-Hrishikesh Sharma-
आईआईएमसी के ओरिएंटेशन में ऑर्गनाइज़र के संपादक और दीपक चौरसिया जैसे लोगों को आमंत्रित किया गया है। मीडिया लिटरेसी पर ज्ञान देते प्रोफेसर्स को शर्म नहीं आएगी उनसे बातचीत करते हुए? क्या कोई भी आदर्श मीडिया संस्थान आज की तारीख में ऐसे पत्रकारों को बुलाना चाहेगा?
प्रकाश जावड़ेकर ने इस मौके पर पत्रकारिता की कुछ नई-नई थ्योरी बताई है। पॉज़िटिव स्टोरी करने की सलाह दी गई है। डॉ हर्षवर्धन ये बताएंगे कि कैसे चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की रिपोर्टिंग करना फ्रंट लाइन वर्कर्स का मनोबल गिराता है, और ये एंटी नेशनल एक्टिविटी है।
केंद्रीय मंत्रियों को पत्रकारिता सिखाने के लिए बुलाया जा रहा है। संजय द्विवेदी जैसे लोगों ने तो और घिना दिया है इस संस्थान को। भले यह लाल बिल्डिंग ऊपर से हमेशा खूबसूरत रहे, लेकिन अंदर से सचमुच इसे मलबे का ढेर बनाने की कोशिश है।
बस उम्मीद है तो उन जिंदा छात्रों से जो हर साल उस कैंपस में आते हैं, और वो उम्मीद और रंगत बरकरार रखते हैं…
This is IIMC. More power to these students from the new batch ❤️


कुछ प्रतिक्रियाएं देखें-


One comment on “नफरत फैलाने वाले दीपक चौरसिया को iimc के नए छात्र नापसंद करते हैं?”
ए सी कमरों में रहने वाले, कारों में घूमने वाले मीडिया लिट्रेसी पर अध्कचरा और कूड़ा ज्ञान बांटने वाले इन प्रोफेसरों को जनता की नब्ज जानने के लिए दीपक चौरसिया जैसों की सोहबत करना तब बहुत जरूरी हो जाता है जब वास्तविकता और यथार्थ से रूबरू होना हो । ऐसे ऋषिकेश शर्मा जैसे, लाल सलाम वाले, घोर अंध मोदी विरोध वाले और भारत को गजवा ए हिन्द बनाकर इस्लामीकरण की दुष्ट कामना रहने वाले जैसों के संगठित गठजोड़ पर भीषण प्रहार को हो रहे हैं इसलिए ये चीख रहे हैं गरिया रहे हैं ।सत्ता से बेदखल हो चुके नेता और राजनीतिक दल व सता की मलाई चाटने से महरूम स्वयंभू धांसू पत्रकार इस गठजोड़ के साथ खड़े दिखाई देते हैं । निर्लज्ज स्वार्थी बेईमान देशद्रोही है ये सब जनता इन सबको भाली भांति पहचान चुकी है ।