भाजपा ने दाम बढ़ाया तो दिल्ली की जनता को केजरीवाल की बिजली बिल के खिलाफ लड़ाई याद आने लगी… मोदी जब अमीरों और पूंजीपतियों के लिए ‘अच्छे दिन’ लाने में जुट गए हैं तो सवाल ये होने लगा है कि क्या गरीबों और नौकरी पेशा के लिए ‘अच्छे दिन’ लाने की औकात सिर्फ केजरीवाल में ही है!… सोशल मीडिया में इसको लेकर बहस शुरू हो चुकी है…
Sheetal P Singh : तो दिल्ली में बिजली 8.3% मंहगी हो गई । BJP ने चुनाव घोषणापत्र में 30% दाम घटाने का वादा किया था । केजरीवाल ने subsidy route से ग़रीब परिवारों को 50% की फ़ौरी राहत दी थी । बाद में बिजली कंपनियों के आडिट कैग से कराने के आदेश दिये थे । आडिट में कंपनियाँ अड़ंगे डाल रही हैं । तय हुआ कि पश्चिमी और पूर्वी सीमा पर तीर मारने समेत बिजली दरों में कमी का BJP का वादा नितांत झूठ था। केजरीवाल ने कम से कम कोशिश तो की थी, ये तो बिजली कंपनियों के वक़ील निकले! दिल्ली के वे लोग जो १२०० यूनिट या ज़्यादा बिजली consume करते हैं(७०% बीजेपी समर्थक) क़रीब २५% ज़्यादा बिजली का बिल अदा करेंगे। दरों में वृद्धि का विस्तृत आंकलन यह बताता है।
Sheetal P Singh : सवर्ण समुदाय धूर्त समाज है। उसकी सारी चालाकी ग़रीब को सताने और बराबरी का दर्जा नकारने में ख़र्च होती है पर उसकी कुटिलता उसे ही भारी पड़ती है। उसने बड़ी बेशर्मी से हर कुतर्क रचकर बीजेपी को सत्तारूढ़ किया। पर बीजेपी का हर क़दम बड़ी थैली के पक्ष में है। मंहगाई भ्रष्टाचार सुशासन सीमा सुरक्षा आतंकवाद का दमन आदि आदि सारे जार्गन कहीं से भी कांग्रेस से इतर एक इंच भी नहीं खिसके वरन कुछ बिगड़े ही हैं। सब्सिडी बहुत समय से बहुराष्ट्रीय और स्थानीय पूँजी की आँख पर है। मनमोहन उन्हीं के आदमी थे पर डरपोक थे, ये तो नघोक्ख (ढीठ) हैं। देखते जाइये क्या क्या ख़त्म करते हैं? बहुत बेचैन थे न, लीजिये कड़वी दवा!
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह के फेसबुक वॉल से.
Yashwant Singh : किधर हैं भाजपा के समर्थक… किधर हैं मोदियापा फैक्टर के कार्यकर्ता… दिल्ली में बिजली का रेट बढ़ा दिया… कहां तो केजरीवाल बिजली कंपनियों को डंडा किए था.. इनकी चोरी पकड़ने से लेकर इनके खेल को एक्सपोज कर रहा था… पर ये भाजपाई तो सीधे सीधे डकैत निकले और बड़े औद्योगिक घरानों की बिजली कंपनियों के दलाल बन गए… कम से कम बता तो दो कितनी दलाली खाई… ये भाजपाई कह कर आए थे कि बिजली के दाम तीस प्रतिशत घटाएंगे… पर इन्होंने तो 8.3 प्रतिशत बढ़ा दिया… मैं शुरू से कह रहा हूं कि ये कांग्रेसी और ये भाजपाई, दोनों एक ही आर्थिक विचार के हैं और इन दोनों के गुरु अंबानी अडानी सरीखे पूंजीपति हैं… बिजली दाम में वृद्धि को लेकर अब न तो चैनल पर मोदी की आलोचना होगी और न फेसबुक पर हाय हाय होगा… केजरीवाल के हगने पादने पर भी हंगामा मचाने वालों… अब कहां गई तुम लोगों की आवाज… शेम शेम भाजपा.. डूब मरो भाजपाई…
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.
Comments on “लुटेरी बिजली कंपनियों से भाजपा की हुई डील, तभी तो दिल्ली में बिजली के दाम में वृद्धि कर दी”
बल्किुल सही फरमाया है यशवंत जी आपने। बिजली बिलों में बढोतरी से भाजपा और मोदी की साख तो गिरी ही है, मीउिया की साख को बट्टा लग गया हैा मीडिया की खामोशी अपनी हकीकत खुद बयान कर रही है। दिल्लीवालों को एक बार पिफर सड़कों पर उतर कर विधानसभा चुनाव कराने की मांग करनी चाहिए और आप पार्टी को एक बार पिफर जबर्दस्त वोटिंग करनी चाहिए ताकि वो बहुमत के साथ सत्ता में आये और इन बिजली कंपनियों और इनके मालिकों को सबक सिखाये। केंद्र में सशक्त्ा विपक्ष न होने से भाजपा का दिमाग सातवें आसमान पर है। काश मीउिया वाले जनता का प्रतिनिधित्व करते और सड़कों पर उतरकर उसी अंदाज में लोगों की प्रतिक्रिया लेते, जैसे अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद ले रहे थे।
बेशर्मी की हद तो देखो एक हाथ बिजली के दाम बढ़ा रहे हैं और दूसरे हाथ सब्सिडी देने का नाटक कर रहे हैं! यानि कि चोर दरवाजे से जनता की जेब का पैसा अंबानी की जेब में डाल रहे हैं! चोर कहीं के, चोट्टे…….. चोर कहीं के, चोट्टे……..चोर कहीं के, चोट्टे…….. चोर कहीं के, चोट्टे……..