरण भी देते थे. कहते थे. ये देखो, ये चैनल के वरिष्ठ है, लेकिन, मेरे खिलाफ गए और आज कहां बैठे हैं.
ये बात हर कर्मचारी को सही लगने लगी, क्योंकि इनके करीबी लोग साफ-साफ मलाई काटते हैं. लेकिन, कई लोगों को मैनेजमेंट से न्याय की उम्मीद थी और सही समय का. इनमें कई लोगों की उम्मीद टूट भी चुकी थी.
हाल ही में इस कंपनी के जाल में फंसकर एक जूनियर महिला कर्मचारी को जलील करके निकलवाया गया था. उसे अपनी सफाई भी पेश नहीं करने दी गई. क्योंकि, इनके मिलने वालों ने ऐसा भ्रम बना दिया कि वही गलत थी. खैर जो इन्होंने किया. उसकी सजा आज नहीं तो कल इन्हें जरूर मिलेगी.
वैसे ये लोग शातिर बहुत हैं. अपने आप को बचाने के लिए एक किताब का सहारा ले रहे हैं. आखिर ये किताब भी कब तक इनको बचाएगी. अंत यही होगा- सत्य जीतेगा और इनकी हार होगी.
News18 हिंदी डिजिटल का एक बेबस कर्मचारी.