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डीएनई की लड़ाई रंग लाई, भास्कर ग्रुप को 3 करोड़ रुपये जमा करने के निर्देश

शशिकान्त सिंह

समूह के मराठी अखबार दिव्य मराठी को तगड़ा झटका, 3 करोड़ रुपये का बकाया पीएफ 15 दिनों में जमा करने का निर्देश

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डिप्टी न्यूज एडिटर सुधीर जगदाले की लड़ाई रंग लाई

जोखिम उठाकर और जान की परवाह न कर पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के अधिकार के तहत मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने वाले और डीबी कॉर्प के महाराष्ट्र से प्रकाशित मराठी दैनिक दिव्य मराठी को माननीय कामगार न्यायालय में सन 2019 में हराने वाले मजीठिया क्रांतिकारी सुधीर जगदाले की मेहनत एक बार फिर रंग लाई है। अब पीएफ कार्यालय ने दैनिक दिव्य मराठी प्रबंधन को लगभग 3 करोड़ 7 लाख 34 हजार 168 रुपये के बकाए का 15 दिनों में भुगतान का आदेश दिया है।

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डेप्युटी न्यूज एडिटर सुधीर जगदाले ने वर्ष 2017 को इस बावत एक शिकायत केंद्रीय भविष्य निधि कार्यालय (पीएफ ऑफिस ) को किया था। इसके बाद इस शिकायत पर 7-A की जांच के बाद यह आदेश हाल ही में दिया गया।

नियमानुसार पीएफ की कटौती ना होने की शिकायत दैनिक दिव्य मराठी के डेप्युटी न्यूज एडिटर सुधीर जगदाले ने 13 अगस्त 2017 को औरंगाबाद के केंद्रीय भविष्य निधि कार्यालय में किया था।

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इस शिकायत के बाद माननीय भविष्य निधि आयुक्त ने 7 -A के तहत जांच शुरू की। जांच के दौरान मजीठिया क्रांतिकारी सूरज जोशी और विजय वानखेड़े ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इस लड़ाई को सुधीर जगदाले के साथ मिलकर अंजाम तक पहुंचाया।

पत्रकारों और गैरपत्रकारों की सेलरी स्लीप पर बेसिक एचआरए, कन्वेन्स एलाउन्स, मेडिकल एलाउन्स, एज्युकेशन एलाउन्स, स्पेशल एलाउन्स आदि कंपोनेंट हैं। डीबी कॉर्प ने सिर्फ बेसिक पर 12 प्रतिशत पीएफ कटौती किया था। नियमानुसार स्पेशल एलाउंस पर भी 12 प्रतिशत पीएफ कटौती होना चाहिए था।

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इस संदर्भ में मा. सर्वोच्च न्यायालय ने CIVIL APEAL NO(s). 6221 OF 2011 (THE REGIONAL PROVIDENT FUND COMMISIONER (II) WEST BENGAL VERSU VIVEKANANDA VIDYAMANDIR AND OTHERS) इस प्रकरण के द्वारा दि. 28 फरवरी 2019 को लैंडमार्क जजमेंट दिया था।

स्पेशल एलाउन्स बेसिक का पार्ट है, ऐसा इस आदेश में कहा गया था जबकि दिव्य मराठी प्रबंधन स्पेशल एलाउन्स पर 12 प्रतिशत पीएफ कटौती नहीं कर रहा था।

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इस बात की जानकारी 7-A की जांच के दरम्यान जांच अधिकारी के सामने आई।

लगभग तीन साल यह जांच चली।

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कोरोना काल में इस पर थोड़ा ब्रेक लगा। मगर उसके बाद ऑन लाइन सुनवाई शुरू हुई।

दोनों पक्ष को सुनने के बाद केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने यह आदेश जारी किया।

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इस आदेशानुसार अब डीबी कॉर्प के दिव्य मराठी प्रबंधन को १५ दिनों में 3 करोड़ 7 लाख 34 हजार 168 रुपए का बकाया जमा करना पड़ेगा।

यह रकम दिव्य मराठी के सभी पत्रकारों और गैर पत्रकारों की है।

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सुधीर जगदाले की इस शिकायत की वजह से यह राशि दिव्य मराठी के सभी पत्रकारों और गैर पत्रकारों को मिलेगा। जो कर्मचारी नौकरी छोड़कर गए हैं वे भी इस रकम को प्राप्त करने के पात्र हैं।

तीन साल तक चली यह लड़ाई 13 अगस्त 2017 को सुधीर जगदाले द्वारा की गई एक शिकायत से शुरू हुई और अंजाम तक इसे सूरज जोशी और विजय वानखेड़े ने सुधीर जगदाले के साथ मिलकर पहुंचाई।

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इस दौरान अनेक साथियों ने ईमेल के जरिये भी शिकायत की। मजीठिया क्रांतिकारी सुधीर जगदाले की इस पहल पर यह कहावत सही साबित होता है हम अकेले ही चले थे जानिब-ए-मंज़िल मगर. लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया।

शशिकान्त सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
मुंबई
9322411335

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https://youtu.be/sDCC-OeVLLI
https://youtu.be/L_cGrOGKhWY
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