पवन लालचंद
एक बड़े घटनाक्रम के तहत उत्तराखंड में ईटीवी की पूरी टीम ने संपादक पवन लालचंद के नेतृत्व में इस्तीफा देकर जी मीडिया ग्रुप ज्वाइन कर लिया है. इस उलटफेर के पीछे वजह जगदीश चंद्र का ईटीवी छोड़कर जी मीडिया जाना बताया जा रहा है. जगदीश चंद्र के ईटीवी छोड़ने के बाद से उनके पीछे पीछे अब तक कई दर्जन लोग ईटीवी को अलविदा कह जी मीडिया के साथ जुड़ रहे हैं.
राजस्थान में भी ईटीवी की पूरी टीम रिजाइन कर जी मीडिया से जुड़ गई थी. अब उत्तराखंड में ईटीवी का सूपड़ा साफ हो गया है. ईटीवी उत्तराखंड के संपादक पवन लालचंद ने एफबी पर खुद के ईटीवी से रिजाइन करने और जी मीडिया देहरादून में बतौर रेजीडेंट एडिटर ज्वाइन करने के बारे में लिखकर जानकारी अपने परिचितों को दे दी है. सूत्रों का कहना है कि पवन समेत करीब 19 लोग जी मीडिया पहुंचे हैं. एडिटर पवन लालचंद के अलावा जिन 18 लोगों ने इस्तीफा दिया है, उनका विवरण इस प्रकार है-
एसाइनमेंट हेड योगेश योगी
रिपोर्टर- फहीम तन्हा, मयंक राय, कुलदीप नेगी, संदीप गुसाईं, खुर्रम शम्सी और रामानुज.
कंट्रोल रूम पूरा खाली हो गया है- परवीन नेगी, शुभम शर्मा, मुनीश रियाल, कविता जोशी, संदीप पंवार और सुदर्शन शर्मा.
कैमरामैन- विभु कांडपाल, देशराज सिंह, सोहन परमार, संदीप बडोला और अमरेश भट्ट।
पढ़िए ईटीवी उत्तराखंड के संपादक पवन लालचंद ने क्या लिखा है फेसबुक पर….
A change is always painful but future challenges will compensate it, as we know challenges are milestones of new opportunities. we will make it prove.
मन में उत्साह और उदासी का मिश्रित भाव बना हुआ है. सात फरवरी २००५ को पहली बार ईटीवी दफ्तर में दाख़िल हुआ था और सत्रह जनवरी २०१७ को अलविदा कह रहा हूँ. एक रिसर्चर से लेकर एडिटर उत्तराखंड तक का दिल्ली से देहरादून का ये सफर शानदार जानदार नामदार रहा. ईटीवी हमेशा यादों में ताज़ा रहेगा, इस दौरान सीनियर्स का स्पोर्ट मिलता रहा और सहयोगियों का ज़बरदस्त समर्थन साथ भी. खासकर उत्तराखंड की जुझारू टीम का भरपूर सहयोग मिला. सबका आभार.
जीवन बदलाव माँगता है और पेशेवर क्षेत्र में मेरी जड़ता करीब बारह बरस में टूटी है, ये मेरा आलस्य तो नहीं था न अवसरों का सन्नाटा बल्कि ये काफी सबूत है अपने पूर्ववती संस्थान के प्यार मुहब्बत समर्थन का कि चलते चला गया. अब ज़ी मीडिया देहरादून में बतौर रेज़ीडेंट एडिटर नयी पारी का आगाज कर रहा हूँ. आपके प्यार और हौसलाअफ़जाई का तलबगार हूँ. और हाँ जो साथी मेरे ऊपर भरोसा जता कर सफर के हमराह बने हैं उनकी मोहब्बतों में कोई कमी न आये ये वादा है खुद से. ईटीवी के सभी साथी मेरी खबरों की आपाधापी में की गयी गुस्ताखियों जल्दबाजियों को माफ करेंगे। शुक्रिया
Ramesh babbar
January 18, 2017 at 9:46 am
Uttarakhand congrees ki tarah yahan bhi dalbadal