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सुख-दुख

कैंसर से पीड़ित वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्रपाल सिंह का निधन

Jaishankar Gupta : करीब चार दशकों की दोस्ती को एक झटके में तोड़ कर धर्मेंद्रपाल सिंह का इस तरह असमय चले जाना भारी दुख दे गया। 1980 में हमारी मुलाकात लोदी एस्टेट में स्थित असली भारत के दफ्तर में हमारी मुलाकात हुई थी। हम वहां संवाददाता सह उप संपादक थे। धर्मेंद्र हिन्दुस्तान अखबार में कार्यरत थे लेकिन हमारे संपादक, पूर्व सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रहे अजय सिंह से करीबी के कारण धर्मेंद्र वहां आते जाते या कहें सलाहकार सहयोगी की भूमिका में थे। 1997 में जब हम हिन्दुस्तान से जुड़े तब वह वहां वरिष्ठ और पुराने सहयोगी के रूप में मिले। कुछ बातों को लेकर मतभेद भी होते थे लेकिन मनभेद कभी नहीं हुए। कम मिलते थे लेकिन निजी रिश्तों में प्रगाढ़ता में कमी कभी नहीं आई। कैंसर से वह जूझ रहे थे। और कुछेक अवसरों पर और खासतौर से आपरेशन के बाद तो लगा कि उन्होंने अपराजेय कहे जानेवाले कैंसर को परास्त कर दिया है लेकिन कल रात वह इस लड़ाई को हार गए। मन बोझिल और सदमें में है। अपने बेलौस ठहाकों के लिए मशहूर मित्र को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। शोक की इस घड़ी में हमारी सहानुभूति और संवेदना सुषमा जी और उनके परिवार के साथ है।

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Jaishankar Gupta : करीब चार दशकों की दोस्ती को एक झटके में तोड़ कर धर्मेंद्रपाल सिंह का इस तरह असमय चले जाना भारी दुख दे गया। 1980 में हमारी मुलाकात लोदी एस्टेट में स्थित असली भारत के दफ्तर में हमारी मुलाकात हुई थी। हम वहां संवाददाता सह उप संपादक थे। धर्मेंद्र हिन्दुस्तान अखबार में कार्यरत थे लेकिन हमारे संपादक, पूर्व सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रहे अजय सिंह से करीबी के कारण धर्मेंद्र वहां आते जाते या कहें सलाहकार सहयोगी की भूमिका में थे। 1997 में जब हम हिन्दुस्तान से जुड़े तब वह वहां वरिष्ठ और पुराने सहयोगी के रूप में मिले। कुछ बातों को लेकर मतभेद भी होते थे लेकिन मनभेद कभी नहीं हुए। कम मिलते थे लेकिन निजी रिश्तों में प्रगाढ़ता में कमी कभी नहीं आई। कैंसर से वह जूझ रहे थे। और कुछेक अवसरों पर और खासतौर से आपरेशन के बाद तो लगा कि उन्होंने अपराजेय कहे जानेवाले कैंसर को परास्त कर दिया है लेकिन कल रात वह इस लड़ाई को हार गए। मन बोझिल और सदमें में है। अपने बेलौस ठहाकों के लिए मशहूर मित्र को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। शोक की इस घड़ी में हमारी सहानुभूति और संवेदना सुषमा जी और उनके परिवार के साथ है।

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Omkar Chaudhary :  आज एक और मित्र चले गए। वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्रपाल सिंह (पूर्व खेल संपादक हिंदुस्तान) का कल रात निधन हो गया। वे पिछले कुछ सप्ताह से रीढ़ की हड्डी के कैंसर से पीड़ित थे। जबड़े का ऑपरेशन हुआ था। तब लगा था कि सब ठीक हो गया है। कुछ दिन ठीक रहे। लेखन भी करते रहे। अचानक सुषमा भाभी का फोन आया कि कमर में तेज दर्द है। इस रविवार के लिए लेख नहीं भेज पाएंगे। मन में शंका हुई। उसी सप्ताह हाल जानने के लिए घर गया तो बिस्तर पर पाया उन्हें। बात बात पर ठहाके लगाने वाले धर्मेन्द्रपाल असहाय होकर दर्द से कराह रहे थे। मेरे बहुत बेहतरीन दोस्त थे। शुभ चिंतक थे। शानदार पत्रकार थे। बहुत पीड़ा है उनके जाने की। शब्दों में बयान करना मुश्किल है। कितने ही पल याद आ रहे हैं। मेरा अश्रुपूर्ण नमन।

Umakant Lakhera : दुखद सूचना. परम मित्र, वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्रपाल सिंह (दैनिक हिंदुस्तान के पूर्व खेल संपादक) का आज 6 जून को सुबह निधन हो गया। वे पिछले कुछ सप्ताह से रीढ की हड्डी के कैंसर से पीड़ित थे। उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 11 बजे दिल्ली में कश्मीरी गेट के निकट CNG शवदाह गृह पर किया गया। Our beloved friend Sh Dharemendra Pal Singh, a senior journalist & former Sports Editor, Dainik Hindustan has passed away today morning, He was suffering from backbone cancer for the last few weeks. The last rites conducted at CNG crematorium Nigumbodh Ghat at 11 am today (June 6, 2017).

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सौजन्य : फेसबुक

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